सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

EVM Enlappower Hindi Review: कैसा है देश का पहला लैपटॉप चार्ज करने वाला पावरबैंक

 
EVM Enlappower Hindi Review: कैसा है देश का पहला लैपटॉप चार्ज करने वाला पावरबैंक
EVM Enlappower Hindi



Enlappower Hindi Review: कैसा है देश का पहला लैपटॉप चार्ज करने वाला पावरबैंक   



घरेलू इलेक्ट्रॉनिक ब्रांड EVM ने पहला ऐसा पावरबैंक लॉन्च किया है जिससे किसी लैपटॉप को चार्ज किया जा सकता है। इससे पहले बाजार में मोबाइल, हेडफोन और स्पीकर चार्ज करने वाले पावरबैंक ही मौजूद थे। EVM के इस 20000एमएएच वाले पावरबैंक से सी-पोर्ट वाले नए लैपटॉप को चार्ज किया जा सकेगा। आइए रिव्यू में जानते हैं कैसा 





EVM ENLAPPOWER की कीमत और स्पेसिफिकेशन


EVM को इस खास पावरबैंक को 9,999 रुपये में लॉन्च किया गया है। EVM ENLAPPOWER को एक्सक्लूसिव तौर पर विजय सेल्स से खरीदा जा सकता है। इस पावरबैंक में एक साथ तीन ऐसी डिवाइस को चार्ज किया जा सकता है जिसमें यूएसबी टाईप-सी पोर्ट हो। इस पावरबैंक से फिलहाल चार्ज होने वाले लैपटॉप Macbook, Macbook Air, Macbook Pro, iPad, iPad Pro, MS Surface Pro, Dell XPS 13, HP Spectre x360, Lenovo IdeaPad, LG Gram, Asus Zenbook 13 हैं।






इस पावरबैंक के साथ चार फीट लंबा केबल मिलेगा। इसके साथ तीन साल की वारंटी मिल रही है। इसके अलावा सभी टाइप सी और यूसबी पोर्ट वाली डिवाइस को इससे चार्ज किया जा सकता है। यह पावरबैंक थोड़ा वजनी है और ऐसा होना लाजिमी भी है क्योंकि इसमें बैटरी भी 20000एमएएच की है। पावरबैंक की बॉडी मजबूत मेटल की है। इसमें गर्म होने जैसी कोई समस्या नहीं है।



EVM ENLAPPOWER की परफॉर्मेंस
सबसे पहली बात यह कि इस पावरबैंक की बॉडी अल्ट्रा ब्लैक प्रीमियम मेटल की है और इसका लुक क्लासी है। ऐसे में आप इसे किसी खास को गिफ्ट भी कर सकते हैं। दूसरी बात यह है कि इसमें 20000एमएएच की बड़ी बैटरी दी गई है। ऐसे में यह पावरबैंक आपका ट्रेवल पार्टनर बन सकता है। इस पावरबैंक से टाइप-सी टू टाइप-सी, माइक्रो यूएसबी और टाइप-सी वाले सभी लैपटॉप को चार्ज किया जा सकता है। इसके अलावा आप इससे किसी स्मार्टवॉच, स्पीकर, ईयरफोन जैसे किसी भी प्रोडक्ट को चार्ज कर सकते हैं। इसके साथ क्विक चार्ज का भी सपोर्ट है।








इसके अलावा इसमें 18 वॉट तक के इनपुट का सपोर्ट है। पावरबैंक को चार्ज करने के लिए माइक्रो यूएसबी पोर्ट मिलता है। इसके अलावा दो 2 USB Type A और 1 USB Type C मिलता है। एक साथ आप तीन डिवाइस को इससे चार्ज कर सकते हैं। रिव्यू के दौरान हमने 3 बार आईफोन 12 मिनी को, 2 बार एपल वॉच सीरीज 6 और दो बार सैमसंग गैलेक्सी एस21 अल्ट्रा को फुल चार्ज किया, हालांकि हमने लैपटॉप को चार्ज नहीं किया, क्योंकि हमारे पास टाईप-सी पोर्ट वाला कोई लैपटॉप नहीं था। फुल चार्ज होने में करीब 3- घंटे का वक्त लेता है। पावरबैंक का आउटपुट 100 वॉट तक का है। तो कुल मिलाकर हम यही कह सकते हैं कि अब तक का हमने 20000एमएएच पावरबैंक की कैटेगरी में बेस्ट पावरबैंक का रिव्यू किया है।

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

एक दिन अचानक हिंदी कहानी, Hindi Kahani Ek Din Achanak

एक दिन अचानक दीदी के पत्र ने सारे राज खोल दिए थे. अब समझ में आया क्यों दीदी ने लिखा था कि जिंदगी में कभी किसी को अपनी कठपुतली मत बनाना और न ही कभी खुद किसी की कठपुतली बनना. Hindi Kahani Ek Din Achanak लता दीदी की आत्महत्या की खबर ने मुझे अंदर तक हिला दिया था क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. फिर मुझे एक दिन दीदी का वह पत्र मिला जिस ने सारे राज खोल दिए और मुझे परेशानी व असमंजस में डाल दिया कि क्या दीदी की आत्महत्या को मैं यों ही व्यर्थ जाने दूं? मैं बालकनी में पड़ी कुरसी पर चुपचाप बैठा था. जाने क्यों मन उदास था, जबकि लता दीदी को गुजरे अब 1 माह से अधिक हो गया है. दीदी की याद आती है तो जैसे यादों की बरात मन के लंबे रास्ते पर निकल पड़ती है. जिस दिन यह खबर मिली कि ‘लता ने आत्महत्या कर ली,’ सहसा विश्वास ही नहीं हुआ कि यह बात सच भी हो सकती है. क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. शादी के बाद, उन के पहले 3-4 साल अच्छे बीते. शरद जीजाजी और दीदी दोनों भोपाल में कार्यरत थे. जीजाजी बैंक में सहायक प्रबंधक हैं. दीदी शादी के पहले से ही सूचना एवं प्रसार कार्यालय में स्टैनोग्राफर थीं.

Maa Ki Shaadi मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था?

मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? समीर की मृत्यु के बाद मीरा के जीवन का एकमात्र मकसद था समीरा को सुखद भविष्य देना. लेकिन मीरा नहीं जानती थी कि समीरा भी अपनी मां की खुशियों को नए पंख देना चाहती थी. संध्या समीर और मैं ने, परिवारों के विरोध के बावजूद प्रेमविवाह किया था. एकदूसरे को पा कर हम बेहद खुश थे. समीर बैंक मैनेजर थे. बेहद हंसमुख एवं मिलनसार स्वभाव के थे. मेरे हर काम में दिलचस्पी तो लेते ही थे, हर संभव मदद भी करते थे, यहां तक कि मेरे कालेज संबंधी कामों में भी पूरी मदद करते थे. कई बार तो उन के उपयोगी टिप्स से मेरे लेक्चर में नई जान आ जाती थी. शादी के 4 वर्षों बाद मैं ने प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया. उस के नामकरण के लिए मैं ने समीरा नाम सुझाया. समीर और मीरा की समीरा. समीर प्रफुल्लित होते हुए बोले, ‘‘यार, तुम ने तो बहुत बढि़या नामकरण कर दिया. जैसे यह हम दोनों का रूप है उसी तरह इस के नाम में हम दोनों का नाम भी समाहित है.’’ समीरा को प्यार से हम सोमू पुकारते, उस के जन्म के बाद मैं ने दोनों परिवारों मे

Hindi Family Story Big Brother Part 1 to 3

  Hindi kahani big brother बड़े भैया-भाग 1: स्मिता अपने भाई से कौन सी बात कहने से डर रही थी जब एक दिन अचानक स्मिता ससुराल को छोड़ कर बड़े भैया के घर आ गई, तब भैया की अनुभवी आंखें सबकुछ समझ गईं. अश्विनी कुमार भटनागर बड़े भैया ने घूर कर देखा तो स्मिता सिकुड़ गई. कितनी कठिनाई से इतने दिनों तक रटा हुआ संवाद बोल पाई थी. अब बोल कर भी लग रहा था कि कुछ नहीं बोली थी. बड़े भैया से आंख मिला कर कोई बोले, ऐसा साहस घर में किसी का न था. ‘‘क्या बोला तू ने? जरा फिर से कहना,’’ बड़े भैया ने गंभीरता से कहा. ‘‘कह तो दिया एक बार,’’ स्मिता का स्वर लड़खड़ा गया. ‘‘कोई बात नहीं,’’ बड़े भैया ने संतुलित स्वर में कहा, ‘‘एक बार फिर से कह. अकसर दूसरी बार कहने से अर्थ बदल जाता है.’’ स्मिता ने नीचे देखते हुए कहा, ‘‘मुझे अनिमेष से शादी करनी है.’’ ‘‘यह अनिमेष वही है न, जो कुछ दिनों पहले यहां आया था?’’ बड़े भैया ने पूछा. ‘‘जी.’’ ‘‘और वह बंगाली है?’’ बड़े भैया ने एकएक शब्द पर जोर देते हुए पूछा. ‘‘जी,’’ स्मिता ने धीमे स्वर में उत्तर दिया. ‘‘और हम लोग, जिस में तू भी शामिल है, शुद्ध शाकाहारी हैं. वह बंगाली तो अवश्य ही