दोस्तों 'ओस की बूंदों' के इस Post की Topic हैं "ओस Shayari" . इसमें आप पढ़ सकते हैं ओस शायरी 2 लाइन, ओस शायरी in Urdu, ओस Status, ओस शायरी 4 लाइन, पर बनी बेजोड़ शानदार शायरी को, मित्रो आशा करता हूँ कि यह पोस्ट आप सभी शायरी के चाहने वालो को बेहद पसंद आएगी. Os shayari
चमकती ओस की सूरत गुलों की आरज़ू होना
किसी की सोच में रहना किसी की जुस्तुजू होना
- सलीम फ़िगार
फूल पर ओस है आरिज़ पे नमी हो जैसे
उस के चेहरे पे मिरी आँख धरी हो जैसे
- अतीक़ अंज़र
पहले नहाई ओस में फिर आंसुओं में रात
यूं बूंद बूंद उतरी हमारे घरों में रात
- शहरयार
ओस की तमन्ना में जैसे बाग़ जलता है
तू न हो तो सीने का दाग़ दाग़ जलता है
- सफ़दर मीर
फूल से ढलका हुआ ओस का क़तरा हूं मैं
शाख़ से टूट के गिरता हुआ पत्ता हूं मैं
- शाैकत वास्ती
ओस पड़ी थी रात बहुत और कोहरा था गर्माइश पर
सैली सी ख़ामोशी में आवाज़ सुनी फ़रमाइश पर
- गुलज़ार
आंखों से टपके ओस तो जां में नमी रहे
महके उमीद दर्द की खेती हरी रहे
- हसन नईम
ओस के भाले रूह के छाले
छाले सा इक दिल सैलानी
- आमिर सुहैल
फूल रोते हैं सारी रात 'फहीम'
ओस की ये तरी नहीं होती
- फ़हीम अमरोहवी
पहले नहाई ओस में फिर आँसुओं में रात
यूँ बूँद बूँद उतरी हमारे घरों में रात.
◼ 7
रोता रहा फूल तन्हाई में रात भर,
और लोग उसे ओस कह कर
वहाँ से गुजरते रहे.
◼ 8
ओस पड़ी थी रात बहुत
और कोहरा था गर्माइश पर,
सैली सी ख़ामोशी में
आवाज़ सुनी फ़रमाइश पर.
◼ 9
हर सुबह ओस की बूंदों सी हो,
हर शाम चाँद की तरह रोशन सी हो,
यही इच्छा है मेरी भी मेरे श्याम साँवरे
दुनिया भी फूलों की तरह खूबसूरत सी हो.
◼ 10
सुनो, तुम लौट आओ, सर्द शाम से पहले,
मेरी आँखों से, फिर ओस टपकने लगी है.
◼ 11
सुबह की ओस जैसे हो तुम,
बस दिखते हो मग़र छू नहीँ सकते,
करीब होके भी करीब रह नही सकते ,
जो भी हो दिल के पास हो तुम
क्योंकि बहुत खास हो तुम.
◼ 12
सुबह से तेरी य़ादों की ओस कुछ ज़मीं सी है,
फिजायें करे तस्दीक की आपकी कमीं सी है,
तस्सवुर में भोर की आँखों में कुछ नमी सी है
फिजायें करे तस्दीक की आपकी कमी सी है.
◼ 13
अल्हड़ सी ओस की बूँदे बबो को मेरे भिगो गई,
तुम आओ तो मेरे रूह की प्यास बुझे.
◼ 14
मैं ओस की बूंद तुम सुबह की धूप हो,
इस इंतज़ार में हूँ की तुम आओ और मैं मिट जाऊँ.
◼ 15
नैनो से नैन मिलाकर, मोहब्बत का इजहार करूँ,
बन कर ओस की बुँदे, जिन्दगी तेरी गुलजार करूँ,
संवर जाएगी तेरी मेरी जिन्दगी, इश्क के सफर में
थाम ले तू हाथ मेरा, मैं तेरे हर वादे पे ऐतबार करूँ.
◼ 16
ओस की बूंदे है, आंख में नमी है,
ना उपर आसमां है ना नीचे जमीन है,
ये कैसा मोड है जिन्दगी का
जो लोग खास है उन्की की कमी हैं.
25+ ओस शायरी 2 लाइन - ओस Status
◼ 17
ओस की बूँद होती है बेटियाँ
स्पर्श खुरदुरा हो तो रोती है बेटियाँ
रोशन करेगा बेटा तो बस एक ही कुल को
दो दो कुलों की लाज होती हैं बेटियाँ.
◼ 18
ओस की बूँद की जैसी हैं मेरी ज़िन्दगी
जो डरती हैं बह जाने से,
पतझड़ के पत्तों के तरह हैं मेरी ज़िन्दगी
जो डरती हैं सुख कर गिर जाने से.
◼ 19
ओस की बूँद जैसी है जिन्दगी की सफर,
कभी फूल में तो ,कभी धूल में.
◼ 20
हमने सपनों को दूर होते देखा है ,
जो मिला भी नहीं उसे खोते देखा है,
लोग कहते हैं कि रात को ओस गिरती
यूँ बूँद बूँद उतरी हमारे घरों में रात.
◼ 7
रोता रहा फूल तन्हाई में रात भर,
और लोग उसे ओस कह कर
वहाँ से गुजरते रहे.
◼ 8
ओस पड़ी थी रात बहुत
और कोहरा था गर्माइश पर,
सैली सी ख़ामोशी में
आवाज़ सुनी फ़रमाइश पर.
◼ 9
हर सुबह ओस की बूंदों सी हो,
हर शाम चाँद की तरह रोशन सी हो,
यही इच्छा है मेरी भी मेरे श्याम साँवरे
दुनिया भी फूलों की तरह खूबसूरत सी हो.
◼ 10
सुनो, तुम लौट आओ, सर्द शाम से पहले,
मेरी आँखों से, फिर ओस टपकने लगी है.
◼ 11
सुबह की ओस जैसे हो तुम,
बस दिखते हो मग़र छू नहीँ सकते,
करीब होके भी करीब रह नही सकते ,
जो भी हो दिल के पास हो तुम
क्योंकि बहुत खास हो तुम.
◼ 12
सुबह से तेरी य़ादों की ओस कुछ ज़मीं सी है,
फिजायें करे तस्दीक की आपकी कमीं सी है,
तस्सवुर में भोर की आँखों में कुछ नमी सी है
फिजायें करे तस्दीक की आपकी कमी सी है.
◼ 13
अल्हड़ सी ओस की बूँदे बबो को मेरे भिगो गई,
तुम आओ तो मेरे रूह की प्यास बुझे.
◼ 14
मैं ओस की बूंद तुम सुबह की धूप हो,
इस इंतज़ार में हूँ की तुम आओ और मैं मिट जाऊँ.
◼ 15
नैनो से नैन मिलाकर, मोहब्बत का इजहार करूँ,
बन कर ओस की बुँदे, जिन्दगी तेरी गुलजार करूँ,
संवर जाएगी तेरी मेरी जिन्दगी, इश्क के सफर में
थाम ले तू हाथ मेरा, मैं तेरे हर वादे पे ऐतबार करूँ.
◼ 16
ओस की बूंदे है, आंख में नमी है,
ना उपर आसमां है ना नीचे जमीन है,
ये कैसा मोड है जिन्दगी का
जो लोग खास है उन्की की कमी हैं.
25+ ओस शायरी 2 लाइन - ओस Status
◼ 17
ओस की बूँद होती है बेटियाँ
स्पर्श खुरदुरा हो तो रोती है बेटियाँ
रोशन करेगा बेटा तो बस एक ही कुल को
दो दो कुलों की लाज होती हैं बेटियाँ.
◼ 18
ओस की बूँद की जैसी हैं मेरी ज़िन्दगी
जो डरती हैं बह जाने से,
पतझड़ के पत्तों के तरह हैं मेरी ज़िन्दगी
जो डरती हैं सुख कर गिर जाने से.
◼ 19
ओस की बूँद जैसी है जिन्दगी की सफर,
कभी फूल में तो ,कभी धूल में.
◼ 20
हमने सपनों को दूर होते देखा है ,
जो मिला भी नहीं उसे खोते देखा है,
लोग कहते हैं कि रात को ओस गिरती
तुम्हे पता है सर्दियों की सबसे प्यारी बात क्या है ?
खिड़कियों के ओस जमे शीशों पर तुम्हारे नाम का
सबसे पहला अक्षर लिखना.
◼ 22
ओस से क्या होगा जब तक बरसात नही होगी,
मोबाइल से क्या होगा जब तक मुलाकात नही होगी.
◼ 23
आज भीगी हैं पलके किसी की याद में
आकाश भी सिमट गया है अपने आप में,
ओस की बूँद ऐसी गिरी है जमीन पर
मानो चाँद भी रोया है उनकी याद में.
◼ 24
कुछ ज्यादा ही गिरती है ओस इन दिनों,
ये दिसम्बर भी तुम्हें बहुत याद करता है.
◼ 25
नींद की ओस से पलकों को भिगोये कैसे,
जागना जिसका मुकद्दर हो वो सोये कैसे,
रेत दामन में हो या दश्त में बस रेत ही है,
रेत में फस्ल-ए-तमन्ना कोई बोये कैसे.
◼ 26
बार बार आईना पोंछा मगर हर तस्वीर धुंधली थी
न जाने आईने पर ओस थी या हमारी आँखें गीली थीं