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hasrat mohani poetry |
Hasrat Mohani Quote हसरत मोहानी के चुनिंदा Sher
दिल ओ जान ओ जिगर सब्र ओ ख़िरद जो कुछ है पास अपने
ये सब कर देंगे हम उन पर निसार आहिस्ता आहिस्ता
छुप के उस ने जो ख़ुद-नुमाई की
इंतिहा थी ये दिलरुबाई की
maulana hasrat mohani shayari
तलब मेरी बहुत कुछ है मगर क्या
करम तेरा है इक दरिया अता का
चुपके चुपके रात दिन आंसू बहाना याद है
हम को अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है
हसरत मोहानी शायरी
नहीं आती तो याद उन की महीनों तक नहीं आती
मगर जब याद आते हैं तो अक्सर याद आते हैं
और तो पास मिरे हिज्र में क्या रक्खा है
इक तिरे दर्द को पहलू में छुपा रक्खा है
hasrat mohani quotes
शाम हो या कि सहर याद उन्हीं की रखनी
दिन हो या रात हमें ज़िक्र उन्हीं का करना
चाहत मिरी चाहत ही नहीं आप के नज़दीक
कुछ मेरी हक़ीक़त ही नहीं आप के नज़दीक
hasrat mohani quotes in hindi
मालूम सब है पूछते हो फिर भी मुद्दआ
अब तुम से दिल की बात कहें क्या ज़बां से हम
हर बात में उन्हीं की ख़ुशी का रहा ख़याल
हर काम से ग़रज़ है उन्हीं की रज़ा मुझे
हसरत मोहानी के शेर
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