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Urdu Poetry: शहर से दूर रहे महबूब के लिए शायरों के अशआर - Urdu Poetry For Lover Who Far Way From City Shayari Collection - HindiShayariH

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Urdu Poetry: शहर से दूर रहे महबूब के लिए शायरों के अशआर - Urdu Poetry For Lover Who Far Way From City Shayari Collection
long distance relationship shayari


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उस की याद की बाद-ए-सबा में और तो क्या होता होगा
यूँही मेरे बाल हैं बिखरे और बिखर जाते होंगे
- जौन एलिया 


दिल धड़कने का सबब याद आया
वो तिरी याद थी अब याद आया
- नासिर काज़मी 



शाम को आओगे तुम अच्छा अभी होती है शाम
गेसुओं को खोल दो सूरज छुपाने के लिए
- क़मर जलालवी 


किसे यक़ीन कि तुम देखने को आओगे
अख़ीर वक़्त मगर इंतिज़ार और सही
- अज्ञात 

आज आएँगे कल आएँगे कल आएँगे आज आएँगे
मुद्दत से यही वो कहते हैं मुद्दत से यही हम सुनते हैं
- नूह नारवी 


याद के बे-निशाँ जज़ीरों से
तेरी आवाज़ आ रही है अभी
- नासिर काज़मी 

उस की याद आई है साँसो ज़रा आहिस्ता चलो
धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है
- राहत इंदौरी


याद कर के और भी तकलीफ़ होती थी 'अदीम'
भूल जाने के सिवा अब कोई भी चारा न था
- अदीम हाशमी 

जान-ए-बहाराँ कब आओगे
दर्द के दरमाँ कब आओगे
- ज़ेहरा अलवी 


हवा में हिलते हुए हाथ पूछते हैं 'ज़ुबैर'
तुम अब गए तो कब आओगे छुट्टियाँ ले कर
- ज़ुबैर रिज़वी




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