Shayari on 'बादल' 2021 || Short Shayri on Clouds in Hindi Collection, बादल पर शायरी संग्रह हिंदी में | हिंदी शायरी एच
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Short Shayri on Clouds in Hindi Collection इतने घने बादल
इतने घने बादल के पीछे
कितना तन्हा होगा चांद
- परवीन शाकिर
बे-बरसे गुज़र जाते हैं उमड़े हुए बादल
जैसे उन्हें मेरा ही पता याद नहीं है
- वहीद अख़्तर
baras ja ae badal in hindi shayri
इस शहर के बादल तिरी ज़ुल्फ़ों की तरह हैं
ये आग लगाते हैं बुझाने नहीं आते
- बशीर बद्र
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बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने
किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है
- निदा फ़ाज़ली
चाँद के रुख़ पर गहरा बादल
जैसे फैला आँख का काजल
- सफ़ीया राग अलवी
- baras ja ae badal baras ja
दूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न था
इस तरह बरसात का मौसम कभी आया न था
- क़तील शिफ़ाई
बादल है और फूल खिले हैं सभी तरफ़
कहता है दिल कि आज निकल जा किसी तरफ़
- बासिर सुल्तान काज़मी
हर घड़ी बरसे है बादल मुझ में
कौन है प्यास से पागल मुझ में
- मिर्ज़ा अतहर ज़िया
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उड़ता हुआ इक बादल था
या फिर तेरा आँचल था
- शाहिद अज़ीज़
उफ़ुक़ पर कैसा बादल छा रहा है
अंधेरा रौशनी को खा रहा है
- मुस्लिम शमीम