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Best Hindi Kahani Writing Society Story Laila Aur Mobile Majdur हिंदी कहानी राइटिंग लैला और मोबाइल मजदूर - HindiSHAYARIH

कहानी Hindi Kahani Writing in Hindi लैला और मोबाइल मजदूर
वह साहब नाम का शहर में लड़कियों को बाहर के देशों में बेचने का काम करता था और इस के लिए वह रणबीर जैसे गुरगों को गांव में काम करने के बहाने से भेजता और रणबीर मजदूर के वेश में रहता.

 
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लेखक- नीरज कुमार मिश्रा  

हिंदी कहानी राइटिंग 

‘‘अरे वाह रे भैया… यह पुल का काम तो द्रौपदी के चीर की तरह हो गया है… एक बार शुरू तो हो गया, पर खत्म होने का नाम ही नहीं लेता है, ’’ पेड़ के नीचे बैठे लड़कों से एक बूढ़े चाचा ने कहा. ‘‘हां चाचा… यह सब तो सरकारी कामकाज है… कभी काम शुरू तो कभी काम बंद.’’ ‘‘पर कुछ भी कहो… जब भी इस पुल का काम शुरू होता है, तो फायदा तो गांव के बेरोजगार मजदूर लड़के और लड़कियों का होता है, जो उन को घर बैठे ही कामधाम मिल जाता है.’’ गांव के कुछ ही दूर पर बहने वाली नदी पर पुल बनने का काम चल रहा था, जिस में कई इंजीनियर, ठेकेदार और मजदूर आते थे, दिनभर काम करते और अस्थायी रूप से घर बना कर रहते. इन्हीं मजदूरों में एक मजदूर रणबीर नाम का भी था. पता नहीं क्यों पर वह ठेकेदार का मुंह लगा हुआ मजदूर था, तभी तो कामधाम तो बस दिखावे का और दिनभर गांव में घूमघूम कर तसवीरें उतारा करता पूरे गांव की.

और कभी किसी ने कुछ पूछ भी लिया कि भाई ये तसवीरें क्यों खींचते रहते हो तो बड़ी होशियारी से जवाब देता कि मैं तो शहरी मजदूर हूं, पर थोड़ाबहुत मोबाइल का शौक है, इसलिए गांवों की तसवीरें फेसबुक पर डालता रहता हूं… इस से तुम्हारे गांव को लोग शहर में भी जानेंगे और तुम्हारी भी पहचान बनेगी. रणबीर हमेशा ही मोबाइल हाथ में रखता था, इसलिए उस का नाम ही पड़ गया था मोबाइल मजदूर. रणबीर को जब भी कभी राह में गांव की लड़कियां मिल जातीं तो उन के फोटो भी उन की नजर बचा कर उतार लेता. रणबीर की यह हरकत गांव की कुछ लड़कियों को सख्त नागवार थी, पर उन के पास कोई सुबूत नहीं था और एक अजनबी का तसवीर खींच लेना उन के शरीर को रोमांच से भी भर देता था, इसलिए वे सीधा विरोध न कर पाती थीं. ‘‘सुरीली… एक बात तो बता… यह जो मोबाइल वाला मजदूर है न… इस की शक्ल देख कर ऐसा लगता है कि इस को पहले भी कहीं देखा है,’’


 

लैला ने अपनी आंखों को गोल करते हुए कहा. ‘‘हां यार, लगता तो मुझे भी है… और यह वैसे भी मुझे फूटी आंख नहीं भाता है, जब देखो यहांवहां के फोटो खींचता रहता है,’’ सुरीली ने अपनी सहेली लैला से कहा. पता नहीं क्यों लैला को उस मोबाइल वाले मजदूर का चेहरा बारबार पहचाना सा लग रहा था और बड़ी देर से वह उसे पहचानने के लिए अपने दिमाग पर जोर डाल रही थी. अचानक से लैला को जैसे कुछ याद आया हो, ‘‘अरे सुनो सब की सब… यह जो मोबाइल वाला मजदूर है न, इस के चेहरे को ध्यान से देखो और अगर इस की घनी दाढ़ी हटा दें, तो ये वही मजदूर लगता है, जो पिछली बार भी आया था जब पुल का काम शुरू हुआ था और कुछ दिन बाद हमारी प्यारी सहेली शन्नो को भगा कर ले गया था. तब से शन्नो कभी वापस नहीं लौटी. आखिर लफड़ा क्या है?’’ लैला ने कहा. ‘‘नहींनहीं… लैला, हमारा भला उस से क्या लफड़ा होगा… हां, इतना जरूर है कि एक बार जब हम भूसे के ढेर के पास बैठे थे, तब वह मोबाइल अपने हाथों में ले कर आया और बड़े अदब से मेरी एक तसवीर खींचते हुए बोला कि अगर मैं शहर में होती तो किसी फिल्म की हीरोइन होती..

.’’ शरमाते हुए सांवरी ने कहा. ‘‘और उस से कोई भी मदद मांगो तो पीछे न हटता है वह… और ऐसे कैसे किसी भले आदमी पर तुम्हारा यों आरोप लगा देना ठीक भी नहीं है,’’ सांवरी की बातें बड़ी हमदर्दी भरी थीं उस मोबाइल मजदूर के लिए. सांवरी का एक अजनबी मजदूर के प्रति इतनर प्यार भरी बातें बोलना लैला और उस की सहेलियों को कुछ अजीब सा जरूर लग रहा था. बरसात हो रही थी, पुल पर चल रहा काम भी आज बंद था, गांव और कसबे के स्कूलकालेजों में भी छुट्टी थी. लैला भी अपने कमरे की खिड़की पर फुरसत में बैठी थी कि तभी उस ने देखा कि सांवरी छतरी ताने बरसात में कहीं जा रही है. एक जवान लड़की इतनी तेज बरसात में कहां जा रही है, वह भी गांव से बाहर जाने वाले रास्ते पर. अपने मन में कुछ सोच कर, मां को अभी वापस आने को बोल कर लैला सांवरी का पीछा करने लगी. सांवरी गांव के बाहर बने पुराने स्कूल में आ गई थी. लैला का शक ठीक निकला. वहां पर रणबीर बैठा हुआ पहले से इंतजार कर रहा था,




सांवरी स्कूल के अंदर एक खाली क्लास में घुस गई और रणबीर उस के पीछेपीछे घुस गया. लैला ने उन की जासूसी करने की गरज से अपनी एक आंख दरवाजे में बनी दरार पर टिका दी. अंदर चल रहे दृश्य देख कर उस के कुंआरे जिस्म में भी झुरझुरी दौड़ गई. रणबीर सांवरी को अपनी बांहों में कस कर उस के गीले होंठों को अपने होठों से सुखाने की कोशिश कर रहा था और सांवरी भी किसी बेल की तरह रणबीर से चिपकी हुई थी. लैला की आंखें हैरत से फैल गई थीं, अंदर कमरे में रणबीर और सांवरी दोनों ही लगातार एकदूसरे में समा जाने की कोशिश कर रहे थे. सांवरी और रणबीर के उत्साह में कोई कमी नहीं थी. लैला समझ गई थी कि दोनों एकदूसरे के जिस्मानी सुख का मजा लेना चाहते हैं, इसलिए लैला ने वहां से हट जाना ही उचित समझा, पर इतने में उस की आंखों ने जो देखा, उस ने लैला को वहीं पर रुकने को मजबूर कर दिया. सांवरी की आंखें जोश से बंद थीं

और रणबीर अपना मोबाइल हाथ में ले कर सांवरी के बदन का वीडियो बनाने लगा. चौंक पड़ी थी लैला… प्यार में जिस्मानी संबंध बन जाना आम बात है, पर यह कोई प्रेमी नहीं, बल्कि यह तो कोई धोखेबाज है… नहीं तो भला सांवरी के जिस्म का वीडियो क्यों बनाता? सांवरी तो घोर संकट में फंसने वाली?है. लैला का मन किया कि अभी कमरे में अंदर घुस जाए और चीखचीख कर गांव वालों को बुला ले और रणबीर का हिसाब अभी बराबर करवा दे, पर ऐसा करने में सांवरी की बदनामी का डर था. लैला ने मन ही मन रणबीर का राज फाश करने की बात सोची. वह कोई भोलीभाली लड़की नहीं थी, जिस का कोई भी फायदा उठा सकता था, लैला भले ही गांव में रहती थी पर नए से नए मोबाइल का इस्तेमाल करना अच्छी तरह जानती थी और इसी के सहारे उस ने इस मोबाइल मजदूर का राज खोलने की बात सोची. इतने में रणबीर और सांवरी अपनी मंजिल पर पहुंच चुके थे और अंदर से बाहर आने की आहट हुई, तो लैला तेज कदमों से वहां से घर वापस लौट गई.

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आज लैला जानबूझ कर रणबीर के आनेजाने वाले रास्ते पर खड़ी हो गई. कुछ देर बाद जब रणबीर वहां से गुजरा तो लैला जैसी खूबसूरत लड़की को देख कर उस के मुंह में पानी आ गया. ‘‘सुनो… मेरा नाम रणबीर है. मैं यहां बन रहे पुल पर मजदूरी करता हूं और खाली वक्त में इस गांव की खूबसूरत चीजों को अपने मोबाइल में कैद करता हूं… तुम कहो तो तुम्हारा एक फोटो अपने मोबाइल में खींच लूं.’’ रणबीर से तो मेलजोल बढ़ाना लैला का मकसद था, इसलिए वह फोटो खिंचवाने के लिए तैयार हो गई. इतना ही नहीं, बल्कि दोस्ती बढ़ाने की गरज से दोनों ने एकदूसरे से फेसबुक पर दोस्ती भी कर ली. इस के पीछे लैला की मंशा रणबीर की पर्सनल बातें जानने की ही थी. घर पहुंचते ही लैला ने रणबीर की फेसबुक प्रोफाइल खंगाली और उस पर डाली गई पुरानी तसवीरें देखीं. उस का शक सही निकला कि यह दाढ़ी वाला मजदूर वही था, जो कुछ समय पहले शन्नो को इसी गांव से भगा ले गया था. फेसबुक पर दोस्त बन जाने के बाद तो रणबीर की बेचैनी और भी बढ़ गई थी. वह आएदिन लैला को प्यार भरे मैसेज भेजा करता. कभीकभी उन में कुछ बेहूदगी भी होती.

 
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लैला को रणबीर की फेसबुक प्रोफाइल से यह भी पता चला कि रणबीर के संबंध शहर के कुछ दूसरे लोगों से भी हैं. कभी तो लैला को यह भी लगता कि रणबीर जो दिखता है, वह नहीं है. तेजतर्रार लैला को शन्नो का पता लगाना था और रणबीर की हकीकत भी जाननी थी, इसलिए लैला ने अपनेआप को ही एक प्लान के तहत दांव पर लगा दिया. ‘‘हां, रणबीर… फेसबुक से पता चला कि आज तुम्हारा जन्मदिन है, तो सोचा बधाई दे दूं,’’ लैला ने रणबीर से फोन कर के कहा. ‘‘अरे धन्यवाद… पर खाली बधाई देने से क्या होगा… कुछ पार्टी दो तो बात बने. वैसे भी पुल का कामकाज 2 दिन के लिए बंद है,’’ रणबीर ने रोमांटिक मूड में लैला से कहा. ‘‘हांहां… दे दूंगी पार्टी… पर समय और जगह तुम बताओ,’’ लैला ने कहा. ‘‘शाम को 8 बजे… गांव के बाहर वाले स्कूल में आ जाओ, फिर जम कर पार्टी करते हैं.’’ रणबीर की आंखों में चमक आ गई थी. लैला को अभी शाम के प्लान की तैयारी करनी थी, इसलिए सब से पहले तो उस ने अपने मांबाप को विश्वास में लिया, उन्हें सारी बात बताई और यह भी बताया कि उसे शन्नो का पता लगाने के लिए यह सब करना जरूरी है. मांबाप को अपनी बेटी पर पूरा भरोसा था,



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इसलिए उन्होंने उसे जाने की इजादत दे दी. लैला ने अपनी सहेलियों को भी बता दिया था कि वह कहां जा रही है और अगर रात 10 बजे तक वापस नहीं आए तो वे सब गांव वालों को ले कर पुराने स्कूल में आ जाएं. उस का प्लान सुन कर उस की सहेलियां भी चिंतित हुईं, पर लैला ने उन को समझाया और अकेले ही स्कूल में आ गई. ठीक 8 बजे लैला बाहर वाले स्कूल पहुंच गई. रणबीर वहां पर पहले से मौजूद था और सिगरेट के कश लगा रहा था. लैला को देख कर रणबीर उस की तरफ झपटा. ‘‘चलो हटो… अपनेआप को मजदूर कहते हो… दिन के 200 रुपए कमाने वाले इतनी महंगी सिगरेट नहीं पिया करते.’’ ‘‘अरे… मैं कौन हूं, क्या हूं… यह सब छोड़ो… मेरी बांहों में आ जाओ और जवानी का मजा लो,’’ रणबीर कामुक आवाज में बोला. ‘‘पर, पहले मूड तो बना लो,’’ शराब से भरा गिलास रणबीर के होंठों से लगाते हुए लैला ने कहा. ‘‘वाह मेरी जान… तुम्हें कितना खयाल है मेरा,’’ शराब का गिलास खाली करते हुए रणबीर ने कहा. आज रणबीर काफी जोश में था, क्योंकि उस के सामने लैला जैसी खूबसूरत और जवान लड़की थी,

पर लैला ने अभी तक अपने शरीर को छूने तक नहीं दिया था, लेकिन एक काम वह लगातार कर रही थी कि रणबीर को लगातार पैग पर पैग दे रही थी और नजर बचा कर एक नींद की गोली भी उस ने शराब में मिला दी थी. रणबीर भी अपनी शराब पीने की सीमा को पार कर चुका था, आंखें भारी हो रही थीं और जब वह बेहोश सा होने लगा, तो लैला उस से ऐसे प्यार जताने लगी जैसे कि वह भी उस के प्यार की प्यासी है. कुछ ही देर में जब रणबीर पूरी तरह नींद में चला गया, तो लैला ने तेजी से अपना काम शुरू किया. सब से पहले उस ने रणबीर का मोबाइल चैक किया और उस में मौजूद फोन की रिकौर्डिंग सुनी. काफी फोन तो औपचारिक थे, कुछ और फोन की रिकौर्डिंग को लैला ने सुना, जिस से उसे पता चला कि शहर में रणबीर के एक बीवी और बच्चा भी है, जबकि रणबीर ने कभी भी यहां के लोगों को इस बारे में कुछ नहीं बताया था, बल्कि वह अपनेआप को कुंआरा ही बताया करता था. लैला अब भी तेजी से फोन की रिकौर्डिंग चैक कर रही थी, एक नंबर की काल थी, जिसे ‘साहब’ के नाम से सेव किया गया था और उस की रिकौर्डिंग सुन कर दंग रह गई थी लैला.


वह साहब नाम का शहर में लड़कियों को बाहर के देशों में बेचने का काम करता था और इस के लिए वह रणबीर जैसे गुरगों को गांव में काम करने के बहाने से भेजता और रणबीर मजदूर के वेश में रहता, ताकि गांव के लोगों का विश्वास आसानी से जीत सके और वहां की सीधीसादी लड़कियों को अपने प्रेमजाल में फंसा सके. उस के बाद वह पहले तो उन का यौन शोषण करता और फिर उन के वीडियो भी बना लेता, जिन के बल पर वह उन्हें ब्लैकमेल करने का काम भी करता और अकसर तो लड़कियों से शादी करने के बहाने से उन्हें शहर ले आता और उस ‘साहब’ नाम के आदमी को पेश कर देता और इस के बदले में रणबीर को काफी पैसे भी मिलते, शन्नो को भी कहीं बेच दिया गया था. लैला समझ गई थी कि यह कोई मजदूर नहीं, बल्कि एक आदमी की खाल में भेडि़या है, जो दलाली का काम करता है. लैला ने देखा कि रणबीर के मोबाइल में गांव के बाहर की दूसरी लड़कियों के साथ सैक्स करने के वीडियो भी थे,

जिन्हें भी रणबीर ने लड़कियों की नजर बचा कर बनाया गया था यानी रणबीर का प्लान अभी और लड़कियों का सौदा करने का भी था. लैला को अब लगने लगा था कि सुबूत रणबीर को सजा दिलाने के लिए काफी हैं, तो वह रणबीर के मोबाइल के साथ वहां से पुलिस के पास गई. सुबह जब रणबीर होश में आया, तब तक सूरज सिर पर चढ़ चुका था और लैला पुलिस में रिपोर्ट करने के बाद पुलिस को अपने साथ ले भी आई थी. पुलिस ने मोबाइल की काल डिटेल्स को आधार मानते हुए रणबीर को गिरफ्तार कर लिया और रणबीर के माध्यम से ही पुलिस ने शहर में मौजूद ‘साहब’ नाम के आदमी को दबोच लिया. इस तरह से लैला ने अपनी सूझबूझ से एक बड़े अपराधी गैंग का खात्मा कर दिया था और न जाने कितनी लड़कियों को देह धंधे के दलदल में जाने से बचा लिया था. माना कि गांव की लड़कियां सीधीसादी होती हैं, पर बात अगर उन की इज्जत की होती है तो वे तेजतर्रार भी बनना जानती हैं और बोल्ड भी.



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