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2022 Sharad Purnima Sher: Top Shayari Collection - 'शरद पूर्णिमा' शायरी: आज के 10 चुनिंदा शेर

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शरद पूर्णिमा शायरी 2022
शरद पूर्णिमा शायरी 2022


शरद पूर्णिमा शायरी 2022

खुली छतों से चाँदनी रातें कतरा जाएँगी
कुछ हम भी तन्हाई के आदी हो जाएँगे
~ ज़ेब ग़ौरी

फिर चाँदनी लगे तिरी परछाईं की तरह
फिर चाँद तेरी शक्ल में ढलता दिखाई दे
~ अहमद वसी

sharad purnima shayar
 
हर एक रात को महताब देखने के लिए 
मैं जागता हूँ तिरा ख़्वाब देखने के लिए 
~ अज़हर इनायती

चाँद भी हैरान दरिया भी परेशानी में है 
अक्स किस का है कि इतनी रौशनी पानी में है 
~ फ़रहत एहसास



हाथ में चाँद जहाँ आया मुक़द्दर चमका 
सब बदल जाएगा क़िस्मत का लिखा जाम उठा 
~ बशीर बद्र

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पूछो ज़रा ये चाँद से कैसे सहर हुई
इतनी तवील रात भी कैसे बसर हुई
~ फ़रह शाहि


महक रही है ज़मीं चाँदनी के फूलों से
ख़ुदा किसी की मोहब्बत पे मुस्कुराया है
~ बशीर बद्र

शब-ए-वस्ल थी चाँदनी का समाँ था
बग़ल में सनम था ख़ुदा मेहरबाँ था
~ हैदर अली आतिश

चाँदनी शायरी
 
इक रात चाँदनी मिरे बिस्तर पे आई थी
मैं ने तराश कर तिरा चेहरा बना दिया
~ अहमद मुश्ताक़

वो चाँदनी वो तबस्सुम वो प्यार की बातें
हुई सहर तो वो मंज़र तमाम शब के गए
~ ज़हीर अहमद ज़हीर


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