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Anwar Jalalpuri Selected Khoobsurat Shayari Collection - Anwar Jalalpuri: अनवर जलालपुरी के शेर

kuchh Khoobsurat Line of Anwar Jalalpuri Selected Shayari Collection अनवर जलालपुरी के शेर

 ज़ुल्फ़ को अब्र का टुकड़ा नहीं लिख्खा मैं ने
आज तक कोई क़सीदा नहीं लिख्खा मैं ने
 
 
 
अनवर जलालपुरी के शेर
अनवर जलालपुरी के शेर

 
 
तुम अपने सामने की भीड़ से हो कर गुज़र जाओ

कि आगे वाले तो हरगिज़ न तुम को रास्ता देंगे


कोई पूछेगा जिस दिन वाक़ई ये ज़िंदगी क्या है
ज़मीं से एक मुट्ठी ख़ाक ले कर हम उड़ा देंगे


अनवर जलालपुरी के शेर hindi

तू मिरे पास था या तेरी पुरानी यादें
कोई इक शेर भी तन्हा नहीं लिख्खा मैं ने

तुम प्यार की सौग़ात लिए घर से तो निकलो
रस्ते में तुम्हें कोई भी दुश्मन न मिलेगा


सोते हैं बहुत चैन से वो जिन के घरों में
मिट्टी के अलावा कोई बर्तन न मिलेगा

न जाने क्यूँ अधूरी ही मुझे तस्वीर जचती है
मैं काग़ज़ हाथ में लेकर फ़क़त चेहरा बनाता हूँ 


अनवर जलालपुरी sher in hindi

मिरी ख़्वाहिश का कोई घर ख़ुदा मालूम कब होगा
अभी तो ज़ेहन के पर्दे पे बस नक़्शा बनाता हूँ

अता हुई है मुझे दिन के साथ शब भी मगर
चराग़ शब में जिला देता है हुनर मेरा


सभी के अपने मसाइल सभी की अपनी अना
पुकारूँ किस को जो दे साथ उम्र भर मेरा

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