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Top 12 Aarzoo Shayari 2 Liner Collection - Aarzoo Shayari: इंसाँ की ख़्वाहिशों की कोई इंतिहा नहीं HindiShayarih

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नहीं निगाह में मंज़िल तो जुस्तुजू ही सही 
नहीं विसाल मयस्सर तो आरज़ू ही सही 
- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

इंसाँ की ख़्वाहिशों की कोई इंतिहा नहीं 
दो गज़ ज़मीं भी चाहिए दो गज़ कफ़न के बाद 
- कैफ़ी आज़मी

जान-लेवा थीं ख़्वाहिशें वर्ना 
वस्ल से इंतिज़ार अच्छा था 
- जौन एलिया


तुम्हारी याद में जीने की आरज़ू है अभी 
कुछ अपना हाल सँभालूँ अगर इजाज़त हो 
- जौन एलिया

आरज़ू तेरी बरक़रार रहे 
दिल का क्या है रहा रहा न रहा 
- हसरत मोहानी

हम क्या करें अगर न तिरी आरज़ू करें 
दुनिया में और भी कोई तेरे सिवा है क्या 
- हसरत मोहानी



ख़्वाब, उम्मीद, तमन्नाएँ, तअल्लुक़, रिश्ते 
जान ले लेते हैं आख़िर ये सहारे सारे 
- इमरान-उल-हक़ चौहान

तिरी आरज़ू तिरी जुस्तुजू में भटक रहा था गली गली 
मिरी दास्ताँ तिरी ज़ुल्फ़ है जो बिखर बिखर के सँवर गई 
- बशीर बद्र

आरज़ू हसरत और उम्मीद शिकायत आँसू 
इक तिरा ज़िक्र था और बीच में क्या क्या निकला 
- सरवर आलम राज़


होती कहाँ है दिल से जुदा दिल की आरज़ू 
जाता कहाँ है शम्अ को परवाना छोड़ कर 
- जलील मानिकपूरी

अरमान वस्ल का मिरी नज़रों से ताड़ के 
पहले ही से वो बैठ गए मुँह बिगाड़ के 
- लाला माधव राम जौहर


क्या वो ख़्वाहिश कि जिसे दिल भी समझता हो हक़ीर 
आरज़ू वो है जो सीने में रहे नाज़ के साथ 
- अकबर इलाहाबादी

यार पहलू में है तन्हाई है कह दो निकले 
आज क्यूँ दिल में छुपी बैठी है हसरत मेरी 
- अमीर मीनाई


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