सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Realme 7 में एंड्रॉयड 10 बिक्री आज, मिलेगा 8 जीबी तक रैम का सपोर्ट - Hindishayarih

 

Realme 7 में एंड्रॉयड 10 बिक्री आज, मिलेगा 8 जीबी तक रैम का सपोर्ट
Realme 7 Photo Realme.com

 
Hindishayarih : रियलमी ने पिछले महीने ही भारत में 7 सीरीज के दो नए स्मार्टफोन पेश किए हैं जिनमें Realme 7 Pro और Realme 7 शामिल हैं। ये दोनों स्मार्टफोन 8 जीबी तक रैम और चार रियर कैमरे से लैस हैं। इसके अलावा ये दोनों फोन 23 मुख्य और 72 छोटे-मोटे टेस्ट पास किए हुए हैं। इनमें से Realme 7 की आज फ्लैश सेल है। Realme 7 की बिक्री आज दोपहर 12 बजे फ्लिपकार्ट और Realme.com से होगी। Realme 7 का मुकाबला रेडमी नोट 9 प्रो मैक्स और सैमसंग गैलेक्सी एम सीरीज के फोन से है।



Realme 7 की स्पेसिफिकेशन

Realme 7 में एंड्रॉयड 10 आधारित Realme UI मिलेगा। साथ ही इसमें 6.5 इंच की फुल एचडी प्लस डिस्प्ले दी गई है जिसका रिजॉल्यूशन 1080x2400 पिक्सल है। डिस्प्ले पर गोरिल्ला ग्लास 3 का प्रोटेक्शन है। फोन में मीडियाटेक हीलियो G95 प्रोसेसर है जिसके साथ ग्राफिक्स के लिए ARM Mali-G76 MC4 GPU मिलेगा। इस फोन में भी 6 जीबी रैम के साथ 64 जीबी और 8 जीबी रैम के साथ 128 जीबी की स्टोरेज मिलेगी।


ये भी पढ़ें: 48 मेगापिक्सल With Oppo Reno 4 SE



Realme 7 का कैमरा
कैमरे की बात करें तो इसमें भी क्वॉड रियर कैमरा सेटअप है जिसमें मेन कैमरा 64 मेगापिक्सल का सोनी IMX682 सेंसर है जिसका अपर्चर f/1.8 है। वहीं दूसरा लेंस 8 मेगापिक्सल का अल्ट्रा वाइड लेंस, तीसरा लेंस 2 मेगापिक्सल का मोनोक्रोम लेंस और चौथा लेंस 2 मेगापिक्सल का मैक्रो लेंस है। सेल्फी के लिए इस फोन में 16 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा दिया गया है।
 
Realme 7 की बैटरी
फोन में 4G VoLTE, वाई-फाई, ब्लूटूथ v5.0, जीपीएस/ए-जीपीएस और यूएसबी टाइप सी पोर्ट मिलेगा। फोन के पावर बटन में फिंगरप्रिंट सेंसर है। इसमें 5000mAh की बैटरी है जो 30W की डर्ट फास्ट चार्जिंग को सपोर्ट करती है।

Realme 7 की कीमत
Realme 7 के 6 जीबी रैम और 64 जीबी स्टोरेज वेरियंट की कीमत 14,999 रुपये और 8 जीबी रैम के साथ 128 जीबी स्टोरेज वेरियंट की कीमत 16,999 रुपये है। यह फोन मिस्ट ब्लू और मिस्ट व्हाइट कलर वेरियंट में मिलेगा

 

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

एक दिन अचानक हिंदी कहानी, Hindi Kahani Ek Din Achanak

एक दिन अचानक दीदी के पत्र ने सारे राज खोल दिए थे. अब समझ में आया क्यों दीदी ने लिखा था कि जिंदगी में कभी किसी को अपनी कठपुतली मत बनाना और न ही कभी खुद किसी की कठपुतली बनना. Hindi Kahani Ek Din Achanak लता दीदी की आत्महत्या की खबर ने मुझे अंदर तक हिला दिया था क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. फिर मुझे एक दिन दीदी का वह पत्र मिला जिस ने सारे राज खोल दिए और मुझे परेशानी व असमंजस में डाल दिया कि क्या दीदी की आत्महत्या को मैं यों ही व्यर्थ जाने दूं? मैं बालकनी में पड़ी कुरसी पर चुपचाप बैठा था. जाने क्यों मन उदास था, जबकि लता दीदी को गुजरे अब 1 माह से अधिक हो गया है. दीदी की याद आती है तो जैसे यादों की बरात मन के लंबे रास्ते पर निकल पड़ती है. जिस दिन यह खबर मिली कि ‘लता ने आत्महत्या कर ली,’ सहसा विश्वास ही नहीं हुआ कि यह बात सच भी हो सकती है. क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. शादी के बाद, उन के पहले 3-4 साल अच्छे बीते. शरद जीजाजी और दीदी दोनों भोपाल में कार्यरत थे. जीजाजी बैंक में सहायक प्रबंधक हैं. दीदी शादी के पहले से ही सूचना एवं प्रसार कार्यालय में स्टैनोग्राफर थीं.

Hindi Family Story Big Brother Part 1 to 3

  Hindi kahani big brother बड़े भैया-भाग 1: स्मिता अपने भाई से कौन सी बात कहने से डर रही थी जब एक दिन अचानक स्मिता ससुराल को छोड़ कर बड़े भैया के घर आ गई, तब भैया की अनुभवी आंखें सबकुछ समझ गईं. अश्विनी कुमार भटनागर बड़े भैया ने घूर कर देखा तो स्मिता सिकुड़ गई. कितनी कठिनाई से इतने दिनों तक रटा हुआ संवाद बोल पाई थी. अब बोल कर भी लग रहा था कि कुछ नहीं बोली थी. बड़े भैया से आंख मिला कर कोई बोले, ऐसा साहस घर में किसी का न था. ‘‘क्या बोला तू ने? जरा फिर से कहना,’’ बड़े भैया ने गंभीरता से कहा. ‘‘कह तो दिया एक बार,’’ स्मिता का स्वर लड़खड़ा गया. ‘‘कोई बात नहीं,’’ बड़े भैया ने संतुलित स्वर में कहा, ‘‘एक बार फिर से कह. अकसर दूसरी बार कहने से अर्थ बदल जाता है.’’ स्मिता ने नीचे देखते हुए कहा, ‘‘मुझे अनिमेष से शादी करनी है.’’ ‘‘यह अनिमेष वही है न, जो कुछ दिनों पहले यहां आया था?’’ बड़े भैया ने पूछा. ‘‘जी.’’ ‘‘और वह बंगाली है?’’ बड़े भैया ने एकएक शब्द पर जोर देते हुए पूछा. ‘‘जी,’’ स्मिता ने धीमे स्वर में उत्तर दिया. ‘‘और हम लोग, जिस में तू भी शामिल है, शुद्ध शाकाहारी हैं. वह बंगाली तो अवश्य ही

Maa Ki Shaadi मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था?

मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? समीर की मृत्यु के बाद मीरा के जीवन का एकमात्र मकसद था समीरा को सुखद भविष्य देना. लेकिन मीरा नहीं जानती थी कि समीरा भी अपनी मां की खुशियों को नए पंख देना चाहती थी. संध्या समीर और मैं ने, परिवारों के विरोध के बावजूद प्रेमविवाह किया था. एकदूसरे को पा कर हम बेहद खुश थे. समीर बैंक मैनेजर थे. बेहद हंसमुख एवं मिलनसार स्वभाव के थे. मेरे हर काम में दिलचस्पी तो लेते ही थे, हर संभव मदद भी करते थे, यहां तक कि मेरे कालेज संबंधी कामों में भी पूरी मदद करते थे. कई बार तो उन के उपयोगी टिप्स से मेरे लेक्चर में नई जान आ जाती थी. शादी के 4 वर्षों बाद मैं ने प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया. उस के नामकरण के लिए मैं ने समीरा नाम सुझाया. समीर और मीरा की समीरा. समीर प्रफुल्लित होते हुए बोले, ‘‘यार, तुम ने तो बहुत बढि़या नामकरण कर दिया. जैसे यह हम दोनों का रूप है उसी तरह इस के नाम में हम दोनों का नाम भी समाहित है.’’ समीरा को प्यार से हम सोमू पुकारते, उस के जन्म के बाद मैं ने दोनों परिवारों मे