सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Beauty Tips And Tricks at Home: Beauty Tips-सुंदरता के उपाय हल्दी से तैयार करें टोनर से लेकर स्क्रब, चेहरे पर मिलेगा गोल्डन ग्लो - Hindishayarih

 Beauty Tips And Tricks at Home: Beauty Tips- सुंदरता के उपाय हल्दी से तैयार करें टोनर से लेकर स्क्रब, चेहरे पर मिलेगा गोल्डन ग्लो 

Beauty Tips And Tricks at Home: Beauty Tips-हल्दी से तैयार करें टोनर से लेकर स्क्रब, चेहरे पर मिलेगा गोल्डन ग्लो
Beauty Tips And Tricks at Home






चेहरे पर निखार चाहिए तो हल्दी का इस्तेमाल करें। अगर पार्लर जाने का मन नही है तो घर में हल्दी की मदद से फेस पैक से लेकर स्क्रब तैयार किया जा सकता है। जिसकी मदद से चेहरे पर गोल्डन ग्लो मिल जाएगा। तो चलिए जानें कैसे तैयार करे हल्दी से टोनर और स्क्रब।
 



Beauty Tips  
हल्दी की मदद से स्क्रब बनाने के लिए जरूरत होगी चीनी दो कप, हल्दी का पाउडर एक चम्मच, जैतून का तेल चार बड़े चम्मच और जिंजर एसेंसियल ऑयल एक चम्मच। किसी जार में चीनी और हल्दी लेकर मिला लें। अब इसमे जैतून का तेल साथ में जिंजर एसेंसियल ऑयल मिला कर अच्छी तरह से मिक्स कर लें। 
 
beauty tips in hindi  
जब भी इसे चेहरे पर इस्तेमाल करना हो तो चेहरे को पानी से धोकर गीला कर लें। उसके बाद इस मिश्रण को लेकर हल्के हाथों से मसाज करें। दस मिनट तक मसाज करने के बाद चेहरे को धो लें। हल्दी के स्क्रब से गोल्डन ग्लो मिलेगा।
 



beauty ब्यूटी

वहीं टोनर बनाना भी हल्दी की मदद से आसान है। इसे बनाने के लिए बस जरूरत होगी बारीक पिसी हल्दी पाउडर की। साथ में दो बड़े चम्मच विच हेजल और एक कप पानी। किसी बाउल में विच हेजल और हल्दी पाउडर को मिलाकर तीस सेकेंड के लिए माइक्रोवेव में गर्म कर लें। किसी स्प्रे बोतल में भरकर पानी डालें। अच्छी तरह से इसे हिलाकर मिला लें। जब जरूरत हो बस इसे स्प्रे कर चेहरे को अच्छी तरह से साफ कर लें। 

 
turmeric टर्मरिक   
इस टोनर की मदद से चेहरा ना केवल साफ हो जाएगा। बल्कि चेहरे पर कील-मुंहासे भी कम निकलेंगे। बस हल्दी वाले टोनर से चेहरा साफ करने के वाद स्क्रब करें और फिर हल्दी और दही मिलाकर फेस पैक बनाकर चेहरे पर लगाएं। फिर ठंडे पानी से चेहरा धो लें। इन तीन स्टेप के बाद घर पर ही गोल्डन ग्लो आसानी से मिल जाएगा। 




इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

आज के टॉप 4 शेर (friday feeling best 4 sher collection)

आज के टॉप 4 शेर ऐ हिंदूओ मुसलमां आपस में इन दिनों तुम नफ़रत घटाए जाओ उल्फ़त बढ़ाए जाओ - लाल चन्द फ़लक मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना हिन्दी हैं हम वतन है हिन्दोस्तां हमारा - अल्लामा इक़बाल उन का जो फ़र्ज़ है वो अहल-ए-सियासत जानें मेरा पैग़ाम मोहब्बत है जहां तक पहुंचे - जिगर मुरादाबादी हुआ है तुझ से बिछड़ने के बाद ये मा'लूम कि तू नहीं था तिरे साथ एक दुनिया थी - अहमद फ़राज़ साहिर लुधियानवी कौन रोता है किसी और की ख़ातिर ऐ दोस्त सब को अपनी ही किसी बात पे रोना आया कैफ़ी आज़मी इंसां की ख़्वाहिशों की कोई इंतिहा नहीं दो गज़ ज़मीं भी चाहिए दो गज़ कफ़न के बाद बशीर बद्र दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे जब कभी हम दोस्त हो जाएं तो शर्मिंदा न हों वसीम बरेलवी आसमां इतनी बुलंदी पे जो इतराता है भूल जाता है ज़मीं से ही नज़र आता है - वसीम बरेलवी मीर तक़ी मीर बारे दुनिया में रहो ग़म-ज़दा या शाद रहो ऐसा कुछ कर के चलो यां कि बहुत याद रहो - मीर तक़ी...

Maa Ki Shaadi मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था?

मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? समीर की मृत्यु के बाद मीरा के जीवन का एकमात्र मकसद था समीरा को सुखद भविष्य देना. लेकिन मीरा नहीं जानती थी कि समीरा भी अपनी मां की खुशियों को नए पंख देना चाहती थी. संध्या समीर और मैं ने, परिवारों के विरोध के बावजूद प्रेमविवाह किया था. एकदूसरे को पा कर हम बेहद खुश थे. समीर बैंक मैनेजर थे. बेहद हंसमुख एवं मिलनसार स्वभाव के थे. मेरे हर काम में दिलचस्पी तो लेते ही थे, हर संभव मदद भी करते थे, यहां तक कि मेरे कालेज संबंधी कामों में भी पूरी मदद करते थे. कई बार तो उन के उपयोगी टिप्स से मेरे लेक्चर में नई जान आ जाती थी. शादी के 4 वर्षों बाद मैं ने प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया. उस के नामकरण के लिए मैं ने समीरा नाम सुझाया. समीर और मीरा की समीरा. समीर प्रफुल्लित होते हुए बोले, ‘‘यार, तुम ने तो बहुत बढि़या नामकरण कर दिया. जैसे यह हम दोनों का रूप है उसी तरह इस के नाम में हम दोनों का नाम भी समाहित है.’’ समीरा को प्यार से हम सोमू पुकारते, उस के जन्म के बाद मैं ने दोनों परिवारों मे...

एक दिन अचानक हिंदी कहानी, Hindi Kahani Ek Din Achanak

एक दिन अचानक दीदी के पत्र ने सारे राज खोल दिए थे. अब समझ में आया क्यों दीदी ने लिखा था कि जिंदगी में कभी किसी को अपनी कठपुतली मत बनाना और न ही कभी खुद किसी की कठपुतली बनना. Hindi Kahani Ek Din Achanak लता दीदी की आत्महत्या की खबर ने मुझे अंदर तक हिला दिया था क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. फिर मुझे एक दिन दीदी का वह पत्र मिला जिस ने सारे राज खोल दिए और मुझे परेशानी व असमंजस में डाल दिया कि क्या दीदी की आत्महत्या को मैं यों ही व्यर्थ जाने दूं? मैं बालकनी में पड़ी कुरसी पर चुपचाप बैठा था. जाने क्यों मन उदास था, जबकि लता दीदी को गुजरे अब 1 माह से अधिक हो गया है. दीदी की याद आती है तो जैसे यादों की बरात मन के लंबे रास्ते पर निकल पड़ती है. जिस दिन यह खबर मिली कि ‘लता ने आत्महत्या कर ली,’ सहसा विश्वास ही नहीं हुआ कि यह बात सच भी हो सकती है. क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. शादी के बाद, उन के पहले 3-4 साल अच्छे बीते. शरद जीजाजी और दीदी दोनों भोपाल में कार्यरत थे. जीजाजी बैंक में सहायक प्रबंधक हैं. दीदी शादी के पहले से ही सूचना एवं प्रसार कार्यालय में स्टैनोग्राफर थीं. ...