Rahi Masoom Raza राही मासूम रज़ा Top Shayari Collection | rahi masoom raza Whatsapp, FB, Quotes in hindi - हिंदी शायरी एच
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प्यास बुनियाद है जीने की बुझा लें कैसे
हम ने ये ख़्वाब न देखे हैं न दिखलाए हैं
यादों से बचना मुश्किल है उन को कैसे समझाएं
हिज्र के इस सहरा तक हम को आते हैं समझाने लोग
मेरी आबला-पाई उन में याद अक्सर की जाती है
कांटों ने इक मुद्दत से देखी थी कोई बरसात कहां
इस सफ़र में नींद ऐसी खो गई
हम न सोए रात थक कर सो गई
जिन से हम छूट गए अब वो जहां कैसे हैं
शाख़-ए-गुल कैसी है ख़ुश्बू के मकां कैसे हैं
कहानियों की गुज़रगाह पर भी नींद नहीं
ये रात कैसी है ये दर्द जागता क्यूं है
हम भी अमृत के तलबगार रहे हैं लेकिन
हाथ बढ़ जाते हैं ख़ुद ज़हर-ए-तमन्ना की तरफ़
अहल-ए-दिल सहरा में गुम होते रहे
ज़िंदगी बैठी रही पर्दा किए
आज जो इस बेदर्दी से हंसता है हमारी वहशत पर
इक दिन हम उस शहर को 'राही' रह रह कर याद आएंगे
दिल की खेती सूख रही है कैसी ये बरसात हुई
ख़्वाबों के बादल आते हैं लेकिन आग बरसती है