सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Jokes Hindi Husband Wife Funny Joke's जो पति दिन में अपनी पत्नी के सामने जुबान नहीं खोल पाते मजेदार जोक्स

जो पति दिन में अपनी पत्नी के सामने जुबान नहीं खोल पाते मजेदार जोक्स  

Husband Wife Funny Joke's
Husband Wife Funny Joke's





जो पति दिन में अपनी पत्नी के सामने जुबान नहीं खोल पाते ...

वेरात में खरटि लेकर अपना बदला पूरा करते हैं ।




2

प्रश्न- दुनिया में सबसे ज्यादा झूठ कहां बोला जाता है ? उत्तर- प्रेम पत्र और छुट्टी के प्रार्थना पत्र में । 




3


गोबर आलराउंडर है जनाब ... खेत में पड़े तो खाद , चूल्हे में पड़े तो ईधन और दिमाग में पड़े तो आशिक बना देता है ।



4


जिस तरह फेसबुक और व्हाट्सएप का चलन बढ़ा है, 


आने वाले वक्त में मां अपने बच्चों से बोलेगी- 


.


.


.


तुझे पालने के लिए 10-10 घंटे ऑफलाइन रही हूं, 


तब जाकर बड़ा हुआ है तू...!!!





5



पोस्टमैन ने डोरबेल बजाई...


एक लड़का मुंह में सिगरेट और हाथ में बीयर की बोतल लेकर बाहर आया... 


पोस्टमैन - बेटा, पापा घर में हैं?







6







टीटी ने पप्पू को प्लेटफॉर्म पर पकड़ लिया...


टीटी - टिकट दिखाओ...


.


पप्पू - अरे मैं ट्रेन में आया ही नहीं...


.


टीटी - क्या सबूत है...?


.


पप्पू - अबे सबूत यही है कि मेरे पास टिकट नहीं है...






7



लड़का - आपको मुझे देख के लगता है कि पापा घर पर होंगे...!!!


.


मास्टर जी - तुमने कभी कोई नेक काम किया है...?


.


पप्पू - हां सर, किया है...!


.


मास्टर जी - कौन सा...?


.


पप्पू - एक बार एक बुजुर्ग आराम से घर जा रहे थे,


मैंने उनके पीछे कुत्ता लगा दिया...जल्दी पहुंच गए...!












इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

एक दिन अचानक हिंदी कहानी, Hindi Kahani Ek Din Achanak

एक दिन अचानक दीदी के पत्र ने सारे राज खोल दिए थे. अब समझ में आया क्यों दीदी ने लिखा था कि जिंदगी में कभी किसी को अपनी कठपुतली मत बनाना और न ही कभी खुद किसी की कठपुतली बनना. Hindi Kahani Ek Din Achanak लता दीदी की आत्महत्या की खबर ने मुझे अंदर तक हिला दिया था क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. फिर मुझे एक दिन दीदी का वह पत्र मिला जिस ने सारे राज खोल दिए और मुझे परेशानी व असमंजस में डाल दिया कि क्या दीदी की आत्महत्या को मैं यों ही व्यर्थ जाने दूं? मैं बालकनी में पड़ी कुरसी पर चुपचाप बैठा था. जाने क्यों मन उदास था, जबकि लता दीदी को गुजरे अब 1 माह से अधिक हो गया है. दीदी की याद आती है तो जैसे यादों की बरात मन के लंबे रास्ते पर निकल पड़ती है. जिस दिन यह खबर मिली कि ‘लता ने आत्महत्या कर ली,’ सहसा विश्वास ही नहीं हुआ कि यह बात सच भी हो सकती है. क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. शादी के बाद, उन के पहले 3-4 साल अच्छे बीते. शरद जीजाजी और दीदी दोनों भोपाल में कार्यरत थे. जीजाजी बैंक में सहायक प्रबंधक हैं. दीदी शादी के पहले से ही सूचना एवं प्रसार कार्यालय में स्टैनोग्राफर थीं.

Hindi Family Story Big Brother Part 1 to 3

  Hindi kahani big brother बड़े भैया-भाग 1: स्मिता अपने भाई से कौन सी बात कहने से डर रही थी जब एक दिन अचानक स्मिता ससुराल को छोड़ कर बड़े भैया के घर आ गई, तब भैया की अनुभवी आंखें सबकुछ समझ गईं. अश्विनी कुमार भटनागर बड़े भैया ने घूर कर देखा तो स्मिता सिकुड़ गई. कितनी कठिनाई से इतने दिनों तक रटा हुआ संवाद बोल पाई थी. अब बोल कर भी लग रहा था कि कुछ नहीं बोली थी. बड़े भैया से आंख मिला कर कोई बोले, ऐसा साहस घर में किसी का न था. ‘‘क्या बोला तू ने? जरा फिर से कहना,’’ बड़े भैया ने गंभीरता से कहा. ‘‘कह तो दिया एक बार,’’ स्मिता का स्वर लड़खड़ा गया. ‘‘कोई बात नहीं,’’ बड़े भैया ने संतुलित स्वर में कहा, ‘‘एक बार फिर से कह. अकसर दूसरी बार कहने से अर्थ बदल जाता है.’’ स्मिता ने नीचे देखते हुए कहा, ‘‘मुझे अनिमेष से शादी करनी है.’’ ‘‘यह अनिमेष वही है न, जो कुछ दिनों पहले यहां आया था?’’ बड़े भैया ने पूछा. ‘‘जी.’’ ‘‘और वह बंगाली है?’’ बड़े भैया ने एकएक शब्द पर जोर देते हुए पूछा. ‘‘जी,’’ स्मिता ने धीमे स्वर में उत्तर दिया. ‘‘और हम लोग, जिस में तू भी शामिल है, शुद्ध शाकाहारी हैं. वह बंगाली तो अवश्य ही

Maa Ki Shaadi मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था?

मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? समीर की मृत्यु के बाद मीरा के जीवन का एकमात्र मकसद था समीरा को सुखद भविष्य देना. लेकिन मीरा नहीं जानती थी कि समीरा भी अपनी मां की खुशियों को नए पंख देना चाहती थी. संध्या समीर और मैं ने, परिवारों के विरोध के बावजूद प्रेमविवाह किया था. एकदूसरे को पा कर हम बेहद खुश थे. समीर बैंक मैनेजर थे. बेहद हंसमुख एवं मिलनसार स्वभाव के थे. मेरे हर काम में दिलचस्पी तो लेते ही थे, हर संभव मदद भी करते थे, यहां तक कि मेरे कालेज संबंधी कामों में भी पूरी मदद करते थे. कई बार तो उन के उपयोगी टिप्स से मेरे लेक्चर में नई जान आ जाती थी. शादी के 4 वर्षों बाद मैं ने प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया. उस के नामकरण के लिए मैं ने समीरा नाम सुझाया. समीर और मीरा की समीरा. समीर प्रफुल्लित होते हुए बोले, ‘‘यार, तुम ने तो बहुत बढि़या नामकरण कर दिया. जैसे यह हम दोनों का रूप है उसी तरह इस के नाम में हम दोनों का नाम भी समाहित है.’’ समीरा को प्यार से हम सोमू पुकारते, उस के जन्म के बाद मैं ने दोनों परिवारों मे