सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

2020 Bhagat Singh Par Shayari, Bhagat Singh Quotes

 
2020 Bhagat Singh Par Shayari, Bhagat Singh Quotes
Bhagat Singh Quotes



Bhagat singh jayanti 2020 date भगत सिंह उर्दू शायरी 2020 Bhagat Singh Par Shayari भगत सिंह शायरी इन हिंदी bhagat singh shayari in hindi भगत सिंह शायरी bhagat singh urdu information भगत सिंह की मशहूर पंक्तियां bhagat singh poetry in hindi 



कहूं किससे मैं कि क्या है, शबे ग़म बुरी बला है 
मुझे क्या बुरा था मरना, अगर एक बार होता 
- ग़ालिब



सजाकर मैयते उम्मीद नाकामी के फूलों से 
किसी बेदर्द ने रख दी मेरे टूटे हुए दिल में 

छेड़ ना ऐ फरिश्ते तू ज़िक्रे ग़मे जानाना
क्यूं याद दिलाते हो भूला हुआ अफ़साना 



न पूछ 'इक़बाल' का ठिकाना अभी वही कैफ़ियत है उस की 
कहीं सर-ए-राहगुज़ार बैठा सितम-कश-ए-इंतिज़ार होगा 
- अल्लामा इक़बाल



दिल दे तो इस मिज़ाज का परवरदिगार दे 
जो ग़म की घड़ी को  भी ख़ुशी से गुज़ार दे 
-दाग़ देहलवी






भगत सिंह कोट्स bhagat singh quotes भगत सिंह पोएट्री bhagat singh famous slogan in hindi bhagat singh information, bhagat singh history, भगत सिंह 2020 भगत सिंह जयंती 2020 डेट 




 
नशा पिला के गिराना तो सबको आता है
मज़ा तो जबकि गिरतों को थाम ले साक़ी
- ग़ालिब 





रहेगी आबोहवा में ख़याल की बिजली
ये मुश्त ख़ाक है फ़ानी रहे रहे न रहे ।
-बृज नारायण चकबस्त



ख़ुदा के आशिक़ तो हैं हज़ारों बनों में फिरते हैं मारे मारे 
मैं उस का बंदा बनूँगा जिस को ख़ुदा के बंदों से प्यार होगा 
-अल्लामा इक़बाल



मैं वो चिराग हूं जिसको फरोगेहस्ती में 
करीब सुबह रौशन किया, बुझा भी दिया 



औरों का है पयाम और मेरा पयाम और है 
इश्क़ के दर्द-मंद का तर्ज़-ए-कलाम और है 
- अल्लामा इक़बाल





bhagat singh urdu information भगत सिंह की मशहूर पंक्तियां bhagat singh poetry in hindi 




तुझे शाख-ए-गुल से तोड़ें ज़हे-नशीब तेरे
तड़पते रह गए गुलज़ार में रक़ीब तेरे



जाते हुए कहते हो क़यामत को मिलेंगे 
क्या ख़ूब क़यामत का है गोया कोई दिन और 
-मिर्ज़ा ग़ालिब




वहीं बैठे रहो, बस दूर ही से बात करते हैं 
जफ़ा कैसी, वफ़ा से भी तुम्हारी हम तो डरते हैं


दैर नहीं हरम नहीं दर नहीं आस्ताँ नहीं 
बैठे हैं रहगुज़र पे हम ग़ैर हमें उठाए क्यूँ 
-मिर्ज़ा ग़ालिब




आह करूं तो जग जले, और जंगल भी जल जाए 
पापी जियरा न जले जिसमें आह समाए 



आज क्यों परवा नहीं अपने असीरों की तुझे 
कल तलक तेरा भी दिल महरो वफ़ा का बाब था 

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

एक दिन अचानक हिंदी कहानी, Hindi Kahani Ek Din Achanak

एक दिन अचानक दीदी के पत्र ने सारे राज खोल दिए थे. अब समझ में आया क्यों दीदी ने लिखा था कि जिंदगी में कभी किसी को अपनी कठपुतली मत बनाना और न ही कभी खुद किसी की कठपुतली बनना. Hindi Kahani Ek Din Achanak लता दीदी की आत्महत्या की खबर ने मुझे अंदर तक हिला दिया था क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. फिर मुझे एक दिन दीदी का वह पत्र मिला जिस ने सारे राज खोल दिए और मुझे परेशानी व असमंजस में डाल दिया कि क्या दीदी की आत्महत्या को मैं यों ही व्यर्थ जाने दूं? मैं बालकनी में पड़ी कुरसी पर चुपचाप बैठा था. जाने क्यों मन उदास था, जबकि लता दीदी को गुजरे अब 1 माह से अधिक हो गया है. दीदी की याद आती है तो जैसे यादों की बरात मन के लंबे रास्ते पर निकल पड़ती है. जिस दिन यह खबर मिली कि ‘लता ने आत्महत्या कर ली,’ सहसा विश्वास ही नहीं हुआ कि यह बात सच भी हो सकती है. क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. शादी के बाद, उन के पहले 3-4 साल अच्छे बीते. शरद जीजाजी और दीदी दोनों भोपाल में कार्यरत थे. जीजाजी बैंक में सहायक प्रबंधक हैं. दीदी शादी के पहले से ही सूचना एवं प्रसार कार्यालय में स्टैनोग्राफर थीं.

Hindi Family Story Big Brother Part 1 to 3

  Hindi kahani big brother बड़े भैया-भाग 1: स्मिता अपने भाई से कौन सी बात कहने से डर रही थी जब एक दिन अचानक स्मिता ससुराल को छोड़ कर बड़े भैया के घर आ गई, तब भैया की अनुभवी आंखें सबकुछ समझ गईं. अश्विनी कुमार भटनागर बड़े भैया ने घूर कर देखा तो स्मिता सिकुड़ गई. कितनी कठिनाई से इतने दिनों तक रटा हुआ संवाद बोल पाई थी. अब बोल कर भी लग रहा था कि कुछ नहीं बोली थी. बड़े भैया से आंख मिला कर कोई बोले, ऐसा साहस घर में किसी का न था. ‘‘क्या बोला तू ने? जरा फिर से कहना,’’ बड़े भैया ने गंभीरता से कहा. ‘‘कह तो दिया एक बार,’’ स्मिता का स्वर लड़खड़ा गया. ‘‘कोई बात नहीं,’’ बड़े भैया ने संतुलित स्वर में कहा, ‘‘एक बार फिर से कह. अकसर दूसरी बार कहने से अर्थ बदल जाता है.’’ स्मिता ने नीचे देखते हुए कहा, ‘‘मुझे अनिमेष से शादी करनी है.’’ ‘‘यह अनिमेष वही है न, जो कुछ दिनों पहले यहां आया था?’’ बड़े भैया ने पूछा. ‘‘जी.’’ ‘‘और वह बंगाली है?’’ बड़े भैया ने एकएक शब्द पर जोर देते हुए पूछा. ‘‘जी,’’ स्मिता ने धीमे स्वर में उत्तर दिया. ‘‘और हम लोग, जिस में तू भी शामिल है, शुद्ध शाकाहारी हैं. वह बंगाली तो अवश्य ही

Maa Ki Shaadi मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था?

मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? समीर की मृत्यु के बाद मीरा के जीवन का एकमात्र मकसद था समीरा को सुखद भविष्य देना. लेकिन मीरा नहीं जानती थी कि समीरा भी अपनी मां की खुशियों को नए पंख देना चाहती थी. संध्या समीर और मैं ने, परिवारों के विरोध के बावजूद प्रेमविवाह किया था. एकदूसरे को पा कर हम बेहद खुश थे. समीर बैंक मैनेजर थे. बेहद हंसमुख एवं मिलनसार स्वभाव के थे. मेरे हर काम में दिलचस्पी तो लेते ही थे, हर संभव मदद भी करते थे, यहां तक कि मेरे कालेज संबंधी कामों में भी पूरी मदद करते थे. कई बार तो उन के उपयोगी टिप्स से मेरे लेक्चर में नई जान आ जाती थी. शादी के 4 वर्षों बाद मैं ने प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया. उस के नामकरण के लिए मैं ने समीरा नाम सुझाया. समीर और मीरा की समीरा. समीर प्रफुल्लित होते हुए बोले, ‘‘यार, तुम ने तो बहुत बढि़या नामकरण कर दिया. जैसे यह हम दोनों का रूप है उसी तरह इस के नाम में हम दोनों का नाम भी समाहित है.’’ समीरा को प्यार से हम सोमू पुकारते, उस के जन्म के बाद मैं ने दोनों परिवारों मे