2021 Antim Movie Review: Another Marathi film's Bollywood remake: एक और मराठी फिल्म की बॉलीवुडिया रीमेक
Antim Movie Review: एक और मराठी फिल्म की बॉलीवुडिया रीमेक, महिमा मकवाना , सचिन खेड़ेकर , आयुष शर्मा की बेस्ट एक्शन शो रील Antim Movie Review: Another Marathi film's Bollywood remake
अंतिम: द फाइनल ट्रुथ - Hindi Shayari H |
Movie Review
अंतिम : द फाइनल ट्रुथ
कलाकार : आयुष शर्मा , महिमा मकवाना , सचिन खेड़ेकर , उपेन्द्र लिमये , सयाजी शिंदे , निकितिन धीर , जीशू सेनगुप्ता और सलमान खान
लेखक :अभिजीत देशपांडे , सिद्धार्थ साल्वी और महेश मांजरेकर
निर्देशक : महेश मांजरेकर
निर्माता : सलमान खान फिल्म्स
26 नवंबर 2021
रेटिंग : 2.5/5
हिंदी सिनेमा के सामने कहानियों का संकट कभी रहा नहीं। लेकिन, इन दिनों फिल्म निर्माताओं के यहां न कथाकारों का जमावड़ा होता है और न ही उनके प्रोडक्शन दफ्तरों में लेखकों को समझ सकने वाले लोग ही बचे हैं। हर किसी को एक सेट फॉर्मूला चाहिए जो उनकी फिल्म हिट करा दे। नई कहानियों की तरफ से मुंह मोड़ते जा रहे हिंदी सिनेमा में इन दिनों दे दनादन खूब रीमेक फिल्में बन रही हैं। शुक्रवार को ओटीटी पर रिलीज हुई फिल्म ‘छोरी’ की तरह ही आयुष शर्मा की फिल्म ‘अंतिम: द फाइनल ट्रुथ’ भी एक मराठी फिल्म ‘मुलशी पैटर्न’ की रीमेक है। मराठी फिल्मों में जमीन से जुड़ी समस्याओं पर भावनात्मक फिल्में बनाने और कथ्य की अंतर्धारा में चतुराई से सामाजिक संदेश पिरोने की स्वस्थ परंपरा रही है। हिंदी सिनेमा में कहानी में सुपरस्टार पिरोना लोगों को कारोबार के हिसाब से बेहतर लगता है। फिल्म ‘अंतिम: द फाइनल ट्रुथ’ देश में किसानों को लेकर चल रही राजनीति के दौर में एक कमाल की फिल्म हो सकती थी, लेकिन एक हिट प्रोजेक्ट बनाने के चक्कर में एक अच्छी कहानी पर एक चलताऊ फिल्म से आगे यहां बात बढ़ नहीं सकी।
अंतिम: द फाइनल ट्रुथ
जी5 पर मौजूद फिल्म ‘मुलशी पैटर्न’ अगर आप देख सकें तो जरूर देखें। उसके बाद आपको फिल्म ‘अंतिम: द फाइनल ट्रुथ’ टाट पर लगे पैबंद जैसी दिखेगी। ये कहानी एक किसान से शुरू होती है जिसकी जमीन सिस्टम के काकस की भेंट चढ़ चुकी है। बेटे को सिस्टम समझ नहीं आता तो वह उसके खिलाफ बगावत कर देता है। अब हीरो एंटी हीरो है तो उसके आसपास का पूरी टोली भी जमानी पड़ती है। साथ में एक कम नामचीन अभिनेत्री इसलिए है ताकि हीरो का ग्लैमर न कम हो जाए। फिल्म के हीरो हैं आयुष शर्मा। लेकिन, अपने बहनोई की दूसरी फिल्म के लिए दर्शक खींच लाने का काम सलमान खान ने अपने जिम्मे लिया है। सलमान खान की ब्रांड वैल्यू उनके प्रशंसक समझते हैं। बाकी हिंदी सिनेमा के दर्शकों को अब खास दिलचस्पी सलमान खान के सिनेमा में बची नहीं है।
महेश मांजरेकर - सोशल मीडिया
बिल्डर, किसान, गुंडे, पुलिस, मारधाड़, गाना बजाना और आखिर में सब सही हो जाने की उम्मीद ही फिल्म ‘अंतिम: द फाइनल ट्रुथ’ का पूरा ताना बाना है। इतने मसाले डालकर निर्देशक महेश मांजरेकर ने हिंदी सिनेमा में अपनी जगह बनाने की एक और कोशिश की है लेकिन उनके साथ दिक्कत ये है कि उनकी समझ न्यू मिलेनियल्स की पहचान बस सोशल मीडिया पर उनका सक्रिय रहना ही समझती है। किसानों का आंदोलन संभाले युवाओं के बीच वह एक बार भी गए होते तो उनको फिल्म ‘अंतिम: द फाइनल ट्रुथ’ के लिए एक बेहतर कहानी मिल सकती थी। महेश की फिल्ममेकिंग की अपनी टोली है और उस टोली के तमाम कलाकार यहां भी वह ले आए हैं। इनको अपने आसपास रखने से महेश मांजरेकर को फिल्म बनाना भले आसान रहता हो लेकिन नए कलाकरों के साथ काम करने का जोखिम उनको उठाना ही होगा, अगर वह वाकई हिंदी सिनेमा में अपनी तीसरी पारी ढंग से जमाना चाहते हैं।
आयुष शर्मा : Social Media
फिल्म ‘अंतिम: द फाइनल ट्रुथ’ पटकथा और निर्देशक के स्तर पर मार खाने के बाद इसके कलाकारों के बेहतर अभिनय के बावजूद लड़खड़ाती रहती है। फिल्म में आयुष शर्मा ने अपनी डेब्यू फिल्म ‘लवयात्री’ वाली इमेज तोड़ी है। उनको एक्शन करते देखना सुखद भी लगता है लेकिन टाइगर श्रॉफ, विद्युत जामवाल और अहान शेट्टी जैसे बॉडी बिल्डर जैसे अभिनेताओं के सामने वह नई जमाने के एक्शन हीरो कैसे बन पाएंगे, ये सोचने वाली बात है। आयुष शर्मा मंडी, हिमाचल प्रदेश से ताल्लुक रखते हैं। उनको वहीं की कोई कहानी लेकर अपने लिए कोई ऐसी फिल्म बनानी चाहिए जिनमें वह अपने क्षेत्र की संवेदनाओं बेहतर तरीके से हिंदी सिनेमा में ला पाएं। फॉर्मूला फिल्मों में काम करके कभी कोई अभिनेता स्टार नहीं बना है। उसके लिए उन्हें जोखिम लेना ही होता है।
अंतिम: द फाइनल ट्रुथ
आयुष शर्मा के किरदार को उठाने के लिए ही उनके बहनोई सलमान खान फिल्म ‘अंतिम: द फाइनल ट्रुथ’ में पुलिस की वर्दी पहनते हैं। ये किरदार उनकी फ्रेंचाइजी ‘दबंग 3’ जैसा न दिखे उसके लिए उन्होंने सरदार का चोला धरा है। ‘सैक्रेड गेम्स’ के सरताज सिंह की तरह ही उनका ये किरदार है। शर्ट उतारकर अपने बहनोई से भिड़ने का मौका भी उन्होंने बनाया है। सलमान ने यहां पूरी कोशिश की है कि अपने किरदार को इस तरह से खेलें कि फायदा आयुष शर्मा के किरदार को ज्यादा हो। बाकी कलाकारों में सचिन खेडेकर अपना किरदार बस ऐसे निभाते हैं जैसे एक और काम पूरा करना है। महेश मांजरेकर का अपना फिक्स्ड गेटअप है इन दिनों हिंदी फिल्मों में अभिनय करने का। उपेंद्र लिमये ने पूरी शिद्दत से काम किया है और प्रभावित भी किया है। लेकिन, सयाजी शिंदे, निकितिन धीर और जीशु सेनगुप्ता जैसे कलाकारों के लिए फिल्म में करने को कुछ नहीं है।
अंतिम: द फाइनल ट्रुथ -
फिल्म ‘अंतिम: द फाइनल ट्रुथ’ के संगीत पक्ष को छोड़ दिया जाए तो इसकी बाकी तकनीकी टीम ने अच्छा काम किया है। फिल्म की सिनेमैटोग्राफी में एक खास पैटर्न के साथ करण रावत ने फिल्म को कहीं से भी अनाकर्षक नहीं लगने दिया है। कहीं कहीं लाइटिंग की समस्या एक्शन सीन्स में दिखती है लेकिन ये दिक्कत फिल्म के स्पेशल इफेक्ट्स और पोस्ट प्रोडक्शन की ज्यादा समझ आती है। बंटी नागी ने फिल्म का निर्देशन चुस्त रखने की कोशिश पूरी की है लेकिन जबर्दस्ती के गाने फिल्म की गति में बाधा बन जाते हैं। इस हफ्ते रिलीज एक और एक्शन फिल्म ‘सत्यमेव जयते 2’ की तरह ही फिल्म ‘अंतिम: द फाइनल ट्रुथ’ भी अपनी अलग तरंग की फिल्म है। फिल्म की ब्रांडिंग और मार्केटिंग योजनाबद्ध तरीके से की गई होती तो फिल्म हिंदी भाषी क्षेत्रों में बेहतर कारोबार कर सकती थी।