करने गए थे उस से तग़ाफ़ुल का हम गिला
की एक ही निगाह कि बस ख़ाक हो गए
- मिर्ज़ा ग़ालिब
आँख शायरी
सब कुछ तो है क्या ढूँडती रहती हैं निगाहें
क्या बात है मैं वक़्त पे घर क्यूँ नहीं जाता
- निदा फ़ाज़ली
आँखें जो उठाए तो मोहब्बत का गुमाँ हो
नज़रों को झुकाए तो शिकायत सी लगे है
- जाँ निसार अख़्तर
साक़ी मुझे शराब की तोहमत नहीं पसंद
मुझ को तिरी निगाह का इल्ज़ाम चाहिए
- अब्दुल हमीद अदम
निगाह शायरी 2 लाइन्स |
मोहब्बत का तुम से असर क्या कहूँ
नज़र मिल गई दिल धड़कने लगा
- अकबर इलाहाबादी
फ़क़त निगाह से होता है फ़ैसला दिल का
न हो निगाह में शोख़ी तो दिलबरी क्या है
- अल्लामा इक़बाल
ख़ुदा बचाए तिरी मस्त मस्त आँखों से
फ़रिश्ता हो तो बहक जाए आदमी क्या है
- ख़ुमार बाराबंकवी
nazar shayari in hindi
अदा से देख लो जाता रहे गिला दिल का
बस इक निगाह पे ठहरा है फ़ैसला दिल का
- अरशद अली ख़ान क़लक़
मैं उम्र भर जवाब नहीं दे सका 'अदम'
वो इक नज़र में इतने सवालात कर गए
- अब्दुल हमीद अदम
nigah shayari images |
साक़ी ज़रा निगाह मिला कर तो देखना
कम्बख़्त होश में तो नहीं आ गया हूँ मैं
- अब्दुल हमीद अदम
nigah shayari images
तुझे दानिस्ता महफ़िल में जो देखा हो तो मुजरिम हूँ
नज़र आख़िर नज़र है बे-इरादा उठ गई होगी
- सीमाब अकबराबादी
दीद के क़ाबिल हसीं तो हैं बहुत
हर नज़र दीदार के क़ाबिल नहीं
- जलील मानिकपूरी
वो नज़र कामयाब हो के रही
दिल की बस्ती ख़राब हो के रही
- फ़ानी बदायुनी
निगाह शायरी हिंदी
बरसों रहे हैं आप हमारी निगाह में
ये क्या कहा कि हम तुम्हें पहचानते नहीं
- नूह नारवी
हाल कह देते हैं नाज़ुक से इशारे अक्सर
कितनी ख़ामोश निगाहों की ज़बाँ होती है
- महेश चंद्र नक़्श
है तेरे लिए सारा जहाँ हुस्न से ख़ाली
ख़ुद हुस्न अगर तेरी निगाहों में नहीं है
- अफ़सर मेरठी
nigah shayari 2 line |
उस ने मिरी निगाह के सारे सुख़न समझ लिए
फिर भी मिरी निगाह में एक सवाल है नया
- अतहर नफ़ीस
उन मस्त निगाहों ने ख़ुद अपना भरम खोला
इंकार के पर्दे में इक़रार नज़र आए
- महेश चंद्र नक़्श