सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Boult Launches New Wireless Neckband With Powerful Battery Backup of 40 Hours

बौल्ट ने 40 घंटे के शक्तिशाली बैटरी बैकअप के साथ नया वायरलेस नेकबैंड लॉन्च किया
Boult Audio ProBass ZCharge की कीमत 1,299 रुपये रखी गई है। इसे अमेजन इंडिया से खरीदा जा सकता है। इससे पहले पिछले महीने ही Boult AirBass Propods X को 1,499 रुपये की कीमत पर लॉन्च किया गया है।





Boult Audio ProBass ZCharge -  
 
घरेलू कंपनी Boult ने अपने नए वायरलेस नेकबैंड Audio ProBass ZCharge को लॉन्च कर दिया है। Boult Audio ProBass ZCharge के साथ कंपनी ने शानदार बास के अलावा जबरदस्त बैटरी बैकअप का दावा किया है। Boult Audio ProBass ZCharge की बैटरी को लेकर 40 घंटे के बैकअप का दावा किया गया है। चार्जिंग के लिए इसमें टाईप-सी पोर्ट और इनवायरमेंटल न्वाइज कैंसिलेशन भी मिलेगा।


Boult Audio ProBass ZCharge की कीमत
Boult Audio ProBass ZCharge की कीमत 1,299 रुपये रखी गई है। इसे अमेजन इंडिया से खरीदा जा सकता है। इससे पहले पिछले महीने ही Boult AirBass Propods X को 1,499 रुपये की कीमत पर लॉन्च किया गया है।


 

Boult Audio ProBass ZCharge की स्पेसिफिकेशन
Boult Audio ProBass ZCharge में कनेक्टिविटी के लिए ब्लूटूथ 5.2 दिया गया है। इसके अलावा इसमें सिलिकॉन ईयरटिप दिए गए  हैं। दोनों बड्स के साथ मैग्नेट मिलेगा जिसकी मदद से इस्तेमाल ना होने की स्थिति में दोनों बड्स में आपस में चिपक जाते हैं। वाटर और स्वेट रेसिस्टेंट के लिए इसे IPX5 की रेटिंग मिली है। 



कंपनी ने Boult Audio ProBass ZCharge में एक्स्ट्रा बास का दावा किया है। इसमें 14.2mm का ड्राइवर है जो कि एयरोस्पेस ग्रेड एलॉय माइक्रो वूफर से लैस है। इसके साथ वॉयस असिस्टेंट का भी सपोर्ट मिलेगा। 



Boult के इस नेकबैंड को ब्लैक, रेड और ब्लू कलर में 1  साल की वारंटी के साथ खरीदा जा सकेगा। एक बार फुल चार्ज करने के बाद Audio ProBass ZCharges की बैटरी लगातार 40 घंटे का बैकअप देगी। इसके साथ सुपर फास्ट चार्जिंग भी है जिसे लेकर दावा है कि 10 मिनट की चार्जिंग में 15 घंटे का बैकअप मिलेगा।

 

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

एक दिन अचानक हिंदी कहानी, Hindi Kahani Ek Din Achanak

एक दिन अचानक दीदी के पत्र ने सारे राज खोल दिए थे. अब समझ में आया क्यों दीदी ने लिखा था कि जिंदगी में कभी किसी को अपनी कठपुतली मत बनाना और न ही कभी खुद किसी की कठपुतली बनना. Hindi Kahani Ek Din Achanak लता दीदी की आत्महत्या की खबर ने मुझे अंदर तक हिला दिया था क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. फिर मुझे एक दिन दीदी का वह पत्र मिला जिस ने सारे राज खोल दिए और मुझे परेशानी व असमंजस में डाल दिया कि क्या दीदी की आत्महत्या को मैं यों ही व्यर्थ जाने दूं? मैं बालकनी में पड़ी कुरसी पर चुपचाप बैठा था. जाने क्यों मन उदास था, जबकि लता दीदी को गुजरे अब 1 माह से अधिक हो गया है. दीदी की याद आती है तो जैसे यादों की बरात मन के लंबे रास्ते पर निकल पड़ती है. जिस दिन यह खबर मिली कि ‘लता ने आत्महत्या कर ली,’ सहसा विश्वास ही नहीं हुआ कि यह बात सच भी हो सकती है. क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. शादी के बाद, उन के पहले 3-4 साल अच्छे बीते. शरद जीजाजी और दीदी दोनों भोपाल में कार्यरत थे. जीजाजी बैंक में सहायक प्रबंधक हैं. दीदी शादी के पहले से ही सूचना एवं प्रसार कार्यालय में स्टैनोग्राफर थीं.

Hindi Family Story Big Brother Part 1 to 3

  Hindi kahani big brother बड़े भैया-भाग 1: स्मिता अपने भाई से कौन सी बात कहने से डर रही थी जब एक दिन अचानक स्मिता ससुराल को छोड़ कर बड़े भैया के घर आ गई, तब भैया की अनुभवी आंखें सबकुछ समझ गईं. अश्विनी कुमार भटनागर बड़े भैया ने घूर कर देखा तो स्मिता सिकुड़ गई. कितनी कठिनाई से इतने दिनों तक रटा हुआ संवाद बोल पाई थी. अब बोल कर भी लग रहा था कि कुछ नहीं बोली थी. बड़े भैया से आंख मिला कर कोई बोले, ऐसा साहस घर में किसी का न था. ‘‘क्या बोला तू ने? जरा फिर से कहना,’’ बड़े भैया ने गंभीरता से कहा. ‘‘कह तो दिया एक बार,’’ स्मिता का स्वर लड़खड़ा गया. ‘‘कोई बात नहीं,’’ बड़े भैया ने संतुलित स्वर में कहा, ‘‘एक बार फिर से कह. अकसर दूसरी बार कहने से अर्थ बदल जाता है.’’ स्मिता ने नीचे देखते हुए कहा, ‘‘मुझे अनिमेष से शादी करनी है.’’ ‘‘यह अनिमेष वही है न, जो कुछ दिनों पहले यहां आया था?’’ बड़े भैया ने पूछा. ‘‘जी.’’ ‘‘और वह बंगाली है?’’ बड़े भैया ने एकएक शब्द पर जोर देते हुए पूछा. ‘‘जी,’’ स्मिता ने धीमे स्वर में उत्तर दिया. ‘‘और हम लोग, जिस में तू भी शामिल है, शुद्ध शाकाहारी हैं. वह बंगाली तो अवश्य ही

Maa Ki Shaadi मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था?

मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? समीर की मृत्यु के बाद मीरा के जीवन का एकमात्र मकसद था समीरा को सुखद भविष्य देना. लेकिन मीरा नहीं जानती थी कि समीरा भी अपनी मां की खुशियों को नए पंख देना चाहती थी. संध्या समीर और मैं ने, परिवारों के विरोध के बावजूद प्रेमविवाह किया था. एकदूसरे को पा कर हम बेहद खुश थे. समीर बैंक मैनेजर थे. बेहद हंसमुख एवं मिलनसार स्वभाव के थे. मेरे हर काम में दिलचस्पी तो लेते ही थे, हर संभव मदद भी करते थे, यहां तक कि मेरे कालेज संबंधी कामों में भी पूरी मदद करते थे. कई बार तो उन के उपयोगी टिप्स से मेरे लेक्चर में नई जान आ जाती थी. शादी के 4 वर्षों बाद मैं ने प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया. उस के नामकरण के लिए मैं ने समीरा नाम सुझाया. समीर और मीरा की समीरा. समीर प्रफुल्लित होते हुए बोले, ‘‘यार, तुम ने तो बहुत बढि़या नामकरण कर दिया. जैसे यह हम दोनों का रूप है उसी तरह इस के नाम में हम दोनों का नाम भी समाहित है.’’ समीरा को प्यार से हम सोमू पुकारते, उस के जन्म के बाद मैं ने दोनों परिवारों मे