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Sudarshan Faakir Poetry T2w Line Sad Shayari in Hindi for Love Love Shayri Sad in Hindi


Sudarshan Faakir Poems, Lyricist T2w Line Sad Shayari in Hindi for Love Naav top sher Love Shayri Sad in Hindi सुदर्शन फ़ाकिर के 20 मशहूर शेर : टूटे दिल की दर्द बयां कर रहे हैं
Sudarshan FaakirLove Shayri Sad in Hindi

 

Sudarshan Faakir Poems, Lyricist T2w Line Sad Shayari in Hindi for Love Naav top sher Love Shayri Sad in Hindi सुदर्शन फ़ाकिर के 20 मशहूर शेर : टूटे दिल की दर्द बयां कर रहे हैं

 
ज़िक्र जब होगा मोहब्बत में तबाही का कहीं
याद हम आएँगे दुनिया को हवालों की तरह


ज़हर पीने की तो आदत थी ज़माने वालों
अब कोई और दवा दो कि मैं ज़िन्दा हूँ अभी

sad love shayari in urdu
 
लिखा हुआ था जिस किताब में, कि इश्क़ तो हराम है
हुई वही किताब ग़ुम, बड़ी हसीन रात थी
 
दिल तो रोता रहे और आँख से आंसू न बहे
इश्क़ की ऐसी रिवायात ने दिल तोड़ दिया

sudarshan faakir poetry in hindi
 
आप कहते थे कि रोने से न बदलेंगे नसीब
उम्र भर आप की इस बात ने रोने न दिया
 
फ़लसफ़े इश्क़ में पेश आए सवालों की तरह
हम परेशाँ ही रहे अपने ख़यालों की तरह

sudarshan faakir sad shayari
 
जब भी अंजाम-ए-मोहब्बत ने पुकारा ख़ुद को
वक़्त ने पेश किया हम को मिसालों की तरह
 
ये भी तो सज़ा है कि गिरफ़्तार-ए-वफ़ा हूँ
क्यूँ लोग मोहब्बत की सज़ा ढूँढ़ रहे हैं


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तेरे जाने में और आने में, हमने सदियों का फ़ासला देखा
फिर न आया ख़याल जन्नत का, जब तिरे घर का रास्ता देखा
 
रोना नसीब में है तो औरों से क्या गिला
अपने ही सर लिया कोई इल्ज़ाम रो पड़े
 
शायद मैं ज़िन्दगी की सहर ले के आ गया
क़ातिल को आज अपने ही घर ले के आ गया


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फ़ासले उम्र के कुछ और बढ़ा देती है
जाने क्यूँ लोग उसे फिर भी दवा कहते हैं
 
तेरी आँखों में हमने क्या देखा, कभी क़ातिल कभी ख़ुदा देखा
अपनी सूरत लगी पराई-सी, जब कभी हमने आईना देखा
 
सब दर्द मिटा दें हम, हर ग़म को सज़ा दें हम
कहते हैं जिसे जीना दुनिया को सिखा दें हम

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पत्थर के ख़ुदा पत्थर के सनम पत्थर के ही इंसां पाए हैं
तुम शहर-ए- मुहब्बत कहते हो, हम जान बचाकर आए हैं
 
ज़ख़्म जो आप की इनायत है इस निशानी को नाम क्या दे हम
प्यार दीवार बन के रह गया है इस कहानी को नाम क्या दे हम


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ये शीशे ये सपने ये रिश्ते ये धागे, किसे क्या ख़बर है कहाँ टूट जाएँ
मुहब्बत के दरिया में तिनके वफ़ा के, न जाने ये किस मोड़ पर डूब जाएँ
 
लबों को सी के जो बैठे हैं बज़्मे-दुनिया में
कभी तो उनकी भी ख़ामोशियाँ सुनो तो सही
 
ग़म बढ़े आते हैं क़ातिल की निगाहों की तरह
तुम छिपा लो मुझे, ऐ दोस्त, गुनाहों की तरह


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जब भी तन्हाई से घबरा के सिमट जाते हैं
हम तेरी याद के दामन से लिपट जाते हैं










Naav top sher 'नाव' पर कहे शायरों के अल्फ़ाज़


 
 Naav top sher 'नाव' पर कहे शायरों के अल्फ़ाज़

 

दरिया में ये नाव किस तरफ़ है
पानी का बहाव किस तरफ़ है
- गौहर होशियारपुरी


नाव शायरी

काग़ज़ की नाव क्या हुई दरिया किधर गया
बचपन को जो मिला था वो लम्हा किधर गया
- जावेद नदीम

एक भी नाव न काग़ज़ की तराने देगा
वो कोई झूठा बहाना न बनाने देगा
- ख़ुशबू सक्सेना

kagaz ki naav shayari

 
कुछ लोग जो सवार हैं काग़ज़ की नाव पर
तोहमत तराशते हैं हवा के दबाव पर
- एहसान दानिश

काग़ज़ की नाव हूं जिसे तिनका डुबो सके
यूं भी नहीं कि आप से ये भी न हो सके
- अहसन यूसुफ़ ज़ई

new naav hindi shayari

पुरानी नाव के तख़्ते पे दिल बनाते हुए
मैं रो पड़ूँ न कोई ख़्वाब गुनगुनाते हुए
- नीलोफ़र अफ़ज़ल

नाव तन्हा है और भंवर तन्हा
मैं भी तन्हा मिरा सफ़र तन्हा
- मरयम ग़ज़ाला

naav ki shayari

 
नाव काग़ज़ की सही कुछ तो नज़र से गुज़रे
उस से पहले कि ये पानी मिरे सर से गुज़रे
- सादुल्लाह कलीम

नाव न डूबी दरिया में
नाव में दरिया डूब गया
- गौहर होशियारपुरी


naav shayari

नाव भर कर जहां डुबोनी थी
अक़्ल को नाख़ुदा किया तू ने
- अल्ताफ़ हुसैन हाली


 

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