![]() |
इस मौसम में भीगे हुए कुछ कलाम, सावन विशेष |
Sawan 2019, sawan poetry, sawan song,बारिश कविता, बारिश शायरी, बारिश शेर, best sawan song, famous sawan song, sawan geet, sawan ke gane, sawan malhar, sawan ka mahina, sawan ki kajri, sawan ka gana, barish shayari, barish sher, barish kavita, सावन 2019, सावन शायरी, सावन शेर, सावन के गीत, सावन गीत
आँखें यूँ बरसीं पैराहन भीग गया
तेरे ध्यान में सारा सावन भीग गया
- मुसव्विर सब्ज़वारी
सावन आया धूम मचाता
घिर-घिर काले बादल छाए
मेरे दिल पर जम से गए हैं
जाने कितने गहरे साए
*नज़्म- ख़ामोश आवाज़
- जाँ निसार अख़्तर
अब के सावन में शरारत ये मिरे साथ हुई
मेरा घर छोड़ के कुल शहर में बरसात हुई
- गोपालदास नीरज
हरे होने चले हैं ज़ख़्म सारे
कि सावन का महीना आ गया है
- फ़रहत शहज़ाद
क्या हमारा नहीं रहा सावन
ज़ुल्फ़ याँ भी कोई घटा भेजो
- जौन एलिया
तिरे आने से सावन
चाँदनी छिटकी थी
फूली थी शफ़क़
बोली थी कोयल देख कर तुझ को
*नज़्म - अज़-सर-ए-नौ
- माह तलअत ज़ाहिदी
तेरे ध्यान में सारा सावन भीग गया
- मुसव्विर सब्ज़वारी
सावन आया धूम मचाता
घिर-घिर काले बादल छाए
मेरे दिल पर जम से गए हैं
जाने कितने गहरे साए
*नज़्म- ख़ामोश आवाज़
- जाँ निसार अख़्तर
अब के सावन में शरारत ये मिरे साथ हुई
मेरा घर छोड़ के कुल शहर में बरसात हुई
- गोपालदास नीरज
हरे होने चले हैं ज़ख़्म सारे
कि सावन का महीना आ गया है
- फ़रहत शहज़ाद
क्या हमारा नहीं रहा सावन
ज़ुल्फ़ याँ भी कोई घटा भेजो
- जौन एलिया
तिरे आने से सावन
चाँदनी छिटकी थी
फूली थी शफ़क़
बोली थी कोयल देख कर तुझ को
*नज़्म - अज़-सर-ए-नौ
- माह तलअत ज़ाहिदी
सावन-रुतों में
दिल बहुत बे चैन रखती है
कि मैं सावन की
ठंडी नर्म बौछारों का
रेशम लम्स
अपने तन बदन पर ओढ़ लेती
*नज़्म- अलमिया
- हुमैरा राहत
झड़ी ऐसी लगा दी है मिरे अश्कों की बारिश ने
दबा रक्खा है भादों को भुला रक्खा है सावन को
- साइल देहलवी
आग लगी है साँसों में
हाए ये कैसा सावन है
- अहमद ज़फ़र
लग गई एक झड़ी जब मिरा जी भर आया
लोग सावन को लिए फिरते हैं सावन कैसा
- नातिक़ गुलावठी