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Mele Babu Me Tika Lagwaya Kahani In Hindi मेरे बाबू ने टीका लगवाया

 
Mele Babu Me Tika Lagwaya Kahani In Hindi मेरे बाबू ने टीका लगवाया

Mele Babu Me Tika Lagwaya Hindi kahani

कुमार विनोद

 हमारे गली - मुहल्ले की एक उत्सव प्रिय भाभी जी की दिली इच्छा टीका लगवाने की थी , क्योंकि इसी बहाने उन्हें लेटेस्ट डिजाइन की फैशनेबल ड्रेस पहनने का मौका जो मिल जाता ।



 एक बार पहनी गई ड्रेस से मिलती - जुलती ड्रेस को खरीदना तो दूर , भाभी जी उसकी ओर आंख तक भी उठा कर नहीं देखतीं । यह पता चलते ही कि देश में अभी तक इस्तेमाल हो रहे दोनों टीकों की दोनों डोज बिल्कुल एक जैसी हैं , भाभी जी को न चाहते हुए भी ' टीका उत्सव ' मिस करना पड़ा । बहरहाल , स्पूतनिक - वी टीके को मंजूरी मिलने से खुश भाभी जी ने इसे लगवाने का मन भी बना लिया है , क्योंकि इसकी दोनों खुराकों में दो अलग - अलग ' वैक्टर ' जो इस्तेमाल किए गए हैं ।







 लेकिन इनके पति कसमें खा रहे हैं कि मरते मर जाऊंगा , लेकिन स्पूतनिक नहीं लगवाऊंगा । यार दोस्तों ने जब इसकी वजह जानने की कोशिश की तो जाहिर हुआ कि इस टीके को लगवाने के बाद दो महीने की ' सख्त मनाही ' है , जो इनके पसंदीदा मिसरे ' छुटती नहीं है गालिब मुंह से लगी हुई ' के बिल्कुल खिलाफ है ।




 वैसे युवाओं को टीका लगवाने की अनुमति यदि सरकार पहले ही दे देती तो टीकाकरण का नजारा कुछ और ही होता । टीकाकरण को बढ़ावा देने के लिए सरकार किसी प्रेरणा गीत का सहारा ले रही है ।




 मगर प्रेमी युगलों को तो ऐसे किसी प्रेरणा गीत की दरकार ही नहीं थी , क्योंकि टीका लग जाने तक वे दिन - रात एक दूसरे से यही पूछते रहते- मेले बाबू ने टीका लगवाया क्या ? बहरहाल , कोरोना की दूसरी लहराती - बलखाती लहर के आने से कहीं पहले ही मन ही मन कोरोना को विदाई दे चुके जो लोग , ' मेले चाचू की शादी में जुलूल आना ' टाइप इन्विटेशन दिल खोल - खोल कर बांट चुके थे , बड़ी दुविधा में हैं ।






 उन्हें समझ नहीं आ रहा कि शादी में कम लोगों को बुलाने की पाबंदी के चलते नाते - रिश्तेदारों को कैसे समझाएं कि यह किसी मासूम से भतीजे के आम - से चाचू की शादी है । बहुत से लोग किसी शादी में आमंत्रित नामों की सूची में शुमार किए जाने के सवाल पर काफी दुविधाग्रस्त हैं । उनका मन चाहता है कि टॉप में न ही आएं तो अच्छा , लेकिन ऐसा होने पर रिश्तेदारों को आखिर क्या मुंह दिखाएंगे ?

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