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Nazeer Akbarabadi Best Selected Sher नज़ीर अक-बराबादी के चुनिंदा शायरी Hindi Shayari H

 नज़ीर अक-बराबादी के चुनिंदा शायरी Nazeer akbarabadi sher

 
Nazeer Akbarabadi Best Selected Sher नज़ीर अक-बराबादी के चुनिंदा शायरी
नज़ीर अकबराबादी शायरी

 
 
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यही है अज़्म कि दिल भर के आज रो लीजे
कि कल ये दीदा-ए-पुर-नम रहे रहे न रहे  
 
 
 
 
 
 
कहा जो हाल-ए-दिल अपना तो उस ने हंस-हस कर
कहा ''ग़लत है ये बातें जो तुम बनाते हो''




Kuchh nazeer akbarabadi ki shayari

मैं इश्क़ का जला हूं मिरा कुछ नहीं इलाज
वो पेड़ क्या हरा हो जो जड़ से उखट गया  




जिसे मोल लेना हो ले ले ख़ुशी से
मैं इस वक़्त दोनों जहाँ बेचता हूँ

दिल यार की गली में कर आराम रह गया
पाया जहाँ फ़क़ीर ने बिसराम रह गया


भुला दीं हम ने किताबें कि उस परी-रू के
किताबी चेहरे के आगे किताब है क्या चीज़ 


उस की दुज़्दीदा निगह ने मिरे दिल में छुप कर
तीर इस ढब से लगाया है कि जी जाने है 
 

2 Line नज़ीर अकबराबादी के शेर
 

चराग़-ए-सुब्ह ये कहता है आफ़्ताब को देख
ये बज़्म तुम को मुबारक हो हम तो चलते हैं 


देखेंगे हम इक निगाह उस को
कुछ होश अगर बजा रहेगा


यार के आगे पढ़ा ये रेख़्ता जा कर 'नज़ीर'
सुन के बोला वाह-वाह अच्छा कहा अच्छा कहा
 
 
 
 
 
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