शायारो द्वारा 'साये' पर कहे गई शायरी
Best hindi shayari on Shaye 2 line shayari in hindi साये par hindi sher on shaya
इस कड़ी धूप में साया कर के
तू कहाँ है मुझे तन्हा कर के
- नसीर तुराबी
ये एक साया ग़नीमत है रोक लो वर्ना
ये रौशनी के बदन से लिपटने वाला है
- शोएब निज़ाम
एक साया सा फ़ड़फ़ड़ाता है
कोई शय रौशनी से गुज़री है
- यासमीन हबीब
मेरा साया भी बढ़ गया मुझ से
इस सलीक़े से घट गया हूँ मैं
- अकमल इमाम
कभी साया है कभी धूप मुक़द्दर मेरा
होता रहता है यूँ ही क़र्ज़ बराबर मेरा
- अतहर नफ़ीस
पेड़ को अपना ही साया नहीं मिलता लोगो
फ़स्ल अपनी कभी पाते नहीं बोने वाले
- अजय सहाब
साया भी साथ छोड़ गया अब तो ऐ 'असर'
फिर किस लिए मैं आज को कल से जुदा करूँ
- असर अकबराबादी
साया है कम खजूर के ऊँचे दरख़्त का
उम्मीद बाँधिए न बड़े आदमी के साथ
- कैफ़ भोपाली
शाम के साए में जैसे पेड़ का साया मिले
मेरे मिटने का तमाशा देखने की चीज़ थी
- लियाक़त अली आसिम
साया जिस का नज़र आता है मुझे
वो भी साया नज़र आता है मुझे
- मुहिब आरफ़ी