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Urdu Shayari: 'यादों' | पर कहे शायरों के अल्फ़ाज़ - Yaad Selected Shayari Collection - Hindi Shayari H

उस की याद आई है साँसो ज़रा आहिस्ता चलो
धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है
- राहत इंदौरी 


यादों' | पर कहे शायरों के अल्फ़ाज़
यादों' | पर कहे शायरों के अल्फ़ाज़ 



 
कर रहा था ग़म-ए-जहाँ का हिसाब
आज तुम याद बे-हिसाब आए 
- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ 



दिल आबाद कहाँ रह पाए उस की याद भुला देने से
कमरा वीराँ हो जाता है इक तस्वीर हटा देने से
- जलील ’आली’ 


एक मुद्दत से तिरी याद भी आई न हमें
और हम भूल गए हों तुझे ऐसा भी नहीं
- फ़िराक़ गोरखपुरी 

तसद्दुक़ इस करम के मैं कभी तन्हा नहीं रहता
कि जिस दिन तुम नहीं आते तुम्हारी याद आती है
- जलील मानिकपुरी 


तुम्हारी याद के जब ज़ख़्म भरने लगते हैं
किसी बहाने तुम्हें याद करने लगते हैं
- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ 

नहीं आती तो याद उन की महीनों तक नहीं आती
मगर जब याद आते हैं तो अक्सर याद आते हैं
- हसरत मोहानी 


दिल धड़कने का सबब याद आया
वो तिरी याद थी अब याद आया
- नासिर काज़मी 

क्या सितम है कि अब तिरी सूरत
ग़ौर करने पे याद आती है
- जौन एलिया 


वही फिर मुझे याद आने लगे हैं
जिन्हें भूलने में ज़माने लगे हैं
- ख़ुमार बाराबंकवी 

हम को यारों ने याद भी न रखा
'जौन' यारों के यार थे हम तो
- जौन एलिया 


सोचता हूँ कि उस की याद आख़िर
अब किसे रात भर जगाती है
- जौन एलिया 

जिस ने दानिस्ता किया हो नज़र-अंदाज़ 'वसीम'
उस को कुछ याद दिलाएँ तो दिलाएँ कैसे
- वसीम बरेलवी 


रात हमें कुछ याद नहीं था
रात बहुत ही याद आए हो
- मोहसिन नक़वी 

बा'द भी तेरे जान-ए-जाँ दिल में रहा अजब समाँ
याद रही तिरी यहाँ फिर तिरी याद भी गई
- जौन एलिया 


आप की याद आती रही रात भर
चश्म-ए-नम मुस्कुराती रही रात भर
- मख़दूम मुहिउद्दीन 

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