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Hindi Sardiyon Ki Dhoop Shayari Collection सर्दियों की गुनगुनी सी धूप के एहसास पर शायरों के अल्फ़ाज़ Hindi Shayari H Shayari

Dhoop shayari 





सर्द की  गुनगुनी धूप का मज़ा लेना किसे नही पसंद ( sardiyon ki dhoop shayari )ऐसे ही कुछ शायरी लेकर आया हु सर्दियों की गुनगुनी सी धूप के एहसास पर शायरों के अल्फ़ाज़ जिसे पढ़ कर आप को सायद मज़ा आ जाये sardi shayari hindi, gunguni dhoop shayari 

गुनगुनी धूप शायरी



 सर्दियों की गुनगुनी सी धूप के एहसास तक
 मेरे मन की चाँदनी मुझ को बुला कर ले गई
-कुंवर बेचैन



इक सुकूँ सा दिखता है आप के अनूप में
जैसे कोई बैठा हो सर्दियों की धूप में
- ज़फ़र आवान 

ज़रा ये धूप ढल जाए तो उन का हाल पूछेंगे 
यहाँ कुछ साए अपने आप को पैकर बताते हैं 
- ख़ुशबीर सिंह शाद



सर्दियों की दोपहर से धूप ले जाएगा वो
गर्मियों की शाम से ठंडी हवा ले जाएगा
- अज़ीज़ बानो दाराब वफ़ा


फिर याद बहुत आएगी ज़ुल्फ़ों की घनी शाम 
जब धूप में साया कोई सर पर न मिलेगा 
- बशीर बद्र




जाती है धूप उजले परों को समेट के 
ज़ख़्मों को अब गिनूँगा मैं बिस्तर पे लेट के 
- शकेब जलाली




वो सर्दियों की धूप की तरह ग़ुरूब हो गया 
लिपट रही है याद जिस्म से लिहाफ़ की तरह 
- मुसव्विर सब्ज़वारी




मैं बहुत ख़ुश था कड़ी धूप के सन्नाटे में 
क्यूँ तिरी याद का बादल मिरे सर पर आया 
- अहमद मुश्ताक़






मैं उस के वास्ते हूँ बहारों की चाँदनी
उस का वजूद मेरे लिए सर्दियों की धूप
- नासिर ज़ैदी



तिरे तसव्वुर की धूप ओढ़े खड़ा हूँ छत पर
मिरे लिए सर्दियों का मौसम ज़रा अलग है
- साबिर

दीवार उन के घर की मिरी धूप ले गई 
ये बात भूलने में ज़माना लगा मुझे 
- असग़र मेहदी होश



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