2 लाइन सफर शायरी |
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वो लुत्फ़ उठाएगा सफ़र का
आप-अपने में जो सफ़र करेगा
- ग़मगीन देहलवी
नए सफ़र की लज़्ज़तों से जिस्म ओ जां को सर करो
सफ़र में होंगी बरकतें सफ़र करो सफ़र करो
- महताब हैदर नक़वी
2 Line Safar Shayari 2 लाइन सफर शायरी
सफ़र के साथ सफ़र के नए मसाइल थे
घरों का ज़िक्र तो रस्ते में छूट जाता था
- वसीम बरेलवी
सफ़र के बाद भी मुझ को सफ़र में रहना है
नज़र से गिरना भी गोया ख़बर में रहना है
- आदिल रज़ा मंसूरी
Halaat Shayari Collection, Halaat par Quotes
मैं था सदियों के सफ़र में 'अहमद'
और सदियों का सफ़र था मुझ में
- अहमद ख़याल
सफ़र में होती है पहचान कौन कैसा है
ये आरज़ू थी मिरे साथ तू सफ़र करता
- तैमूर हसन
सुब्ह सफ़र और शाम सफ़र
हस्ती का अंजाम सफ़र
- अब्दुल मन्नान तरज़ी
सफ़र बदलता रहा हम-सफ़र बदलते रहे
ज़रूरतों के मुताबिक़ बशर बदलते रहे
- तुराब अख़्तर नक़वी
सफ़र का लुत्फ़ मुसलसल सफ़र के बा'द आया
ये संग-ए-मील मिरी रहगुज़र के बा'द आया
- शान भारती
जारी सफ़र है अपना सफ़र के बग़ैर भी
हम चल रहे हैं राहगुज़र के बग़ैर भी
- पूरन सिंह हुनर