Bekhud badayuni selected shayari collection
Urdu Shayari: बेख़ुद बदायूंनी के चुनिंदा शेर. Read more about bekhud badayuni ke sher, bekhud badayuni ki shayari, bekhud badayuni ki ghazal
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छेड़ देखो कि ख़त तो लिक्खा है
मेरे ख़त की मगर रसीद नहीं
दर्द-ए-दिल में कमी न हो जाए
दोस्ती दुश्मनी न हो जाए
हज़ार शुक्र वो आशिक़ तो जानते हैं मुझे
जो कहते हैं कि तिरा दिल कहीं ज़रूर आया
दुआ को नहीं राह मिलती फ़लक की
कुछ ऐसा हुजूम-ए-बला हो रहा है
तुम जान को खो बैठो या आँखों को रो बैठो
'बेख़ुद' न मिलाएँगे वो तुम से ज़रा आँखें
क्यूँ मैं अब क़ाबिल-ए-जफ़ा न रहा
क्या हुआ कहिए मुझ में क्या न रहा
ग़म ही ग़म है मिरे फ़साने में
दुख ही दुख है उसे जहाँ से सुनो
हश्र पर वा'दा-ए-दीदार है किस का तेरा
लाख इंकार इक इक़रार है किस का तेरा
शिफ़ा क्या हो नहीं सकती हमें लेकिन नहीं होती
दवा क्या कर नहीं सकते हैं हम लेकिन नहीं करते
ख़ून हो जाएँ ख़ाक में मिल जाएँ
हज़रत-ए-दिल से कुछ बईद नहीं