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Two Line Pata Shayari Pataa Nahi Kab Ayegi


2 line Shayari pata Nahi  पढ़िए पता पर शायरी इन हिंदी
Shayari Pata Nahi



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 कोई मुझ तक पहुंच नहीं पाता
इतना आसान है पता मेरा
- जौन एलिया



पता शायरी इन हिंदी


मैं ने उस की तरफ़ से ख़त लिक्खा
और अपने पते पे भेज दिया
- फ़हमी बदायूंनी



मिरे बग़ैर कोई तुम को ढूंढ़ता कैसे
तुम्हें पता है तुम्हारा पता रहा हूं मैं
- सरफ़राज़ नवाज़



ज़र्द पत्ते में कोई नुक़्ता-ए-सब्ज़
अपने होने का पता काफ़ी है
- सलीम शहज़ाद


2line pata Shayari


पता अब तक नहीं बदला हमारा
वही घर है वही क़िस्सा हमारा
- अहमद मुश्ताक़





शायद बता दिया था किसी ने मिरा पता
मीलों मिरी तलाश में रस्ता निकल गया
- भारत भूषण पन्त



वो तवज्जोह दे न दे लेकिन सदा देते रहो
अपने होने का उसे 'रूही' पता देते रहो
- रूही कंजाही


 best shayari on pata 




क्या ढूंढ़ने जाऊं मैं किसी को
अपना मुझे ख़ुद पता नहीं है
- सीमाब अकबराबादी



pata poetry in hindi



पता कैसे मिले उस लापता का
जो गुम रहता हो अपने आप ही में
- कौसर सीवानी




शायद यही है हासिल-ए-पायान-ए-आरज़ू
अपना पता नहीं है जो उन का पता मिला
- रज़ा जौनपुरी






पता नही कब जाएगी तेरी लापरवाही की आदत..
पगली कुछ तो सम्भाल कर रखती, मुझे भी खो दिया।







तू होश में थी फिर भी हमें पहचान न पायी,
एक हम है कि पी कर भी तेरा नाम लेते रहे।






आ जाते हैं वो भी रोज ख्बाबो मे,
जो कहते हैं हम तो कही जाते ही नही।






मोहब्बत का कोई रंग नही फिर भी वो रंगीन है,
प्यार का कोई चेहरा नही फिर भी वो हसीन हैं।






तुम्हें चाहने की वजह कुछ भी नहीं,
बस इश्क की फितरत है, बे-वजह होना।





हाल तो पूछ लू तेरा पर डरता हूँ आवाज़ से तेरी,
ज़ब ज़ब सुनी है कमबख्त मोहब्बत ही हुई है।





यह इनाएतें गज़ब की यह बला की मेहेरबानी,
मेरी खेरियत भी पूछी किसी और की ज़बानी।




जरूरत है मुझे नये नफरत करने वालाे की,
पुराने ताे अब मुझे चाहने लगे है।



चलते रहेगें शायरी के दौर मेरे बिना भी…
एक शायर के कम हो जाने से शायरी खत्म नहीं हो जाती



सुनो तुम दिल दुखाया करो इजाजत है
बस कभी भूलने की बात मत करना







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