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जुर्माना पर हिंदी शायराना अल्फ़ाज़ |
Jurmana shayari hindi
उन को ख़ला में कोई नज़र आना चाहिए
आँखों को टूटे ख़्वाब का हर्जाना चाहिए
- अमीर इमाम
अब झुकूँगा तो टूट जाऊँगा
कैसे अब और मैं झुकूं साहब
कुछ रिवायात की गवाही पर
कितना जुर्माना मैं भरूँ साहब
- जावेद अख़्तर
Shayari on jurmana
बुरे दिनों का आना-जाना लगा रहेगा
सुख-दुख का ये ताना-बाना लगा रहेगा
मैं कहता हूँ मेरा कुछ अपराध नहीं है
मुंसिफ़ कहता है जुर्माना लगा रहेगा
-ज्ञान प्रकाश विवेक
सियासत के अगर बस में हो 'गौहर'
मोहब्बत पर भी वो जुर्माना कर दे
- तनवीर गौहर
Harzana shayari जुर्माना शायरी
आँसू पहली शर्त है इस समझौते की
ग़म तो साँसों का जुर्माना होता है
- शकील जमाली
हम अपनी जान से देते तुम्हें सदक़ा मोहब्बत का
मगर तुम ने तो चाहा इस को जुर्माना बना देना
- मोहम्मद आज़म
देना पड़े कुछ ही हर्जाना सच ही लिखते जाना
मत घबराना मत डर जाना सच ही लिखते जाना
- हबीब जालिब
पहले साबित होता है उस से मलने का जुर्म
और फिर मुझ पे यादों का जुर्माना होता है
-सरफ़राज़ ख़ालिद
जुर्माना शायरी हिंदी
छोटी-मोटी बात हो तो जिंस-ए-ग़म देते रहो
जुर्म हो संगीन तो ख़ुशियों का जुर्माना करो
- सुलतान रशक
एक ज़रा सी देर हुई क्या उस की गली तक जाने में
तन्हाई की शक्ल में अब तक भरते हैं जुर्माना हम
- ग़ुलाम मुस्तफ़ा फ़राज़
वो इक मज़ाक़ जिसे लोग इश्क़ कहते हैं
मैं उस मज़ाक़ का जुर्माना भर के आया हूँ
- क़मर साक़ी
Jurmana shayari in urdu