best love poetry in hindi थोड़ा अजनबी से short poetry lyrics on love
अच्छा होता गर
थोड़ा मेरी गलतियों को
नजरअंदाज किया होता तुमने
उतना नहीं जितना तुम
अपनी भूलों को करते थे
बस थोड़ा - सा
उतना भी नहीं
जितना मैंने तुम्हारी
हर गलती को किया था
बस थोड़ा - सा ही ....
अच्छा होता गर
थोड़ा - सा सराह लिया होता
तुमने मुझे
उतना नहीं जितना तुम
खुद को सराहते रहते थे
बस थोड़ा - सा
उतना भी नहीं जितना मैंने
अक्सर सराहा था तुम्हें
बस थोड़ा सा ही ....
अच्छा होता गर
थोड़ा चाह लिया होता
तुमने मुझे
उतना नहीं जितना तुम
खुद को चाहते थे
बस थोड़ा सा
उतना भी नहीं जितना मैने
चाहा था तुम्हें
बस थोड़ा - सा ही ...
गर इतना सा
तुम कर लेते
तो आज साथ होकर भी
बस थोड़ा - सा
अजनबी से न होते हम तुम .....