सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Viral Funny Jokes in Hindi वायरल फनी जोक्स और चुटकुले हिन्दी में

Hindi funny viral jokes वायरल फनी जोक्स और चुटकुले हिन्दी में


शिक्षक : इंडिया गेट क्या है ? 
गप्पू : इंडिया गेट बासमती राइस है !
 शिक्षक : चारमीनार क्या है ?
 गप्पू : चारमीनार सिगरेट है !
 शिक्षक : ताजमहल क्या है ?
 गप्पू : ताजमहल चाय की पत्ती है !
 शिक्षक : फालतू उत्तर देकर राष्ट्रीय स्मारकों का अपमान करता है , कल अपने पिता जी का सिग्नेचर लेकर ही स्कूल आना ! अगले दिन ... 
शिक्षक : यह व्हिस्की की बोतल किसलिए लाया है ? 
गप्पू : सर , आपने ही तो कहा था , पिता जी की सिग्नेचर लाने को 5 इसलिए मैं उनकी सिग्नेचर की पूरी बोतल ले आया ! 



गोलू घबराया हुआ पुलिस स्टेशन जा रहा था , उसने अपने दोस्त को फोन किया .... 
गोलू : मैं गिरफ्तार होने जा रहा हूं ! : 
भोलू : क्यों भाई , तुमने क्या किया ? 
गोलू : मैंने अपनी बीवी के सिर पर जोर से डंडा मार दिया ! 
भोलू : तो क्या वह मर गई ?
 गोलू : नहीं , बच गई और अब वह मुझे नहीं छोड़ेगी !




viral funny jokes



 दोस्त की शादी नहीं हो रही थी , फिर मैंने उसकी कपड़े धोने और बर्तन मांजने की तस्वीरें शादी की साइट पर डाली तब कहीं जाकर रिश्ते आने शुरू हुए !




 संता परिवार के साथ कार में जा रहा था ।
 ट्रैफिक हवलदार वाह , आप तो सीट बेल्ट पहनकर गाड़ी चला रहे हैं आपको मिलता है 500 रुपये का इनाम ।
 वैसे , आप इन पैसों का क्या करेंगे ।
 संता- सर , सबसे पहले तो मैं ड्राइविंग लाइसेंस बनवाऊंगा ।
 संता की मां इसकी बातों पे ध्यान मत दो । 
पीने के बाद तो ये कुछ भी बकता रहता है ।
 संता का बाप मुझे पता था चोरी की गाड़ी में हम ज्यादा दूर नहीं जा पाएंगे ।

viral funny jokes lyrics



   टीचर: सेमेस्टर सिस्टम से क्या फायदा है ,
 चलो बताओ ? 
स्टूडेंट : फायदा तो पता नहीं , पर बेइज्जती साल में दो बार हो जाती है । 



वैज्ञानिक चाहे कितनी भी खोज कर लें , लेकिन इस बात का पता कभी नहीं लगा सकते कि उदास होने के बाद लोग अपनी व्हाट्सएप डीपी क्यों हटा देते हैं ?




 सोचिए , क्या होता अगर रजनीकांत 150 साल पहले पैदा हुए होते ... ?
 तब आजादी की लड़ाई अंग्रेजों को लड़नी पड़ी होती

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

एक दिन अचानक हिंदी कहानी, Hindi Kahani Ek Din Achanak

एक दिन अचानक दीदी के पत्र ने सारे राज खोल दिए थे. अब समझ में आया क्यों दीदी ने लिखा था कि जिंदगी में कभी किसी को अपनी कठपुतली मत बनाना और न ही कभी खुद किसी की कठपुतली बनना. Hindi Kahani Ek Din Achanak लता दीदी की आत्महत्या की खबर ने मुझे अंदर तक हिला दिया था क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. फिर मुझे एक दिन दीदी का वह पत्र मिला जिस ने सारे राज खोल दिए और मुझे परेशानी व असमंजस में डाल दिया कि क्या दीदी की आत्महत्या को मैं यों ही व्यर्थ जाने दूं? मैं बालकनी में पड़ी कुरसी पर चुपचाप बैठा था. जाने क्यों मन उदास था, जबकि लता दीदी को गुजरे अब 1 माह से अधिक हो गया है. दीदी की याद आती है तो जैसे यादों की बरात मन के लंबे रास्ते पर निकल पड़ती है. जिस दिन यह खबर मिली कि ‘लता ने आत्महत्या कर ली,’ सहसा विश्वास ही नहीं हुआ कि यह बात सच भी हो सकती है. क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. शादी के बाद, उन के पहले 3-4 साल अच्छे बीते. शरद जीजाजी और दीदी दोनों भोपाल में कार्यरत थे. जीजाजी बैंक में सहायक प्रबंधक हैं. दीदी शादी के पहले से ही सूचना एवं प्रसार कार्यालय में स्टैनोग्राफर थीं.

Hindi Family Story Big Brother Part 1 to 3

  Hindi kahani big brother बड़े भैया-भाग 1: स्मिता अपने भाई से कौन सी बात कहने से डर रही थी जब एक दिन अचानक स्मिता ससुराल को छोड़ कर बड़े भैया के घर आ गई, तब भैया की अनुभवी आंखें सबकुछ समझ गईं. अश्विनी कुमार भटनागर बड़े भैया ने घूर कर देखा तो स्मिता सिकुड़ गई. कितनी कठिनाई से इतने दिनों तक रटा हुआ संवाद बोल पाई थी. अब बोल कर भी लग रहा था कि कुछ नहीं बोली थी. बड़े भैया से आंख मिला कर कोई बोले, ऐसा साहस घर में किसी का न था. ‘‘क्या बोला तू ने? जरा फिर से कहना,’’ बड़े भैया ने गंभीरता से कहा. ‘‘कह तो दिया एक बार,’’ स्मिता का स्वर लड़खड़ा गया. ‘‘कोई बात नहीं,’’ बड़े भैया ने संतुलित स्वर में कहा, ‘‘एक बार फिर से कह. अकसर दूसरी बार कहने से अर्थ बदल जाता है.’’ स्मिता ने नीचे देखते हुए कहा, ‘‘मुझे अनिमेष से शादी करनी है.’’ ‘‘यह अनिमेष वही है न, जो कुछ दिनों पहले यहां आया था?’’ बड़े भैया ने पूछा. ‘‘जी.’’ ‘‘और वह बंगाली है?’’ बड़े भैया ने एकएक शब्द पर जोर देते हुए पूछा. ‘‘जी,’’ स्मिता ने धीमे स्वर में उत्तर दिया. ‘‘और हम लोग, जिस में तू भी शामिल है, शुद्ध शाकाहारी हैं. वह बंगाली तो अवश्य ही

Maa Ki Shaadi मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था?

मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? समीर की मृत्यु के बाद मीरा के जीवन का एकमात्र मकसद था समीरा को सुखद भविष्य देना. लेकिन मीरा नहीं जानती थी कि समीरा भी अपनी मां की खुशियों को नए पंख देना चाहती थी. संध्या समीर और मैं ने, परिवारों के विरोध के बावजूद प्रेमविवाह किया था. एकदूसरे को पा कर हम बेहद खुश थे. समीर बैंक मैनेजर थे. बेहद हंसमुख एवं मिलनसार स्वभाव के थे. मेरे हर काम में दिलचस्पी तो लेते ही थे, हर संभव मदद भी करते थे, यहां तक कि मेरे कालेज संबंधी कामों में भी पूरी मदद करते थे. कई बार तो उन के उपयोगी टिप्स से मेरे लेक्चर में नई जान आ जाती थी. शादी के 4 वर्षों बाद मैं ने प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया. उस के नामकरण के लिए मैं ने समीरा नाम सुझाया. समीर और मीरा की समीरा. समीर प्रफुल्लित होते हुए बोले, ‘‘यार, तुम ने तो बहुत बढि़या नामकरण कर दिया. जैसे यह हम दोनों का रूप है उसी तरह इस के नाम में हम दोनों का नाम भी समाहित है.’’ समीरा को प्यार से हम सोमू पुकारते, उस के जन्म के बाद मैं ने दोनों परिवारों मे