सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Paneer Korma Recipe Delicious Recipe for Lunch or Dinner Here's how to make it In Detail बेहद खास है ये डिश - HindiShayariH

Paneer Korma Recipe Tasty Dish For Lunch Or Dinner Here Is The Detail Recipe बेहद खास है ये डिश पनीर कोरमा  

पनीर रेसिपी 1 of 5
पनीर रेसिपी - फोटो : Istock




वैसे तो पनीर की सब्जी बनाने के कई तरीके हैं।  ज्यादातर लोग मसालेदार पनीर करी खाना पसंद करते हैं। लेकिन अगर आप कम तीखा खाना चाहते हैं तो एक बार पनीर कोरमा की डिश जरूर ट्राई करें। इसका स्वाद लाजवाब होगा। साथ ही इसे बनाना भी ज्यादा मुश्किल नहीं है। तो इस रेसिपी को रात के खाने में ट्राई करें और आप इसका स्वाद जरूर लें। जानें पनीर कोरमा बनाने की विधि


paneer 2 of 5
paneer



पनीर कोरमा के लिए सामग्री
पनीर दो सौ ग्राम, कटे हुए टमाटर, प्याज बारीक कटा हुआ, हरी मिर्च कटी हुई, लहसुन की कुछ कलियां. फ्रेश क्रीम, नारियल कद्दूकस किया हुआ, खसखस एक छोटा चम्मच, हल्दी, गरम मसाला, सौंफ, काजू दस से पंद्रह, दालचीनी, लौंग, तेजपत्ता, हरी धनिया, तेल, नमक स्वादानुसार।
 

paneer 3 of 5
paneer


पनीर कोरमा बनाने की विधि
पनीर कोरमा बनाने के लिए पनीर को चौकोर टुकड़ों में काटकर रख लें। साथ में नारियल को भी कद्दूकस कर लें। खसखस, हरी मिर्च, काजू, सौंफ को लेकर ग्राइंडर जार में डालकर पीस लें। इसे बारीक करने के लिए थोड़ा सा पानी डाल सकते हैं। अब एक कड़ाही में तेल गर्म करें। जब तेल गर्म हो जाए तो इसमे पनीर के टुकड़े फ्राई कर लें।


paneer 4 of 5
paneer - फोटो : iStock
 


पनीर को प्लेट में निकालकर इसी कड़ाही में तेल डालकर लौंग, दालचीनी और तेजपत्ता डालें। धीमी आंच पर फ्राई करने के बाद इसमे बारीक कटा प्याज डालें। जब प्याज का रंग सुनहरा होने लगे तो इसमे टमाटर डाल दें। टमाटर पकाने के बाद इसमे लाल मिर्च, गरम मसाला, हल्दी पाउडर डालकर पकाएं। अब इस कड़ाही में काजू और खसखस का बना पेस्ट डाल दें। 



पनीर रेसिपी 5 of 5
पनीर रेसिपी - फोटो : Istock
 


धीमी आंच पर भूनने के बाद इसमे थोड़ा सा पानी डालकर ग्रेवी को पकाएं। जब ग्रेवी पक कर तेल छोड़ दें तो नमक और पनीर डालकर अच्छे से मिक्स कर दो से तीन मिनट तक और पकाएं। गैस की आंच बंदकर हरे धनिये से सजाएं और गर्मागर्म रोटी या नान के साथ सर्व करें। 



पनीर कोरमा, पनीर कोरमा कैसे बनता है, पनीर कोरमा की रेसिपी, 

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

एक दिन अचानक हिंदी कहानी, Hindi Kahani Ek Din Achanak

एक दिन अचानक दीदी के पत्र ने सारे राज खोल दिए थे. अब समझ में आया क्यों दीदी ने लिखा था कि जिंदगी में कभी किसी को अपनी कठपुतली मत बनाना और न ही कभी खुद किसी की कठपुतली बनना. Hindi Kahani Ek Din Achanak लता दीदी की आत्महत्या की खबर ने मुझे अंदर तक हिला दिया था क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. फिर मुझे एक दिन दीदी का वह पत्र मिला जिस ने सारे राज खोल दिए और मुझे परेशानी व असमंजस में डाल दिया कि क्या दीदी की आत्महत्या को मैं यों ही व्यर्थ जाने दूं? मैं बालकनी में पड़ी कुरसी पर चुपचाप बैठा था. जाने क्यों मन उदास था, जबकि लता दीदी को गुजरे अब 1 माह से अधिक हो गया है. दीदी की याद आती है तो जैसे यादों की बरात मन के लंबे रास्ते पर निकल पड़ती है. जिस दिन यह खबर मिली कि ‘लता ने आत्महत्या कर ली,’ सहसा विश्वास ही नहीं हुआ कि यह बात सच भी हो सकती है. क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. शादी के बाद, उन के पहले 3-4 साल अच्छे बीते. शरद जीजाजी और दीदी दोनों भोपाल में कार्यरत थे. जीजाजी बैंक में सहायक प्रबंधक हैं. दीदी शादी के पहले से ही सूचना एवं प्रसार कार्यालय में स्टैनोग्राफर थीं.

Hindi Family Story Big Brother Part 1 to 3

  Hindi kahani big brother बड़े भैया-भाग 1: स्मिता अपने भाई से कौन सी बात कहने से डर रही थी जब एक दिन अचानक स्मिता ससुराल को छोड़ कर बड़े भैया के घर आ गई, तब भैया की अनुभवी आंखें सबकुछ समझ गईं. अश्विनी कुमार भटनागर बड़े भैया ने घूर कर देखा तो स्मिता सिकुड़ गई. कितनी कठिनाई से इतने दिनों तक रटा हुआ संवाद बोल पाई थी. अब बोल कर भी लग रहा था कि कुछ नहीं बोली थी. बड़े भैया से आंख मिला कर कोई बोले, ऐसा साहस घर में किसी का न था. ‘‘क्या बोला तू ने? जरा फिर से कहना,’’ बड़े भैया ने गंभीरता से कहा. ‘‘कह तो दिया एक बार,’’ स्मिता का स्वर लड़खड़ा गया. ‘‘कोई बात नहीं,’’ बड़े भैया ने संतुलित स्वर में कहा, ‘‘एक बार फिर से कह. अकसर दूसरी बार कहने से अर्थ बदल जाता है.’’ स्मिता ने नीचे देखते हुए कहा, ‘‘मुझे अनिमेष से शादी करनी है.’’ ‘‘यह अनिमेष वही है न, जो कुछ दिनों पहले यहां आया था?’’ बड़े भैया ने पूछा. ‘‘जी.’’ ‘‘और वह बंगाली है?’’ बड़े भैया ने एकएक शब्द पर जोर देते हुए पूछा. ‘‘जी,’’ स्मिता ने धीमे स्वर में उत्तर दिया. ‘‘और हम लोग, जिस में तू भी शामिल है, शुद्ध शाकाहारी हैं. वह बंगाली तो अवश्य ही

Maa Ki Shaadi मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था?

मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? समीर की मृत्यु के बाद मीरा के जीवन का एकमात्र मकसद था समीरा को सुखद भविष्य देना. लेकिन मीरा नहीं जानती थी कि समीरा भी अपनी मां की खुशियों को नए पंख देना चाहती थी. संध्या समीर और मैं ने, परिवारों के विरोध के बावजूद प्रेमविवाह किया था. एकदूसरे को पा कर हम बेहद खुश थे. समीर बैंक मैनेजर थे. बेहद हंसमुख एवं मिलनसार स्वभाव के थे. मेरे हर काम में दिलचस्पी तो लेते ही थे, हर संभव मदद भी करते थे, यहां तक कि मेरे कालेज संबंधी कामों में भी पूरी मदद करते थे. कई बार तो उन के उपयोगी टिप्स से मेरे लेक्चर में नई जान आ जाती थी. शादी के 4 वर्षों बाद मैं ने प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया. उस के नामकरण के लिए मैं ने समीरा नाम सुझाया. समीर और मीरा की समीरा. समीर प्रफुल्लित होते हुए बोले, ‘‘यार, तुम ने तो बहुत बढि़या नामकरण कर दिया. जैसे यह हम दोनों का रूप है उसी तरह इस के नाम में हम दोनों का नाम भी समाहित है.’’ समीरा को प्यार से हम सोमू पुकारते, उस के जन्म के बाद मैं ने दोनों परिवारों मे