सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Mirzapur 2: 10 Days Before Release Mirzapur 2 'Munna Tripathi' Wrote a Letter to 'Kalin Bhaiya

 Mirzapur 2: रिलीज़ से 10 दिन पहले 'मुन्ना त्रिपाठी' ने 'कालीन भइया' को लिखी चिट्ठी, कहा- प्राउड फील करेंगे आप


Mirzapur 2: रिलीज़ से 10 दिन पहले 'मुन्ना त्रिपाठी' ने 'कालीन भइया' को लिखी चिट्ठी, कहा- प्राउड फील करेंगे आप
mirzapur 2 - अमेज़न प्राइम



Mirzapur 2: अमेज़न प्राइम वीडियो की फ्लैगशिप वेब सीरीज़ मिर्ज़ापुर का दूसरा सीज़न 23 अक्टूबर को रिलीज़ हो रहा है। रिलीज़ के 10 दिन पहले ही 'मुन्ना त्रिपाठी' ने अपने पिता 'कालीन भइया' को एक चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में उन्होंने ना सिर्फ मिर्ज़ापुर की गद्दी संभालने की बात कही है, बल्कि प्राउड फील कराने वाला काम करने की भी गांरटी दी है। आइए जानते हैं...


दरअसल, अमेज़न प्राइम वीडियो ने एक वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में भी मुन्ना त्रिपाठी अपनी आवाज़ में चिट्ठी पढ़कर सुना रहे हैं। उन्होंने लिखा है- 'पापा, आपसे एक बात शेयर करनी थी। आप हमेशा हमें निक्कमा और नालायक समझते हैं। लेकिन हम नालायक नहीं, लायक हैं। आप बब्लू और गुड्डू को सारा काम सौंप दिए। गुड्डू ने हमसे सब छीन लिया। हमारा प्यार, हमारा काम और हमारा हक। इसलिए हमने भी गुड्डू से उसका सब कुछ छीन लिया। अब मिर्ज़ापुर में बस एक ही नाम गूंजेगा। मुन्ना त्रिपाठी का। पापा हम जो कुछ भी किए ना, सिर्फ इसलिए किए, ताकि आप हम पर प्राउड फील करें। हमें अच्छा लगता है- जब आप हमारे लिए खड़े होते हैं। हमें अच्छा लगता है- जब आप हमें भरोसा दिखाते हैं। बस ऐसे ही आप हम पे भरोसा दिखाते रहिए। और हम आपको मिर्ज़ापुर के लायक किंग बनकर दिखाएंगे। अभी के लिए विदा लेते हैं।- मुन्ना त्रिपाठी।'





मुन्ना त्रिपाठी का यह खत इस वक्त इंटरनेट पर वायरल हो रहा है। यूट्यूब इंडिया पर यह वीडियो इस वक्त 7वें नंबर ट्रेंड कर रहा है। एक दिन के अंदर 2 मिलियन से अधिक व्यूज़ मिल चुके हैं। जैसा कि आप जानते होगें कि वेब सीरीज़ में मुन्ना त्रिपाठी का किरदार दिव्येंदु शर्मा निभा रहे हैं। वहीं, कालीन भइया का किरदार पंकज त्रिपाठी। इसके अलावा अली फज़ल, श्वेता त्रिपाठी, हर्षिता गौर और रशिका दुग्गल भी अहम भूमिका में हैं। नए सीज़न में विजय वर्मा और ईशा तलावार जैसे नए कलाकार भी एंट्री लेने वाले हैं।  

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

एक दिन अचानक हिंदी कहानी, Hindi Kahani Ek Din Achanak

एक दिन अचानक दीदी के पत्र ने सारे राज खोल दिए थे. अब समझ में आया क्यों दीदी ने लिखा था कि जिंदगी में कभी किसी को अपनी कठपुतली मत बनाना और न ही कभी खुद किसी की कठपुतली बनना. Hindi Kahani Ek Din Achanak लता दीदी की आत्महत्या की खबर ने मुझे अंदर तक हिला दिया था क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. फिर मुझे एक दिन दीदी का वह पत्र मिला जिस ने सारे राज खोल दिए और मुझे परेशानी व असमंजस में डाल दिया कि क्या दीदी की आत्महत्या को मैं यों ही व्यर्थ जाने दूं? मैं बालकनी में पड़ी कुरसी पर चुपचाप बैठा था. जाने क्यों मन उदास था, जबकि लता दीदी को गुजरे अब 1 माह से अधिक हो गया है. दीदी की याद आती है तो जैसे यादों की बरात मन के लंबे रास्ते पर निकल पड़ती है. जिस दिन यह खबर मिली कि ‘लता ने आत्महत्या कर ली,’ सहसा विश्वास ही नहीं हुआ कि यह बात सच भी हो सकती है. क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. शादी के बाद, उन के पहले 3-4 साल अच्छे बीते. शरद जीजाजी और दीदी दोनों भोपाल में कार्यरत थे. जीजाजी बैंक में सहायक प्रबंधक हैं. दीदी शादी के पहले से ही सूचना एवं प्रसार कार्यालय में स्टैनोग्राफर थीं.

Hindi Family Story Big Brother Part 1 to 3

  Hindi kahani big brother बड़े भैया-भाग 1: स्मिता अपने भाई से कौन सी बात कहने से डर रही थी जब एक दिन अचानक स्मिता ससुराल को छोड़ कर बड़े भैया के घर आ गई, तब भैया की अनुभवी आंखें सबकुछ समझ गईं. अश्विनी कुमार भटनागर बड़े भैया ने घूर कर देखा तो स्मिता सिकुड़ गई. कितनी कठिनाई से इतने दिनों तक रटा हुआ संवाद बोल पाई थी. अब बोल कर भी लग रहा था कि कुछ नहीं बोली थी. बड़े भैया से आंख मिला कर कोई बोले, ऐसा साहस घर में किसी का न था. ‘‘क्या बोला तू ने? जरा फिर से कहना,’’ बड़े भैया ने गंभीरता से कहा. ‘‘कह तो दिया एक बार,’’ स्मिता का स्वर लड़खड़ा गया. ‘‘कोई बात नहीं,’’ बड़े भैया ने संतुलित स्वर में कहा, ‘‘एक बार फिर से कह. अकसर दूसरी बार कहने से अर्थ बदल जाता है.’’ स्मिता ने नीचे देखते हुए कहा, ‘‘मुझे अनिमेष से शादी करनी है.’’ ‘‘यह अनिमेष वही है न, जो कुछ दिनों पहले यहां आया था?’’ बड़े भैया ने पूछा. ‘‘जी.’’ ‘‘और वह बंगाली है?’’ बड़े भैया ने एकएक शब्द पर जोर देते हुए पूछा. ‘‘जी,’’ स्मिता ने धीमे स्वर में उत्तर दिया. ‘‘और हम लोग, जिस में तू भी शामिल है, शुद्ध शाकाहारी हैं. वह बंगाली तो अवश्य ही

Maa Ki Shaadi मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था?

मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? समीर की मृत्यु के बाद मीरा के जीवन का एकमात्र मकसद था समीरा को सुखद भविष्य देना. लेकिन मीरा नहीं जानती थी कि समीरा भी अपनी मां की खुशियों को नए पंख देना चाहती थी. संध्या समीर और मैं ने, परिवारों के विरोध के बावजूद प्रेमविवाह किया था. एकदूसरे को पा कर हम बेहद खुश थे. समीर बैंक मैनेजर थे. बेहद हंसमुख एवं मिलनसार स्वभाव के थे. मेरे हर काम में दिलचस्पी तो लेते ही थे, हर संभव मदद भी करते थे, यहां तक कि मेरे कालेज संबंधी कामों में भी पूरी मदद करते थे. कई बार तो उन के उपयोगी टिप्स से मेरे लेक्चर में नई जान आ जाती थी. शादी के 4 वर्षों बाद मैं ने प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया. उस के नामकरण के लिए मैं ने समीरा नाम सुझाया. समीर और मीरा की समीरा. समीर प्रफुल्लित होते हुए बोले, ‘‘यार, तुम ने तो बहुत बढि़या नामकरण कर दिया. जैसे यह हम दोनों का रूप है उसी तरह इस के नाम में हम दोनों का नाम भी समाहित है.’’ समीरा को प्यार से हम सोमू पुकारते, उस के जन्म के बाद मैं ने दोनों परिवारों मे