सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Hindi Health Tips Iron Deficiency Symptoms In Legs And Hands, Iron Deficiency And Risks! शरीर में 'आयरन' की है -HindiShayarih

 शरीर में आयरन की कमी का पता लगाने के लिए आमतौर पर खून की जांच कराने की सलाह दी जाती है, पर क्या आप जानते हैं कि शरीर में दिखने वाले कुछ संकेतों के आधार पर भी आसानी से इसका पता लगाया जा सकता है? आइए हाथों और पैरों में आयरन की कमी के कारण दिखने वाले संकेतों के बारे में जानते हैं जिनके आधार पर समस्या का आसानी से निदान किया जा सकता है? शरीर में आयरन की कमी के लक्षण, आयरन की कमी के कारण, आयरन की कमी को कैसे दूर करें, आयरन की कमी में क्या खाना चाहिए,

आयरन की कमी के संकेत1 of 5
आयरन की कमी के संकेत - फोटो : iStock






 

आयरन की कमी के संकेत 
शरीर को स्वस्थ और फिट बनाए रखने के लिए पौष्टिक आहार का सेवन करना सबसे आवश्यक माना जाता है। पौष्टिक आहार का मतलब, ऐसी चीजों का सेवन जिससे शरीर के लिए आवश्यक मैक्रोन्यूट्रिएंट्स की आसानी से पूर्ति की जा सके। जब हम स्वस्थ शरीर की बात करते हैं, तो इसके लिए कुछ पोषक तत्वों की सबसे अधिक आवश्यकता होती है- आयरन उनमें से एक है। आयरन वह मूल घटक है जो शरीर को हीमोग्लोबिन बनाने में मदद करता है। हीमोग्लोबिन, लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाने वाला एक प्रोटीन है जो फेफड़ों से ऑक्सीजन को पूरे शरीर के ऊतकों और अंगों तक पहुंचाता है।  यदि शरीर में आयरन की कमी हो जाए तो ऊतकों तक ऑक्सीजन पहुंचने में दिक्कत हो सकती है, जो सेहत के लिए गंभीर समस्याओं का कारण बनती है।


शरीर के लिए जरूरी है आयरन2 of 5
शरीर के लिए जरूरी है आयरन - फोटो : Pixabay






आयरन की कमी के सामान्य लक्षण क्या हैं?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक शरीर में आयरन की कमी के कारण लोगों को एनीमिया की समस्या हो सकती है। अक्सर प्रारंभिक अवस्था में लोगों का इस तरफ ध्यान नहीं जाता है जिसके कारण बाद में गंभीर समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। आयरन की कमी के एनीमिया से संबंधित इन लक्षणों पर सभी को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

त्वचा में पीलापन
दुर्बलता और कमजोरी
सिर दर्द- चक्कर आना
अत्यधिक थकान महसूस करते रहना।
शरीर में सूजन, जीभ में दर्द बना रहना
भूख कम लगना।
 
हाथ-पैर ठंड होने की समस्या3 of 5
हाथ-पैर ठंड होने की समस्या - फोटो : iStock






हाथों-पैरों का ठंडा हो जाना
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक आयरन की कमी के सामान्य लक्षणों के अलावा कुछ लोगों को हाथों और पैरों में भी इसके संकेत महसूस हो सकते हैं। जिन लोगों के शरीर में आयरन की कमी होती है उनके हाथ और पैर अक्सर ठंडे बने रहते हैं। यदि आपको भी लगातार इस तरह की समस्या का अनुभव होता है तो इस बारे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करके समस्या का निदान कराना आवश्यक हो जाता है। 




 
 
क्यों होता है शरीर में आयरन की कमी?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक ऐसे कई कारण है जिनके चलत शरीर में इस बेहद आवश्यक मैक्रोन्यूट्रिएंट्स की कमी हो सकती है। रक्त में मौजूद लाल रक्त कोशिकाओं के भीतर आयरन होता है, कई स्थितियों में शरीर से खून ज्यादा निकल जाने के कारण आयरन की कमी हो सकती है। माहवारी के कारण महिलाओं को आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया का खतरा अधिक होता है। इसके अलावा भोजन में पौष्टिकता और आयरन वाली चीजों की कमी के कारण भी इस समस्या का खतरा बढ़ जाता है।
 

 
आयरन की कमी पूरा करने वाले आहार  


आयरन की पूर्ति कैसे करें?
अध्ययनों से पता चलता है कि यदि हम अपने आहार को सही कर लें तो शरीर में आयरन की कमी को आसानी से पूरा किया जा सकता है। इसके लिए उन चीजों का अधिक से अधिक सेवन किया जाना चाहिए जिसमें आयरन की मात्रा अधिक होती है। रेड मीट और पोल्ट्री, समुद्री भोजन, बीन्स, गहरी हरी पत्तेदार सब्जियां, जैसे पालक, सूखे मेवे, जैसे किशमिश और खुबानी आदि को आयरन का अच्छा स्रोत माना जाता है। आहार में इन चीजों को जरूर शामिल किया जाना चाहिए।


----------------
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है।  शरीर में आयरन की कमी के लक्षण, आयरन की कमी के कारण, आयरन की कमी को कैसे दूर करें, आयरन की कमी में क्या खाना चाहिए,

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

एक दिन अचानक हिंदी कहानी, Hindi Kahani Ek Din Achanak

एक दिन अचानक दीदी के पत्र ने सारे राज खोल दिए थे. अब समझ में आया क्यों दीदी ने लिखा था कि जिंदगी में कभी किसी को अपनी कठपुतली मत बनाना और न ही कभी खुद किसी की कठपुतली बनना. Hindi Kahani Ek Din Achanak लता दीदी की आत्महत्या की खबर ने मुझे अंदर तक हिला दिया था क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. फिर मुझे एक दिन दीदी का वह पत्र मिला जिस ने सारे राज खोल दिए और मुझे परेशानी व असमंजस में डाल दिया कि क्या दीदी की आत्महत्या को मैं यों ही व्यर्थ जाने दूं? मैं बालकनी में पड़ी कुरसी पर चुपचाप बैठा था. जाने क्यों मन उदास था, जबकि लता दीदी को गुजरे अब 1 माह से अधिक हो गया है. दीदी की याद आती है तो जैसे यादों की बरात मन के लंबे रास्ते पर निकल पड़ती है. जिस दिन यह खबर मिली कि ‘लता ने आत्महत्या कर ली,’ सहसा विश्वास ही नहीं हुआ कि यह बात सच भी हो सकती है. क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. शादी के बाद, उन के पहले 3-4 साल अच्छे बीते. शरद जीजाजी और दीदी दोनों भोपाल में कार्यरत थे. जीजाजी बैंक में सहायक प्रबंधक हैं. दीदी शादी के पहले से ही सूचना एवं प्रसार कार्यालय में स्टैनोग्राफर थीं.

Hindi Family Story Big Brother Part 1 to 3

  Hindi kahani big brother बड़े भैया-भाग 1: स्मिता अपने भाई से कौन सी बात कहने से डर रही थी जब एक दिन अचानक स्मिता ससुराल को छोड़ कर बड़े भैया के घर आ गई, तब भैया की अनुभवी आंखें सबकुछ समझ गईं. अश्विनी कुमार भटनागर बड़े भैया ने घूर कर देखा तो स्मिता सिकुड़ गई. कितनी कठिनाई से इतने दिनों तक रटा हुआ संवाद बोल पाई थी. अब बोल कर भी लग रहा था कि कुछ नहीं बोली थी. बड़े भैया से आंख मिला कर कोई बोले, ऐसा साहस घर में किसी का न था. ‘‘क्या बोला तू ने? जरा फिर से कहना,’’ बड़े भैया ने गंभीरता से कहा. ‘‘कह तो दिया एक बार,’’ स्मिता का स्वर लड़खड़ा गया. ‘‘कोई बात नहीं,’’ बड़े भैया ने संतुलित स्वर में कहा, ‘‘एक बार फिर से कह. अकसर दूसरी बार कहने से अर्थ बदल जाता है.’’ स्मिता ने नीचे देखते हुए कहा, ‘‘मुझे अनिमेष से शादी करनी है.’’ ‘‘यह अनिमेष वही है न, जो कुछ दिनों पहले यहां आया था?’’ बड़े भैया ने पूछा. ‘‘जी.’’ ‘‘और वह बंगाली है?’’ बड़े भैया ने एकएक शब्द पर जोर देते हुए पूछा. ‘‘जी,’’ स्मिता ने धीमे स्वर में उत्तर दिया. ‘‘और हम लोग, जिस में तू भी शामिल है, शुद्ध शाकाहारी हैं. वह बंगाली तो अवश्य ही

Maa Ki Shaadi मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था?

मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? समीर की मृत्यु के बाद मीरा के जीवन का एकमात्र मकसद था समीरा को सुखद भविष्य देना. लेकिन मीरा नहीं जानती थी कि समीरा भी अपनी मां की खुशियों को नए पंख देना चाहती थी. संध्या समीर और मैं ने, परिवारों के विरोध के बावजूद प्रेमविवाह किया था. एकदूसरे को पा कर हम बेहद खुश थे. समीर बैंक मैनेजर थे. बेहद हंसमुख एवं मिलनसार स्वभाव के थे. मेरे हर काम में दिलचस्पी तो लेते ही थे, हर संभव मदद भी करते थे, यहां तक कि मेरे कालेज संबंधी कामों में भी पूरी मदद करते थे. कई बार तो उन के उपयोगी टिप्स से मेरे लेक्चर में नई जान आ जाती थी. शादी के 4 वर्षों बाद मैं ने प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया. उस के नामकरण के लिए मैं ने समीरा नाम सुझाया. समीर और मीरा की समीरा. समीर प्रफुल्लित होते हुए बोले, ‘‘यार, तुम ने तो बहुत बढि़या नामकरण कर दिया. जैसे यह हम दोनों का रूप है उसी तरह इस के नाम में हम दोनों का नाम भी समाहित है.’’ समीरा को प्यार से हम सोमू पुकारते, उस के जन्म के बाद मैं ने दोनों परिवारों मे