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Mashwara शायरी Collection - मशवरे का ज़िक्र करते शायरों के Alfaaz - Hindi Shayarih


Mashwara शायरी Collection - मशवरे का ज़िक्र करते शायरों के Alfaaz
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वक़्त ख़ुश ख़ुश काटने का मशवरा देते हुए
रो पड़ा वो आप मुझ को हौसला देते हुए
- रियाज़ मजीद


बिछड़ने का इरादा है तो मुझ से मशवरा कर लो
मोहब्बत में कोई भी फ़ैसला ज़ाती नहीं होता
- अफ़ज़ल ख़ान

भूल जाने का मुझे मशवरा देने वाले
याद ख़ुद को भी न मैं आऊँ कुछ ऐसा कर दे
- नुसरत ग्वालियारी


इस से बढ़ कर और क्या हम पर सितम होगा 'मुनीर'
मशवरा माँगा है इस ने फ़ैसला करने के बाद
- बद्र मुनीर

हम बड़े अहल-ए-ख़िरद बनते थे ये क्या हो गया
अक़्ल का हर मशवरा दीवाना-पन लगने लगा
- इरफ़ान सिद्दीक़ी


ख़ुदा से मशवरा माँगा है तेरे बारे में
कोई इशारा तो अब होगा इस्तिख़ारे में
- आसिफ़ रशीद असजद

मशवरा देने की कोशिश तो करो
मेरे हक़ में कोई साज़िश तो करो
- फ़ारूक़ नाज़की


मशवरा किस ने दिया था कि मसीहाई कर
ज़ख़्म खाने हैं तो लोगों से शनासाई कर
- फ़ारूक़ बख़्शी

ख़ैर की बात है ये समझा कर
मशवरा मशवरा है चल उठ जा
- नासिर राव


मशवरा भी कर लेंगे हम
पहले तो घर आ जाना
- हबीब कैफ़ी

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