कार्बोहाइड्रेट हैं सेहत के लिए कितना जरूरी Health Tips In Hindi
कई लोग कार्बोहाइड्रेट को सेहत का दुश्मन और मोटापे का बड़ा कारण मानते हैं , पर सच यह भी है कि कुछ कार्ब्स सेहत के लिए बहुत अच्छे होते हैं । कार्बोहाइड्रेट को ठीक से समझने की जरूरत है
कार्बोहाइड्रेट हैं सेहत के लिए जरूरी |
आहार विशेषज्ञ कार्बोहाइड्रेट को पूरी तरह डाइट से हटाने की सलाह कभी नहीं देते । एक अनुमान के अनुसार , अगर हम रोज 2,000 कैलरी लेते हैं , तो उसमें से 10 से 15 प्रतिशत के करीब कार्बोहाइड्रेट से लेना चाहिए । सही मात्रा में कार्बोहाइड्रेट लेना शरीर को ऊर्जा देने के साथ , वजन कम करने में भी मदद करता है । कार्बोहाइड्रेट एक कार्बनिक पदार्थ है , जिसमें कार्ब , हाइड्रोजन व ऑक्सीजन होते हैं । इसमें हाइड्रोजन व ऑक्सीजन का अनुपात जल के समान होता है । हमारा शरीर ऊर्जा का उत्पादन तभी कर पाता है , जब हम कार्बोहाइड्रेट का सेवन करते हैं । इतना ही नहीं , हमारा शरीर समय - समय पर यह संकेत देता है कि हम पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट ले रहे हैं या नहीं । बिना कारण शरीर की ऊर्जा में कमी महसूस करना , कब्ज रहना , मुंह से दुर्गंध आना , चिड़चिड़ापन रहना , कोशिश के बाद भी वजन कम न कर पाना या हर समय भूख लगते रहना आदि लक्षण हमारे शरीर में कार्बोहाइड्रेट की कमी का संकेत देते हैं ।
कॉम्प्लेक्स कार्ब्स
सिपल या शुगर कार्ब्स से मिलने वाली ऊर्जा ज्यादा समय के लिए नहीं चल पाती जिससे थोड़े ही समय में फिर से भूख लगने लगती है । कॉम्प्लेका बेहतर विकल्प है । हालांकि इन्हें पचाने में शरीर सिपल कार्स के मुकाबले अधिक समय लेता है . जिसके चलते भूख नहीं लगती । इसलिए इससे वजन भी नहीं । बढ़ता ब्राउन राइस ओट्स गेहूँ मक्के आदि में कॉम्प्लेक्स का मिलते हैं ।
कम खाए सिपल कार्ब्स
कार्बोहाइड्रेट दो तरह के होते हैं- पहला सिंपल कार्ब्स और दूसरा , जटिल कार्ब्स वजन बढ़ाने में सिंपल का को खासतौर पर जिम्मेदार माना जाता है चीनी , केंडी , चॉकलेट , पेस्ट्री , केक , सफेद चावल और अतिरिक्त शुगर से बने खाद्य पदार्थों में सिंपल कार्ब्स होते हैं । इनमें ग्लूकोज के र अणु होते हैं , जिन्हें पचनसान होता है ।
ये आसानी से खून में प्रवेश कर जाते है । इससे ब्लड शुगर का स्तर तेजी से बढ़ता है , इसे काबू करने के लिए शरीर से इंसुलिन का स्राव होता है जो इसे ऊर्जा में बदल देता है । पर , बहुत ज्यादा शर्करा बढ़ने पर अतिरिक्त शुगर को लिवर फैट के रूप में स्टोर कर लेता है । इससे वजन बढ़ने लगता है कार्बोहाइड्रेट से वजन तभी बढ़ता है , जब हम सिपल का का सेवन ज्यादा करते हैं जब व्यक्ति शरीर में जमा कैलोरी को खर्च नहीं कर पाता था परिश्रम नहीं करता तो वजन बढ़ना शुरू हो जाता है , जो आगे चलकर मोटापे का रूप ले लेता है । यह बात प्रोटीन और वसा पर भी लागू होती है इनका भी जरूरत से ज्यादा सेवन वजन को बढ़ाता है ।
कासमेत अधिक कैलोरी वाले स्नैक्स और मिठाई के सेवन भी बचें । कार्ब्स को पूरी तरह डाइट से हटाने से दिमाग की सोचने - समझने की शक्ति कमजोर हो जाती है । इतना ही नहीं , कम मात्रा में लेने से लिवर अपनी तरफ से शरीर में शुगर का निर्माण करने की कोशिश करने लगता है , जो शरीर में शुगर के स्तर को बढ़ा देता है । इसलिए उचित मात्रा में इन्हें लेना शरीर के लिए बेहद जरूरी होता है इतना ही नहीं , कार्बोहाइड्रेट लेने से शरीर को फाइबर भी मिलता है । फाइबर की मौजूदगी पेट भरे होने का एहसास कराती है , जिससे बार - बार भूख नहीं लगती । अगर वजन कम करना लक्ष्य है , तो अधिक कार्बोहाइड्रेट युक्त चीजों की बजाय सब्जियों और फलों का सेवन अधिक से अधिक करें । इससे ऊर्जा भी मिलेगी और वजन भी नहीं बढ़ेगा । रोज आधा घंटा व्यायाम करें और रात के खाने के बाद 15 मिनट टहलें ।