रसोई में प्रयोग करना अकसर अविवाहितों के वश की बात नहीं होती । खासकर तब , जब उनको कुकिंग की एबीसीडी भी न आती हो । खाना पकाने में किया गया प्रयोग अकसरखराब परिणाम ही देता है । एक ऐसा ही वाकया साझा कर रहे नित्यप्रधीश , जिन्होंने लॉकडाउन में वेज बिरयानी बनाने का फैसला किया
पिछले साल लॉकडाउन की बात है , जब हम सब घरों में कैद हो गए थे । रेस्तरां वगैरह भी बंद हो चुके थे । ऐसे में एक ही सहारा था कि खुद कुछ बना कर खाना , क्योंकि खाना बनाने वाली भी नहीं आ रही थी । और स्वादिष्ट खाने की इच्छा भी कम नहीं हो रही थी , क्योंकि उन दिनों सोशल मीडिया के अलग - अलग प्लेटफॉर्म पर लोग लजीज डिश की फोटोज जो डाल रहे थे । ऐसे में मुंह में पानी आना लाजिमी ही था ।
एक दिन रविवार की दोपहर में मैं भी ऐसे ही बोर हो रहा था , तो मैंने कुछ अच्छा बनाने के बारे सोचा । फोटो शेयर करने के लिए नहीं , बल्कि स्वादिष्ट खाने के लिए । मैं यूट्यूब पर खाना पकाने के लिए सबसे आसान दक्षिण भारतीय व्यंजनों के बारे में पढ़ रहा था । मैंने उस सूची से नूडल्स हटा दिए , क्योंकि ये ऐसी चीज है , जिसे खाकर पक गया था । मैंने कुछ करीज की रेसिपी भी देखी , मगर उसे बनाना मेरे वश की बात नहीं थी । मैं कुछ आसान तरीका ढूंढ रहा था , जैसेलेमन राइस या कुछ ऐसा , जो सिर्फ प्रेशर कुकर में बनाया जा सके । फिर मैंने वेज बिरयानी का विकल्प चुना , जिसमें उबले अंडे डालने का फैसला किया । लेकिन बिरयानी बनाते समय मुझे इसकी प्रक्रिया याद नहीं थी । इसलिए , मैंने कुछ यूट्यूब वीडियो देखे और सबसे आसान रेसिपी चुनी । कटा हुआ प्याज , टमाटर , मटर , करी पत्ता और कुछ मसालों के निर्देशथे ।
मैंने चावल को कुछ मिनट के लिए भिगोया और बनाना शुरू किया । कुकर में तेल गरम किया औरकुछ सरसों , करी के पत्ते और फिर तले हुए प्याज डालें । इसके बाद मैंने हल्दी पाउडर , मिर्च पाउडर , मटर और कटे हुए टमाटरों को डाला । फिर चावल , नमक और पानी डालकर कुकर को बंद कर दिया । तीन सीटी आने के बाद मैंने इसे बंद कर दिया । अब बारी थी- बिरयानी को थाली में परोसने की । मुझे चावल में भूख लगी थी , तो कुकर की सीटी खुलने तक इंतजार भी न कर सका । इसलिए मैंने कुछ मिनट पहले ही कुकर का ढक्कन खोल दिया । मैंने देखा कुछ नमी थी । खैर , यह इतना बुरा भी नहीं था । मैंने सोचा कि मैं इससे निपट सकता हूं , लेकिन आखिर में जब मैंने इसे चखा , तो नमक कम था ।
यह मसालेदार भी नहीं लग रहा था और टमाटर का स्वाद भी नहीं था । मेरे अंदर के भारतीय ने बताया कि इसे मैनेज किया जा सकता है । इसलिए मैंने सोचा कि क्यों न इसे एग फ्राइड राइस में बदल दें ! आखिरकार , अंडे सब कुछ स्वादिष्ट बनाते हैं । इसलिए , मैंने तुरंत उन फ्राइड अंडों को डाल दिया , लेकिन चावल इतना गीला था कि अंडे से भी काम नहीं बना । बाद में मुझे एहसास हुआ कि फ्राइड राइस को आजमाने से पहले कम से कम चावल को ठंडा होने देना चाहिए था । दो घंटे की कड़ी मेहनत के बाद मैंने इसे फेंक दिया और जो कुछ हुआ था उसे भूल गया ...।
फिर मुझे मैगी खाकर ही अपनी भूख मिटानी पड़ी । पर एक सबक जो मुझे मिला , वह यह कि खाना बनाना हर किसी को सीखना चाहिए और दूसरा यह कि किसी रेसिपी की नकल करने के लिए धैर्य सबसे जरूरी चीज है ।