सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Is Jio Set Top Box Free With Jio Fiber Bonanza Plan जियोफाइबर: नए प्लान्स में मिलेगा एंटरटेनमेंट का तड़का, ये सुविधाएं होंगी मुफ्त, - HindiShayariH

Jio Fiber Bonanza Plan एंटरटेनमेंट बोनांजा के तहत कंपनी ने अपने नए पोस्टपेड यूजर्स के लिए एंट्री कॉस्ट शून्य कर दी है। यानी यूजर्स को करीब 10 हजार रू कीमत की सुविधाएं मुफ्त मिलेंगी, जिनमें इंटरनेट बॉक्स (गेटवे राउटर), सेट टॉप बॉक्स और इंस्टालेशन चार्ज शामिल है। 


Is Jio Set Top Box Free With Jio Fiber Bonanza Plan जियोफाइबर: नए प्लान्स में मिलेगा एंटरटेनमेंट का तड़का, ये सुविधाएं होंगी मुफ्त
जियो फाइबर बोनांजा प्लान


जियो फाइबर बोनांजा प्लान

टेलीकॉम क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस जियो ने जियोफाइबर पोस्टपेड ग्राहकों के लिए 22 अप्रैल से एंटरटेनमेंट बोनांजा लॉन्च करने की घोषणा की है। दरअसल जियोफाइबर के 399 रू और 699 रू के प्लान्स बेसिक इंटरनेट प्लान्स थे, जिनमें 30 और 100 एमबीपीएस की स्पीड मिलती थी। अब रिलायंस जियो ने इन प्लान्स के साथ एंटरटेनमेंट परोसने का ऐलान किया है। इन नए प्लान्स का फायदा नए व मौजूदा दोनों ग्राहक उठा सकते हैं। 

जियो फाइबर बोनांजा प्लान
घोषणा के मुताबिक यूजर्स 399 रुपये प्रति माह से शुरू होने वाले अनलिमिटेड हाई-स्पीड इंटरनेट प्लान के साथ 100 या 200 रू प्रतिमाह अतिरिक्त भुगतान करके 14 ओटीटी ऐप्स का मजा उठा पाएंगे। 100 रू अतिरिक्त दे कर ग्राहक जियो के एंटरटेनमेंट प्लान का लाभ ले सकेंगे जिसमें उन्हें 6 एंटरटेनमेंट OTT ऐप मिलेंगे। 200 रू के एंटेरटेनमेंट प्लस प्लान में 14 ऐप शामिल किए गए हैं। 14 ऐप्स में डिज़्नी+ हॉटस्टार, Zee5, Sonyliv, Voot, Sunnxt, Discovery+, Hoichoi, Altbalaji, Eros Now, Lionsgate, ShemarooMe, Universal+, Voot Kids, JioCinema शामिल हैं। जियोफाइबर से एक समय में की डिवाइस जोड़े जा सकते हैं ऐसे में ग्राहक मोबाइल और टीवी दोनों पर इन ऐप्स के मनोरंजक कार्यक्रम देख सकेंगे।

जियो फाइबर बोनांजा प्लान
एंटरटेनमेंट बोनांजा के तहत कंपनी ने अपने नए पोस्टपेड यूजर्स के लिए एंट्री कॉस्ट शून्य कर दी है। यानी यूजर्स को करीब 10 हजार रू कीमत की सुविधाएं मुफ्त मिलेंगी, जिनमें इंटरनेट बॉक्स (गेटवे राउटर), सेट टॉप बॉक्स और इंस्टालेशन चार्ज शामिल है। लेकिन इसके लिए ग्राहक को जियोफाइबर पोस्टपेड कनेक्शन का प्लान लेना होगा।



इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

एक दिन अचानक हिंदी कहानी, Hindi Kahani Ek Din Achanak

एक दिन अचानक दीदी के पत्र ने सारे राज खोल दिए थे. अब समझ में आया क्यों दीदी ने लिखा था कि जिंदगी में कभी किसी को अपनी कठपुतली मत बनाना और न ही कभी खुद किसी की कठपुतली बनना. Hindi Kahani Ek Din Achanak लता दीदी की आत्महत्या की खबर ने मुझे अंदर तक हिला दिया था क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. फिर मुझे एक दिन दीदी का वह पत्र मिला जिस ने सारे राज खोल दिए और मुझे परेशानी व असमंजस में डाल दिया कि क्या दीदी की आत्महत्या को मैं यों ही व्यर्थ जाने दूं? मैं बालकनी में पड़ी कुरसी पर चुपचाप बैठा था. जाने क्यों मन उदास था, जबकि लता दीदी को गुजरे अब 1 माह से अधिक हो गया है. दीदी की याद आती है तो जैसे यादों की बरात मन के लंबे रास्ते पर निकल पड़ती है. जिस दिन यह खबर मिली कि ‘लता ने आत्महत्या कर ली,’ सहसा विश्वास ही नहीं हुआ कि यह बात सच भी हो सकती है. क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. शादी के बाद, उन के पहले 3-4 साल अच्छे बीते. शरद जीजाजी और दीदी दोनों भोपाल में कार्यरत थे. जीजाजी बैंक में सहायक प्रबंधक हैं. दीदी शादी के पहले से ही सूचना एवं प्रसार कार्यालय में स्टैनोग्राफर थीं.

Hindi Family Story Big Brother Part 1 to 3

  Hindi kahani big brother बड़े भैया-भाग 1: स्मिता अपने भाई से कौन सी बात कहने से डर रही थी जब एक दिन अचानक स्मिता ससुराल को छोड़ कर बड़े भैया के घर आ गई, तब भैया की अनुभवी आंखें सबकुछ समझ गईं. अश्विनी कुमार भटनागर बड़े भैया ने घूर कर देखा तो स्मिता सिकुड़ गई. कितनी कठिनाई से इतने दिनों तक रटा हुआ संवाद बोल पाई थी. अब बोल कर भी लग रहा था कि कुछ नहीं बोली थी. बड़े भैया से आंख मिला कर कोई बोले, ऐसा साहस घर में किसी का न था. ‘‘क्या बोला तू ने? जरा फिर से कहना,’’ बड़े भैया ने गंभीरता से कहा. ‘‘कह तो दिया एक बार,’’ स्मिता का स्वर लड़खड़ा गया. ‘‘कोई बात नहीं,’’ बड़े भैया ने संतुलित स्वर में कहा, ‘‘एक बार फिर से कह. अकसर दूसरी बार कहने से अर्थ बदल जाता है.’’ स्मिता ने नीचे देखते हुए कहा, ‘‘मुझे अनिमेष से शादी करनी है.’’ ‘‘यह अनिमेष वही है न, जो कुछ दिनों पहले यहां आया था?’’ बड़े भैया ने पूछा. ‘‘जी.’’ ‘‘और वह बंगाली है?’’ बड़े भैया ने एकएक शब्द पर जोर देते हुए पूछा. ‘‘जी,’’ स्मिता ने धीमे स्वर में उत्तर दिया. ‘‘और हम लोग, जिस में तू भी शामिल है, शुद्ध शाकाहारी हैं. वह बंगाली तो अवश्य ही

Maa Ki Shaadi मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था?

मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? समीर की मृत्यु के बाद मीरा के जीवन का एकमात्र मकसद था समीरा को सुखद भविष्य देना. लेकिन मीरा नहीं जानती थी कि समीरा भी अपनी मां की खुशियों को नए पंख देना चाहती थी. संध्या समीर और मैं ने, परिवारों के विरोध के बावजूद प्रेमविवाह किया था. एकदूसरे को पा कर हम बेहद खुश थे. समीर बैंक मैनेजर थे. बेहद हंसमुख एवं मिलनसार स्वभाव के थे. मेरे हर काम में दिलचस्पी तो लेते ही थे, हर संभव मदद भी करते थे, यहां तक कि मेरे कालेज संबंधी कामों में भी पूरी मदद करते थे. कई बार तो उन के उपयोगी टिप्स से मेरे लेक्चर में नई जान आ जाती थी. शादी के 4 वर्षों बाद मैं ने प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया. उस के नामकरण के लिए मैं ने समीरा नाम सुझाया. समीर और मीरा की समीरा. समीर प्रफुल्लित होते हुए बोले, ‘‘यार, तुम ने तो बहुत बढि़या नामकरण कर दिया. जैसे यह हम दोनों का रूप है उसी तरह इस के नाम में हम दोनों का नाम भी समाहित है.’’ समीरा को प्यार से हम सोमू पुकारते, उस के जन्म के बाद मैं ने दोनों परिवारों मे