सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Winter Special Make These Delicious Recipes from Orange: Orange से बनाएं ये टेस्टी रेसिपीज - Hindishayairh

Make These Delicious Recipes from Orange संतरे से बनाएं ये स्वादिष्ट रेसिपी
ओरेंज अर्थात संतरा में एंटीओक्सिडेंटस, हाई फायबर, विटामिन बी काम्प्लेक्स और विटामिन सी जैसे पौष्टिक तत्व भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं जो इम्युनिटी और स्टेमिना बढाने, वजन को संतुलित करने और हीमोग्लोबिन की कमी को दूर करने में सहायक होते हैं. ओरेंज का गूदा ही नहीं बल्कि इसके छिल्के भी चेहरे के सौन्दर्य को निखारने का काम करते हैं. इन दिनों संतरा भरपूर मात्रा में बाजार में मिल रहा है. आज हम आपको संतरे से बनने वाली कुछ रेसिपीज को बनाना बता रहे हैं जिन्हें बनाना तो बहुत आसान हैं ही साथ ही ये बहुत स्वादिष्ट भी होती हैं. तो आइये देखते हैं कि इन्हें कैसे बनाते हैं-



Winter Special Make These Delicious Recipes from Orange: Orange से बनाएं ये टेस्टी रेसिपीज
Orange से बनाएं ये टेस्टी रेसिपीज 


health benefits of orange healthy food, home made food, lifestyle, masalas, orange kheer, orange rabdi, orange recipes,


-आरेंज रबड़ी

कितने लोगों के लिए 6

बनने में लगने वाला समय 30 मिनट

मील टाइप वेज

सामगी

आरेंज 1 किलो

फुल क्रीम दूध 2 लीटर

शकर 250 ग्राम

मिल्क पाउडर 2 टेबल स्पून

बारीक कटे पिस्ता 1 टेबलस्पून


विधि-

अब आरेंज का ज्यूस निकालकर छलनी से छान लें. ओरेंज जूस में शकर डालकर लगभग एक तार की चाशनी बनने तक पकाकर ठंडा कर लें. एक भारी तले के भगौने में दूध डालकर गैस पर चढा दें. मद्धिम आंच पर दूध को उबलने दें. बीच बीच में दूध के उपर आयी मलाई को कलछी से कड़ाही के किनारों पर एकत्र करती जाएं. इससे रबड़ी के लच्छे बनेंगें. जब दूध एकदम गाढा होने लगे तो मिल्क पाउडर मिलाकर गैस बंद कर दें. ठंडा होने पर किनारों पर लगे लच्छों को कलछी से खुरच लें और संतरे की चाशनी को तैयार रबड़ी में अच्छी तरह मिला लें. कटे पिस्ता से सजाकर सर्व करें.




 health benefits of orange healthy food, home made food, lifestyle, masalas, orange kheer, orange rabdi, orange recipes, orange stars, recipe, tasty, tasty food, winter Food, winter recipe, ऑरेंज खीर, ऑरेंज रबड़ी, ऑरेंज स्टार्स, फूड, संतरे के फायदे, संतरे के व्यंज

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

एक दिन अचानक हिंदी कहानी, Hindi Kahani Ek Din Achanak

एक दिन अचानक दीदी के पत्र ने सारे राज खोल दिए थे. अब समझ में आया क्यों दीदी ने लिखा था कि जिंदगी में कभी किसी को अपनी कठपुतली मत बनाना और न ही कभी खुद किसी की कठपुतली बनना. Hindi Kahani Ek Din Achanak लता दीदी की आत्महत्या की खबर ने मुझे अंदर तक हिला दिया था क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. फिर मुझे एक दिन दीदी का वह पत्र मिला जिस ने सारे राज खोल दिए और मुझे परेशानी व असमंजस में डाल दिया कि क्या दीदी की आत्महत्या को मैं यों ही व्यर्थ जाने दूं? मैं बालकनी में पड़ी कुरसी पर चुपचाप बैठा था. जाने क्यों मन उदास था, जबकि लता दीदी को गुजरे अब 1 माह से अधिक हो गया है. दीदी की याद आती है तो जैसे यादों की बरात मन के लंबे रास्ते पर निकल पड़ती है. जिस दिन यह खबर मिली कि ‘लता ने आत्महत्या कर ली,’ सहसा विश्वास ही नहीं हुआ कि यह बात सच भी हो सकती है. क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. शादी के बाद, उन के पहले 3-4 साल अच्छे बीते. शरद जीजाजी और दीदी दोनों भोपाल में कार्यरत थे. जीजाजी बैंक में सहायक प्रबंधक हैं. दीदी शादी के पहले से ही सूचना एवं प्रसार कार्यालय में स्टैनोग्राफर थीं.

Maa Ki Shaadi मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था?

मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? समीर की मृत्यु के बाद मीरा के जीवन का एकमात्र मकसद था समीरा को सुखद भविष्य देना. लेकिन मीरा नहीं जानती थी कि समीरा भी अपनी मां की खुशियों को नए पंख देना चाहती थी. संध्या समीर और मैं ने, परिवारों के विरोध के बावजूद प्रेमविवाह किया था. एकदूसरे को पा कर हम बेहद खुश थे. समीर बैंक मैनेजर थे. बेहद हंसमुख एवं मिलनसार स्वभाव के थे. मेरे हर काम में दिलचस्पी तो लेते ही थे, हर संभव मदद भी करते थे, यहां तक कि मेरे कालेज संबंधी कामों में भी पूरी मदद करते थे. कई बार तो उन के उपयोगी टिप्स से मेरे लेक्चर में नई जान आ जाती थी. शादी के 4 वर्षों बाद मैं ने प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया. उस के नामकरण के लिए मैं ने समीरा नाम सुझाया. समीर और मीरा की समीरा. समीर प्रफुल्लित होते हुए बोले, ‘‘यार, तुम ने तो बहुत बढि़या नामकरण कर दिया. जैसे यह हम दोनों का रूप है उसी तरह इस के नाम में हम दोनों का नाम भी समाहित है.’’ समीरा को प्यार से हम सोमू पुकारते, उस के जन्म के बाद मैं ने दोनों परिवारों मे

Hindi Family Story Big Brother Part 1 to 3

  Hindi kahani big brother बड़े भैया-भाग 1: स्मिता अपने भाई से कौन सी बात कहने से डर रही थी जब एक दिन अचानक स्मिता ससुराल को छोड़ कर बड़े भैया के घर आ गई, तब भैया की अनुभवी आंखें सबकुछ समझ गईं. अश्विनी कुमार भटनागर बड़े भैया ने घूर कर देखा तो स्मिता सिकुड़ गई. कितनी कठिनाई से इतने दिनों तक रटा हुआ संवाद बोल पाई थी. अब बोल कर भी लग रहा था कि कुछ नहीं बोली थी. बड़े भैया से आंख मिला कर कोई बोले, ऐसा साहस घर में किसी का न था. ‘‘क्या बोला तू ने? जरा फिर से कहना,’’ बड़े भैया ने गंभीरता से कहा. ‘‘कह तो दिया एक बार,’’ स्मिता का स्वर लड़खड़ा गया. ‘‘कोई बात नहीं,’’ बड़े भैया ने संतुलित स्वर में कहा, ‘‘एक बार फिर से कह. अकसर दूसरी बार कहने से अर्थ बदल जाता है.’’ स्मिता ने नीचे देखते हुए कहा, ‘‘मुझे अनिमेष से शादी करनी है.’’ ‘‘यह अनिमेष वही है न, जो कुछ दिनों पहले यहां आया था?’’ बड़े भैया ने पूछा. ‘‘जी.’’ ‘‘और वह बंगाली है?’’ बड़े भैया ने एकएक शब्द पर जोर देते हुए पूछा. ‘‘जी,’’ स्मिता ने धीमे स्वर में उत्तर दिया. ‘‘और हम लोग, जिस में तू भी शामिल है, शुद्ध शाकाहारी हैं. वह बंगाली तो अवश्य ही