वजन कम करना हो तो फिटनेस ट्रेनर फल खाने की सलाह देते हैं । त्वचा में ताजगी की बात आए तो डर्मेटोलॉजिस्ट फलों का सेवन करने को कहते हैं । लेकिन फलों के सेवन , उनको छीलने - काटने और स्टोर करने के सही तरीके क्या हैं , इस बात पर कभी गौर किया है आपने ? क्योंकि फलों के सेवन का सही ' फल ' आपको तभी मिल सकता है ।
वजन बढ़ा नहीं कि आप डाइटिंग , व्यायाम आदि शुरू कर देती हैं । लेकिन विशेषज्ञ कहते हैं कि दिनचर्या , आहार , खान - पान और जीवन - शैली में परिवर्तन के साथ फलों का सेवन सबसे जरूरी है । वजन कम करने , त्वचा की रौनक बनाए रखने , हाइपरटेंशन से छुटकारा पाने , दिल और गुर्दों को स्वस्थ रखने में फल बेहद कारगर होते हैं । इनसे शरीर को विटामिन , मिनरल , फाइबर जैसे पोषक तत्व मिलते हैं । इन्हें सबसे अच्छा दोस्त और साथी भी कह सकते हैं । लेकिन फलों के साथ कुछ शर्तें भी हैं , जैसे फलों को खाने का सही समय , उनको छीलने - काटने से लेकर स्टोर करने तक सभी नियमों का पालन आदि ।
सही समय क्या है
क्या फलों के सेवन का भी कोई उपयुक्त समय होता है ? दुनिया भर के विशेषज्ञों की अपनी - अपनी राय है । ' हीलिंग फूड्स ' नामक पुस्तक में सुबह के नाश्ते में फलों के सेवन
को सबसे उत्तम बताया गया है । वहीं चिकित्सकों के अनुसार , सुबह के नाश्ते और दोपहर के भोजन के बीच या फिर दोपहर और रात्रि भोजन के बीच फलों का सेवन उत्तम होता है । दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ( एम्स ) की वरिष्ठ आहार विशेषज्ञ डॉ . स्वप्ना चतुर्वेदी बताती हैं , " सुबह के नाश्ते और दोपहर के भोजन के बीच के समय में पाचन की प्रक्रिया तेज होती है । शरीर में विभिन्न प्रकार के एंजाइम्स निकलते हैं । ऐसे में फलों के पाचन में भी दिक्कत या देर नहीं लगती । सभी पोषक तत्वों , फाइबर और शुगर की प्रोसेसिंग सही तरीके से होती है । कह सकते हैं कि दो मील्स के बीच फल सबसे अच्छे या पौष्टिक स्नैक होते हैं , जो न सिर्फ भूख को नियंत्रण में रखते हैं , बल्कि खनिज से भरपूर होने के कारण शरीर में सोडियम और पोटेशियम का संतुलन भी बनाए रखते हैं । "
अलग - अलग रंग वाले फलों के फायदे |
अलग - अलग रंग वाले फलों के फायदे
■ लाल रंग के फल डायबिटीज , हार्ट , स्ट्रोक और त्वचा के लिए फायदेमंद होते हैं । नारंगी और पीले रंग के फल रोग - प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने , आंखों , त्वचा और जोड़ों की देखभाल करते हैं । ■ हरे रंग के फल टिशूज की मरम्मत , शरीर की आंतरिक सफाई और कैंसर के जोखिम को कम करते हैं । नीले और बैंगनी रंग के फल सूजन , यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन और याद्दाश्त बढ़ाने में कारगर हैं ।
कई बार परहेज भी
भारतीय परिवारों में अक्सर देखा जाता है कि दोपहर के भोजन के साथ ही डाइनिंग टेबल पर फल भी परोस दिए जाते हैं । डाइटिशियन अंशु चौहान बताती हैं कि भोजन के साथ फल खाने से शरीर को सिर्फ एक्सट्रा कैलोरी ही मिलती है । फलों में मौजूद विटामिन्स , मिनरल्स का भोजन के कार्ब्स और फैट के साथ ठीक से पाचन नहीं हो पाता । वहीं फलों में मौजूद कैलोरीज ( फ्रूकटोज ) शरीर में फैट बनकर जमा होने लगती है । इससे शरीर को फलों के पोषक तत्व नहीं मिलते हैं । दूसरी ओर कई कामकाजी महिलाएं रात में सोने से पहले फल ले लेती हैं । इससे पाचन और एसिडिटी की समस्या हो सकती है । इसके अलावा खाली पेट में खट्टे फलों ( साइट्रस फ्रूट्स ) और सेब का सेवन वर्जित है । यह एसिडिटी का कारण बन सकता है । विशेषज्ञों का यह भी मत है कि जिस प्रकार दूध और दही के साथ फलों का सेवन उपयुक्त नहीं है , उसी प्रकार दस्त के समय केला या पपीता कारगर नहीं होता । शोध बताते हैं कि फलों का चयन अपनी तासीर के अनुसार करना सही रहता है । जिनकी तासीर ठंडी है , वे केला , संतरा अनानास का अधिक सेवन न करें । वहीं गर्म तासीर वाले आम और पपीते का कम मात्रा में सेवन करें । डायबिटीज के मरीजों को भोजन के दो घंटे बाद ही फल लेना चाहिए या फिर भोजन करने से एक घंटा पहले । फलों में भी आम , अंगूर , अंजीर , चीकू से परहेज करना चाहिए , क्योंकि ये हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले मीठे फल होते हैं । इसी प्रकार जिन्हें गुर्दा संबंधी समस्या है , उन्हें फल नहीं लेने चाहिए । इन दिनों बाजार में कृत्रिम तरीके से पकाए गए और बेमौसमी फल बहुतायत में हैं । ऐसे फलों के सेवन से परहेज करना चाहिए ।
बीमारियों में कारगर
सेब के लिए अंग्रेजी में एक कहावत महशूर है ' एन एप्पल अ डे , कीप्स द डॉक्टर अवे । ' अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रीशन के अनुसार , जो महिलाएं नियमित रूप से सेब का सेवन करती हैं , उनमें हृदय जनित रोग की गुंजाइश कम होती है । संतरा , नींबू , अंगूर जैसे विटामिन सी युक्त फल भी दिल के साथ कोलेस्ट्रॉल के स्तर को ठीक रखते हैं । पपीता , संतरा , आम जैसे पीले रंग के फलों में कैरोटीन , विटामिन ए , बीटा अलग - अलग प्रकार के फाइटोकेमिकल्स होते हैं , जो आंखों के लिए उत्तम माने जाते हैं । डॉ . स्वप्ना चतुर्वेदी कहती हैं , " पेक्टिन से भरपूर ये फल कब्ज , बावेल मूवमेंट , एसिडिटी , ब्लोटिंग , अपाचन की समस्या से भी निजात दिलाते हैं । जिन उम्रदराज महिलाओं को अर्थराइटिस , गठिया की समस्या होती है , उनके लिए चेरी फायदेमंद हो सकती है । जो फल नहीं ले सकती हैं , वे फ्रूट सलाद , शेक्स , जैम , जेली के रूप में उनका सेवन कर सकती हैं । " कैंसर से पीड़ित महिलाओं को चिकित्सक टमाटर का सेवन करने की सलाह देते हैं । इसमें ' लाइकोपीन ' नामक एंटी - ऑक्सिडेंट होता है , जो कैंसर सेल्स के निर्माण और फैलाव को रोकता है । जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार , अधिक मात्रा में टमाटर का सेवन करने वाली महिलाएं अपेक्षाकृत युवा दिखाई देती हैं । इसी प्रकार क्रैनबेरीज डिमेंशिया की शिकार महिलाओं के लिए लाभदायक है । इससे याद्दाश्त बढ़ती है ।
फल काटने का ढंग
- शोध बताते हैं कि फल - सब्जी काटते समय जिस हिस्से में चाकू का स्पर्श होता है , उसके एंटी - ऑक्सिडेंट्स और विटामिन्स को नुकसान होता है । इसलिए फल - सब्जी काटते समय धारदार चाकू का उपयोग करना चाहिए ।
- फलों को हमेशा बड़े - बड़े टुकड़ों में