Latest Hindi Kahani तू मेरा चांद मां आश्चर्य में पड़ गई और छलनी उठाकर बेटी को निहारते हुए बोली, “तेरी मां ही तेरा चांद है। देख मुझे और जल्दी से कुछ खा ले, बेटा।" छलनी के इस पार मां और उस पार बेटी थी।
तू मेरा चांद Kahani _Photo-HindiShayariH |
तू मेरा चांद
करवा चौथ का दिन था। रसोई पकवानों से महक रही थी। घर में, आस-पड़ोस में बेहद रौनक थी। तभी एक छोटी-सी बच्ची के मन में ये सब देख कई सवाल आए और वह जिज्ञासावश मां से बड़ी मासूमियत से बोली, “मां-मां, आज क्या
है?" मां ने जवाब दिया, "बेटा, आज करवा
चौथ है।" बेटी ने फिर पूछा, "मां, यह करवा चौथ क्या होता है?"
मां ने उसे समझाने वाले लहजे में कहा, "यह एक व्रत होता है, जिसमें बिना कुछ खाए-पीए रहना होता है, जब तक चांद न निकल आए, तब तक ।"
"ओह! यह तो बहुत कठिन है, मां!"
"हां, कठिन तो है।"
"मां, मुझे भी रखना है।"
"अरे पगली, यह व्रत शादी-शुदा लड़कियां रखती हैं। जब तेरी शादी हो जाए तो तू भी रखना मेरे दामाद के लिए, ठीक है।"
"मां, आप कितने सारे व्रत करती हैं, कभी पापा के लिए, कभी मेरे लिए, कभी घर की खुशहाली के लिए। आज आपके लिए मैं व्रत रखूंगी, क्योंकि इतना कंठिन व्रत अगर किसी के लिए रखना चाहिए तो वह है मां यानी आप । इसलिए आपके लिए मैं रखूंगी यह व्रत ।"
मां वात्सल्य से भर उठी और हंसकर
बोली, “अच्छा बाबा, रख लेना। आज तो सुबह तुमने नाश्ता कर लिया, इसलिए अब अगली बार रखना, ठीक है ।" शाम हो गई। चांद हमेशा की तरह भाव खा
रहा था। आस-पड़ोस की सुहागिनें इंतजार में थीं उसके । तभी बेटी आई और बोली, "मां, चांद कब आएगा?"
“आ जाएगा, बेटा । तू परेशान मत हो।" बेटी बड़ी मासूमियत से बोली, “मां, मुझे भूख लगी है। मैंने आपके लिए व्रत रखा है । मैंने सुबह के नाश्ते के बाद कुछ नहीं खाया। बस, तभी से व्रत रखा है।"
मां आश्चर्य में पड़ गई और छलनी उठाकर उसे निहारते हुए बोली, “तेरी मां ही तेरा चांद है। देख मुझे और जल्दी से कुछ खा ले, बेटा ।” छलनी के इस पार मां, उस पार बेटी थी। मां की आंखों से अपने चांद (बेटी) को अर्घ्य देने के लिए आंसू गिर रहे थे।
करवा चौथ कहानी इन हिंदी पीडीएफ
तभी एक पड़ोसी महिला उससे बोली, "अरे! यह क्या कर रही हैं आप? इस छलनी से चांद के पहले किसी को नहीं देखा जाता। पति को भी चांद देखने के बाद ही देखते हैं छलनी से।"
मां मन ही मन मुस्कुराई और सोचने लगी, "मेरे इस चांद (बेटी) से पवित्र और भला कौन-सा चांद होगा।" तभी चांद आसमान पर उतर आया, जैसे वह भी इस दुर्लभ दृश्य की तस्वीर कैद कर लेना चाहता हो।