सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Birthday Of Paul Walker : सड़क हादसे का शिकार हुए थे पॉल वॉकर, मौत के सात साल बाद करोड़ों में नीलाम हुईं थीं गाड़ियां


Birthday Of Paul Walker
 Paul Walker




Birthday Of Paul Walker

'फास्ट एंड फ्यूरियस' सीरीज का नाम लेते ही जो सबसे पहला नाम पॉल वॉकर का याद आता है। पॉल वॉकर यदि आज हमारे बीच होते तो वो अपना 47वां जन्मदिन मना रहे होते। 12 सितंबर 1973 को पॉल वॉकर का जन्म हुआ था। उन्होंने साल 1985 में 11 साल की उम्र में टेलीविजन से अपने काम की शुरुआत की थी। पॉल ने फिल्में करने से पहले "हाईवे टू हेवन", "ए टच्ड बाई एन एंजेल", "थ्रोब" और अन्य टीवी शोज में काम किया। Monster in the Closet पॉल की पहली फिल्म थी जिसमें उन्होंने काम किया था। ये फिल्म 1986 में रिलीज हुई थी। इसके बाद पॉल ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।







पॉल वॉकर की मां चेरिल एक फैशन मॉडल थीं और उनके पिता ठेकेदार थे। वह चार भाई बहनों में सबसे बड़े थे। वॉकर की जिंदगी बहुत सादी थी। न कभी किसी स्कैंडल में उनका नाम आया, न कोई सेंसेशनल मूमेंट वायरल हुआ। लोग वॉकर को फास्ट एंड फ्यूरियस सीरीज के हीरो के रूप में जानते हैं। उन्होंने टीवी सीरीज के अलावा 25 के लगभग फिल्मों में काम किया था।









पॉल कार के बेहद शौकीन थे और उनकी मौत भी एक भीषण कार हादसे में हुई थी। पॉल वॉकर 30 नवंबर 2013 को अपनी कंपनी के एक चैरिटी फंक्शन में जा रहे थे इस दौरान उनकी एक भीषण हादसे का शिकार हो गई। इस हादसे ने पॉल की जान ले ली। पॉल को कार रेसिंग का बहुत अच्छा अनुभव था। उनके बारे में कहा जाता था कि वो कार में 42 बार प्रति मिनट के हिसाब से गियर बदलते थे। इस हादसे के बाद उनके फैंस का कहना था कि यदि उस दिन कार वॉकर ही चला रहे होते तो ये हादसा कभी नहीं होता।




Birthday Of Paul Walker
Birthday Of Paul Walker









पॉल वॉकर को कारों का बहुत शौक था जिसके चलते उन्होंने कई कारें खरीदी थीं। उनके पास 18 कार और तीन मोटरसाइकिल थीं। उनके निधन के करीब सात साल बाद उनकी सभी गाड़ियों की नीलामी की गई। इस नीलामी में उनके फैंस ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। और उनकी सभी गाड़ियां 2.33 मिलियन डॉलर (भारतीय रुपये के हिसाब से करीब 16 करोड़ रुपये) में बिकी थीं। इस नीलामी की रकम को वॉकर की बेटी मैडो के एक ट्रस्ट को दिया गया।











पॉल वॉकर फिल्म ‘फास्ट एंड फ्यूरियस’ की फ्रेंचाइजी का एक जाना माना चेहरा रहे हैं। पॉल का जब निधन हुआ तब वो 'फास्ट एंड फ्यूरियस 7' में काम कर रहे थे। इसके अलावा वह एक पॉप्युलर सस्पेंस ड्रामा 'आवर' में भी नजर आए थे। सिर्फ फिल्मों में ही नहीं रियल लाइफ में भी पॉल को गाड़ियों का बहुत शौक था। उनके पास एक अच्छा खासा गाड़ियों का कलेक्शन था। पॉल अपने खाली समय में कई रेसिंग सीरीज में हिस्सा लेते रहे हैं। उन्होंनें 'रेडलाइट टाइम अटैक रेसिंग सीरीज' में भी हिस्सा लिया था।






















इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

एक दिन अचानक हिंदी कहानी, Hindi Kahani Ek Din Achanak

एक दिन अचानक दीदी के पत्र ने सारे राज खोल दिए थे. अब समझ में आया क्यों दीदी ने लिखा था कि जिंदगी में कभी किसी को अपनी कठपुतली मत बनाना और न ही कभी खुद किसी की कठपुतली बनना. Hindi Kahani Ek Din Achanak लता दीदी की आत्महत्या की खबर ने मुझे अंदर तक हिला दिया था क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. फिर मुझे एक दिन दीदी का वह पत्र मिला जिस ने सारे राज खोल दिए और मुझे परेशानी व असमंजस में डाल दिया कि क्या दीदी की आत्महत्या को मैं यों ही व्यर्थ जाने दूं? मैं बालकनी में पड़ी कुरसी पर चुपचाप बैठा था. जाने क्यों मन उदास था, जबकि लता दीदी को गुजरे अब 1 माह से अधिक हो गया है. दीदी की याद आती है तो जैसे यादों की बरात मन के लंबे रास्ते पर निकल पड़ती है. जिस दिन यह खबर मिली कि ‘लता ने आत्महत्या कर ली,’ सहसा विश्वास ही नहीं हुआ कि यह बात सच भी हो सकती है. क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. शादी के बाद, उन के पहले 3-4 साल अच्छे बीते. शरद जीजाजी और दीदी दोनों भोपाल में कार्यरत थे. जीजाजी बैंक में सहायक प्रबंधक हैं. दीदी शादी के पहले से ही सूचना एवं प्रसार कार्यालय में स्टैनोग्राफर थीं.

Hindi Family Story Big Brother Part 1 to 3

  Hindi kahani big brother बड़े भैया-भाग 1: स्मिता अपने भाई से कौन सी बात कहने से डर रही थी जब एक दिन अचानक स्मिता ससुराल को छोड़ कर बड़े भैया के घर आ गई, तब भैया की अनुभवी आंखें सबकुछ समझ गईं. अश्विनी कुमार भटनागर बड़े भैया ने घूर कर देखा तो स्मिता सिकुड़ गई. कितनी कठिनाई से इतने दिनों तक रटा हुआ संवाद बोल पाई थी. अब बोल कर भी लग रहा था कि कुछ नहीं बोली थी. बड़े भैया से आंख मिला कर कोई बोले, ऐसा साहस घर में किसी का न था. ‘‘क्या बोला तू ने? जरा फिर से कहना,’’ बड़े भैया ने गंभीरता से कहा. ‘‘कह तो दिया एक बार,’’ स्मिता का स्वर लड़खड़ा गया. ‘‘कोई बात नहीं,’’ बड़े भैया ने संतुलित स्वर में कहा, ‘‘एक बार फिर से कह. अकसर दूसरी बार कहने से अर्थ बदल जाता है.’’ स्मिता ने नीचे देखते हुए कहा, ‘‘मुझे अनिमेष से शादी करनी है.’’ ‘‘यह अनिमेष वही है न, जो कुछ दिनों पहले यहां आया था?’’ बड़े भैया ने पूछा. ‘‘जी.’’ ‘‘और वह बंगाली है?’’ बड़े भैया ने एकएक शब्द पर जोर देते हुए पूछा. ‘‘जी,’’ स्मिता ने धीमे स्वर में उत्तर दिया. ‘‘और हम लोग, जिस में तू भी शामिल है, शुद्ध शाकाहारी हैं. वह बंगाली तो अवश्य ही

Maa Ki Shaadi मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था?

मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? समीर की मृत्यु के बाद मीरा के जीवन का एकमात्र मकसद था समीरा को सुखद भविष्य देना. लेकिन मीरा नहीं जानती थी कि समीरा भी अपनी मां की खुशियों को नए पंख देना चाहती थी. संध्या समीर और मैं ने, परिवारों के विरोध के बावजूद प्रेमविवाह किया था. एकदूसरे को पा कर हम बेहद खुश थे. समीर बैंक मैनेजर थे. बेहद हंसमुख एवं मिलनसार स्वभाव के थे. मेरे हर काम में दिलचस्पी तो लेते ही थे, हर संभव मदद भी करते थे, यहां तक कि मेरे कालेज संबंधी कामों में भी पूरी मदद करते थे. कई बार तो उन के उपयोगी टिप्स से मेरे लेक्चर में नई जान आ जाती थी. शादी के 4 वर्षों बाद मैं ने प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया. उस के नामकरण के लिए मैं ने समीरा नाम सुझाया. समीर और मीरा की समीरा. समीर प्रफुल्लित होते हुए बोले, ‘‘यार, तुम ने तो बहुत बढि़या नामकरण कर दिया. जैसे यह हम दोनों का रूप है उसी तरह इस के नाम में हम दोनों का नाम भी समाहित है.’’ समीरा को प्यार से हम सोमू पुकारते, उस के जन्म के बाद मैं ने दोनों परिवारों मे