अपमान नहीं सम्मान हैं वो
अपमान नहीं सम्मान हैं वो
तिरस्कार के कटु - वचन नहीं ,
उन्नति का मूल मंत्र हैं वो
अपमान नहीं सम्मान हैं
वो निंदा भरी परिभाषा नहीं
प्रशंसा भरा श्लोक हैं वो !
अपमान नहीं सम्मान हैं
वो क्रोध में देखती
घृणित आंखें नहीं
प्रगति की ओर ठेलते
चमकीले नयन है वो
अपमान नहीं सम्मान हैं वो
तिरस्कार रूपी विष का प्याला नहीं ,
सुख - समृद्धि भरा
स्वास्थ्यवर्धक टॉनिक हैं वो
अपमान नहीं सम्मान हैं वो
लज्जित शब्दों के बाण
से निकले तीर का घाव नहीं ,
घाव को भर जीवनदान
देने वाली संजीवनी बूटी हैं वो !