सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Best Hindi Shayari Tamanna Shayari Collection अच्छी तमन्ना शायरी कलेक्शन - Hindi Shayarih

 
Best Hindi Shayari Tamanna Shayari Collection  अच्छी तमन्ना शायरी कलेक्शन - Hindi Shayarih
Best of Hindi Tamanna Shayari


 हर किसी को किसी ना किसी चीज की तमन्ना होती है किसी को अच्छा शायार बनने की तमन्ना, तो किसी को लेखक बनने की तमन्ना होती है तमन्ना (tamanna shayari )  ऐसे ही कुछ अच्छे शायरों की  शायरी है जो आप को पसन्द आएगी। 



तमन्ना है तमन्ना में तिरी जी से गुज़र जाएं
यही है आरज़ू अपनी इसी ख़्वाहिश में मर जाएं
- बलदेव सिंह हमदम


तमन्ना शायरी इन हिंदी



तेरा ख़याल तेरी तमन्ना तक आ गया
मैं दिल को ढूंढ़ता हुआ दुनिया तक आ गया
- काशिफ़ हुसैन ग़ाएर

कितना बेकार तमन्ना का सफ़र होता है
कल की उम्मीद पे हर आज बसर होता है
- सैफ़ुद्दीन सैफ़


tamanna shayari 2 lines



इक तमन्ना है ख़मोशी के कटहरे कितने
दिल की दहलीज़ पे एहसास के पहरे कितने
- सय्यद शकील दस्नवी

जीने की तमन्ना है न मरने की तमन्ना
है आप के कूचे से गुज़रने की तमन्ना
- सुलतान निज़ामी



tamanna quotes in hindi



हर तमन्ना दिल से रुख़्सत हो गई'
लीजिए फ़ुर्सत ही फ़ुर्सत हो गई
- नीना सहर




ओस की तमन्ना में जैसे बाग़ जलता है
तू न हो तो सीने का दाग़ दाग़ जलता है
- सफ़दर मीर


यह भी पढ़े - Best Hindi Lahza Shayari Collection





ज़िंदगी तेरी तमन्ना में बसर हो जाए
और क्या चाहिए जो बार-ए-दिगर हो जाए
- नबील अहमद नबील


tamanna sher shayari in hindi




कभी जो उस की तमन्ना ज़रा बिफर जाए
नशा फिर उस की अना का उतर उतर जाए
- अरशद कमाल


ये तमन्ना थी कि हम इतने सुख़नवर होते
इक ग़ज़ल कहते तो आबाद कई घर होते
- जाफ़र ताहिर

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

एक दिन अचानक हिंदी कहानी, Hindi Kahani Ek Din Achanak

एक दिन अचानक दीदी के पत्र ने सारे राज खोल दिए थे. अब समझ में आया क्यों दीदी ने लिखा था कि जिंदगी में कभी किसी को अपनी कठपुतली मत बनाना और न ही कभी खुद किसी की कठपुतली बनना. Hindi Kahani Ek Din Achanak लता दीदी की आत्महत्या की खबर ने मुझे अंदर तक हिला दिया था क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. फिर मुझे एक दिन दीदी का वह पत्र मिला जिस ने सारे राज खोल दिए और मुझे परेशानी व असमंजस में डाल दिया कि क्या दीदी की आत्महत्या को मैं यों ही व्यर्थ जाने दूं? मैं बालकनी में पड़ी कुरसी पर चुपचाप बैठा था. जाने क्यों मन उदास था, जबकि लता दीदी को गुजरे अब 1 माह से अधिक हो गया है. दीदी की याद आती है तो जैसे यादों की बरात मन के लंबे रास्ते पर निकल पड़ती है. जिस दिन यह खबर मिली कि ‘लता ने आत्महत्या कर ली,’ सहसा विश्वास ही नहीं हुआ कि यह बात सच भी हो सकती है. क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. शादी के बाद, उन के पहले 3-4 साल अच्छे बीते. शरद जीजाजी और दीदी दोनों भोपाल में कार्यरत थे. जीजाजी बैंक में सहायक प्रबंधक हैं. दीदी शादी के पहले से ही सूचना एवं प्रसार कार्यालय में स्टैनोग्राफर थीं.

Maa Ki Shaadi मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था?

मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? समीर की मृत्यु के बाद मीरा के जीवन का एकमात्र मकसद था समीरा को सुखद भविष्य देना. लेकिन मीरा नहीं जानती थी कि समीरा भी अपनी मां की खुशियों को नए पंख देना चाहती थी. संध्या समीर और मैं ने, परिवारों के विरोध के बावजूद प्रेमविवाह किया था. एकदूसरे को पा कर हम बेहद खुश थे. समीर बैंक मैनेजर थे. बेहद हंसमुख एवं मिलनसार स्वभाव के थे. मेरे हर काम में दिलचस्पी तो लेते ही थे, हर संभव मदद भी करते थे, यहां तक कि मेरे कालेज संबंधी कामों में भी पूरी मदद करते थे. कई बार तो उन के उपयोगी टिप्स से मेरे लेक्चर में नई जान आ जाती थी. शादी के 4 वर्षों बाद मैं ने प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया. उस के नामकरण के लिए मैं ने समीरा नाम सुझाया. समीर और मीरा की समीरा. समीर प्रफुल्लित होते हुए बोले, ‘‘यार, तुम ने तो बहुत बढि़या नामकरण कर दिया. जैसे यह हम दोनों का रूप है उसी तरह इस के नाम में हम दोनों का नाम भी समाहित है.’’ समीरा को प्यार से हम सोमू पुकारते, उस के जन्म के बाद मैं ने दोनों परिवारों मे

Hindi Family Story Big Brother Part 1 to 3

  Hindi kahani big brother बड़े भैया-भाग 1: स्मिता अपने भाई से कौन सी बात कहने से डर रही थी जब एक दिन अचानक स्मिता ससुराल को छोड़ कर बड़े भैया के घर आ गई, तब भैया की अनुभवी आंखें सबकुछ समझ गईं. अश्विनी कुमार भटनागर बड़े भैया ने घूर कर देखा तो स्मिता सिकुड़ गई. कितनी कठिनाई से इतने दिनों तक रटा हुआ संवाद बोल पाई थी. अब बोल कर भी लग रहा था कि कुछ नहीं बोली थी. बड़े भैया से आंख मिला कर कोई बोले, ऐसा साहस घर में किसी का न था. ‘‘क्या बोला तू ने? जरा फिर से कहना,’’ बड़े भैया ने गंभीरता से कहा. ‘‘कह तो दिया एक बार,’’ स्मिता का स्वर लड़खड़ा गया. ‘‘कोई बात नहीं,’’ बड़े भैया ने संतुलित स्वर में कहा, ‘‘एक बार फिर से कह. अकसर दूसरी बार कहने से अर्थ बदल जाता है.’’ स्मिता ने नीचे देखते हुए कहा, ‘‘मुझे अनिमेष से शादी करनी है.’’ ‘‘यह अनिमेष वही है न, जो कुछ दिनों पहले यहां आया था?’’ बड़े भैया ने पूछा. ‘‘जी.’’ ‘‘और वह बंगाली है?’’ बड़े भैया ने एकएक शब्द पर जोर देते हुए पूछा. ‘‘जी,’’ स्मिता ने धीमे स्वर में उत्तर दिया. ‘‘और हम लोग, जिस में तू भी शामिल है, शुद्ध शाकाहारी हैं. वह बंगाली तो अवश्य ही