हवा पर शायरों की कुछ लाइन

hawa shayari

Two Lines Shayari on Hawa
हवा तो है ही मुख़ालिफ़ मुझे डराता है क्या
हवा से पूछ के कोई दिए जलाता है क्या
- ख़ुर्शीद तलब
हवा के दोश पे रक्खे हुए चराग़ हैं हम
जो बुझ गए तो हवा से शिकायतें कैसी
- उबैदुल्लाह अलीम
है आज रुख़ हवा का मुआफ़िक़ तो चल निकल
कल की किसे ख़बर है किधर की हवा चले
- इस्माइल मेरठी
hawa par shayari
रोज़ कहता है हवा का झोंका
आ तुझे दूर उड़ा ले जाऊँ
- मोहम्मद अल्वी
हवा के साथ सफ़र का न हौसला था जिसे
सभी को ख़ौफ़ उसी लम्हा-ए-शरर से था
- मर्ग़ूब हसन
Qamar Jalalabadi Famous Shayari In Hindi
ऐसा न हो कि ताज़ा हवा अजनबी लगे
कमरे का एक-आध दरीचा खुला भी रख
- मरग़ूब अली
Tez Hawa Shayari In Hindi
ये हवा यूँ ही ख़ाक छानती है
या कोई चीज़ खो गई है यहाँ
- काशिफ़ हुसैन ग़ाएर
हवा दरख़्तों से कहती है दुख के लहजे में
अभी मुझे कई सहराओं से गुज़रना है
- असद बदायूंनी
हवा के ऊपर शायरी
उन के रुख़ पे देख कर आँचल हवा
और पागल हो गई पागल हवा
- इक़बाल सैफ़ी
कहने लगा खुलते हुए दरवाज़ा हवा से
ये पहला तआरुफ़ है मिरा ताज़ा हवा से
- एहतिशाम हसन