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Hindi Shayri असद बदायूंनी Selected Shayari Collection - पढ़ें चुनिंदा शेर : Asad Badayuni - HindiShayariH

 
Hindi Shayri असद बदायूंनी Selected Shayari Collection - पढ़ें चुनिंदा शेर : Asad Badayuni



मेरी रुस्वाई के अस्बाब हैं मेरे अंदर
आदमी हूँ सो बहुत ख़्वाब हैं मेरे अंदर


बिछड़ के तुझ से किसी दूसरे पे मरना है
ये तजरबा भी इसी ज़िंदगी में करना है


सब इक चराग़ के परवाने होना चाहते हैं
अजीब लोग हैं दीवाने होना चाहते हैं



जम गई धूल मुलाक़ात के आईनों पर
मुझ को उस की न उसे मेरी ज़रूरत कोई 


ग़ैरों को क्या पड़ी है कि रुस्वा करें मुझे
इन साज़िशों में हाथ किसी आश्ना का है

आते हैं बर्ग-ओ-बार दरख़्तों के जिस्म पर
तुम भी उठाओ हाथ कि मौसम दुआ का है 


हवा दरख़्तों से कहती है दुख के लहजे में
अभी मुझे कई सहराओं से गुज़रना है

परिंद क्यूँ मिरी शाख़ों से ख़ौफ़ खाते हैं
कि इक दरख़्त हूँ और साया-दार मैं भी हूँ 


फूलों की ताज़गी ही नहीं देखने की चीज़
काँटों की सम्त भी तो निगाहें उठा के देख

मिरे बदन पे ज़मानों की ज़ंग है लेकिन
मैं कैसे देखूँ शिकस्ता है आइना मेरा

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