सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Amazon ने लॉन्च किया बायोमेट्रिक पेमेंट सिस्टम, हाथ दिखाकर कर सकेंगे पेमेंट

 

Amazon ने लॉन्च किया बायोमेट्रिक पेमेंट सिस्टम, हाथ दिखाकर कर सकेंगे पेमेंट

Amazon One Biometric Payments Launched Lets You Pay By Hand-waving


 

 Amazon biometric payment अमेजन ने एक नए बायोमेट्रिक पेमेंट सिस्टम को लॉन्च करके पूरी दुनिया को चौंका दिया है। अमेजन के इस बायोमेट्रिक पेमेंट सिस्टम की खासियत यह है कि आप सिर्फ हाथ दिखाकर किसी भी तरह का पेमेंट कर सकते हैं। अमेजन के इस पेमेंट सिस्टम से ऑफिस और स्टेडियम में एंट्री की राह भी आसान होगी।

 


Amazon biometric device

 
अमेजन ने इसे अमेजन वन नाम दिया है जिसके जरिए आसानी से कॉन्टेक्टलेस पेमेंट की जा सकेगी। इसके अलावा किसी गेट पर यह गेट पास का भी काम करेगा। अमेजन इसका इस्तेमाल वाशिंगटन के अपने रिटेल स्टोर्स में करेगी। अमेजन के उपाध्यक्ष दिलीप कुमार ने कहा कि यह सिस्टम लोगों के लिए फास्ट, सिक्योर और विश्वसनीय साबित होगा।

 

 

ये भी पढ़ें Realme Narzo 20

 

 


Amazon One किसी भी तरह के पेमेंट के लिए हथेलियों का इस्तेमाल करता है। एक बार रजिस्टर्ड होने के बाद आप सिर्फ हाथ दिखाकर पेमेंट कर सकेंगे। अमेजन ने कहा कि उसके स्टोर्स में जल्द ही इस सिस्टम को इंस्टॉल किया जाएगा। इसका फायदा यह होगा कि आपको किसी तरह के कार्ड को लेकर शॉपिंग करने जाने की जरूरत नहीं होगी। कंपनी का कहना है कि अपने इस नए सिस्टम के लिए वह ग्राहकों से फीडबैक ले रही है।

 

 

biometric payment system
बता दें कि अमेजन से पहले चीन में अलीपे ने स्माइल टू पे सिस्टम पेश किया है। इस सिस्टम के तहत आईपैड की साइज की एक डिवाइस का इस्तेमाल किया गया है जिसके जरिए यूडर्स चेहरा दिखाकर पेमेंट कर सकते हैं, हालांकि इस तरह के बायोमेट्रिक पेमेंट सिस्टम के साथ प्राइवेसी को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। एक्सपर्ट का मानना है कि इस तरह के सिस्टम से हैकर्स की राह आसान रहेगी।

 

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

एक दिन अचानक हिंदी कहानी, Hindi Kahani Ek Din Achanak

एक दिन अचानक दीदी के पत्र ने सारे राज खोल दिए थे. अब समझ में आया क्यों दीदी ने लिखा था कि जिंदगी में कभी किसी को अपनी कठपुतली मत बनाना और न ही कभी खुद किसी की कठपुतली बनना. Hindi Kahani Ek Din Achanak लता दीदी की आत्महत्या की खबर ने मुझे अंदर तक हिला दिया था क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. फिर मुझे एक दिन दीदी का वह पत्र मिला जिस ने सारे राज खोल दिए और मुझे परेशानी व असमंजस में डाल दिया कि क्या दीदी की आत्महत्या को मैं यों ही व्यर्थ जाने दूं? मैं बालकनी में पड़ी कुरसी पर चुपचाप बैठा था. जाने क्यों मन उदास था, जबकि लता दीदी को गुजरे अब 1 माह से अधिक हो गया है. दीदी की याद आती है तो जैसे यादों की बरात मन के लंबे रास्ते पर निकल पड़ती है. जिस दिन यह खबर मिली कि ‘लता ने आत्महत्या कर ली,’ सहसा विश्वास ही नहीं हुआ कि यह बात सच भी हो सकती है. क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. शादी के बाद, उन के पहले 3-4 साल अच्छे बीते. शरद जीजाजी और दीदी दोनों भोपाल में कार्यरत थे. जीजाजी बैंक में सहायक प्रबंधक हैं. दीदी शादी के पहले से ही सूचना एवं प्रसार कार्यालय में स्टैनोग्राफर थीं.

Hindi Family Story Big Brother Part 1 to 3

  Hindi kahani big brother बड़े भैया-भाग 1: स्मिता अपने भाई से कौन सी बात कहने से डर रही थी जब एक दिन अचानक स्मिता ससुराल को छोड़ कर बड़े भैया के घर आ गई, तब भैया की अनुभवी आंखें सबकुछ समझ गईं. अश्विनी कुमार भटनागर बड़े भैया ने घूर कर देखा तो स्मिता सिकुड़ गई. कितनी कठिनाई से इतने दिनों तक रटा हुआ संवाद बोल पाई थी. अब बोल कर भी लग रहा था कि कुछ नहीं बोली थी. बड़े भैया से आंख मिला कर कोई बोले, ऐसा साहस घर में किसी का न था. ‘‘क्या बोला तू ने? जरा फिर से कहना,’’ बड़े भैया ने गंभीरता से कहा. ‘‘कह तो दिया एक बार,’’ स्मिता का स्वर लड़खड़ा गया. ‘‘कोई बात नहीं,’’ बड़े भैया ने संतुलित स्वर में कहा, ‘‘एक बार फिर से कह. अकसर दूसरी बार कहने से अर्थ बदल जाता है.’’ स्मिता ने नीचे देखते हुए कहा, ‘‘मुझे अनिमेष से शादी करनी है.’’ ‘‘यह अनिमेष वही है न, जो कुछ दिनों पहले यहां आया था?’’ बड़े भैया ने पूछा. ‘‘जी.’’ ‘‘और वह बंगाली है?’’ बड़े भैया ने एकएक शब्द पर जोर देते हुए पूछा. ‘‘जी,’’ स्मिता ने धीमे स्वर में उत्तर दिया. ‘‘और हम लोग, जिस में तू भी शामिल है, शुद्ध शाकाहारी हैं. वह बंगाली तो अवश्य ही

Maa Ki Shaadi मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था?

मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? समीर की मृत्यु के बाद मीरा के जीवन का एकमात्र मकसद था समीरा को सुखद भविष्य देना. लेकिन मीरा नहीं जानती थी कि समीरा भी अपनी मां की खुशियों को नए पंख देना चाहती थी. संध्या समीर और मैं ने, परिवारों के विरोध के बावजूद प्रेमविवाह किया था. एकदूसरे को पा कर हम बेहद खुश थे. समीर बैंक मैनेजर थे. बेहद हंसमुख एवं मिलनसार स्वभाव के थे. मेरे हर काम में दिलचस्पी तो लेते ही थे, हर संभव मदद भी करते थे, यहां तक कि मेरे कालेज संबंधी कामों में भी पूरी मदद करते थे. कई बार तो उन के उपयोगी टिप्स से मेरे लेक्चर में नई जान आ जाती थी. शादी के 4 वर्षों बाद मैं ने प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया. उस के नामकरण के लिए मैं ने समीरा नाम सुझाया. समीर और मीरा की समीरा. समीर प्रफुल्लित होते हुए बोले, ‘‘यार, तुम ने तो बहुत बढि़या नामकरण कर दिया. जैसे यह हम दोनों का रूप है उसी तरह इस के नाम में हम दोनों का नाम भी समाहित है.’’ समीरा को प्यार से हम सोमू पुकारते, उस के जन्म के बाद मैं ने दोनों परिवारों मे