'तन्हाई' पर शायरी कभी 'तन्हाई' में सोचिए ज़रा
ये भी तो सोचिए कभी तन्हाई में ज़रा
दुनिया से हम ने क्या लिया दुनिया को क्या दिया
- हफ़ीज़ मेरठी
अब मिरी तन्हाई भी मुझ से बग़ावत कर गई
कल यहाँ जो कुछ हुआ था सब फ़साना हो गया
- खालिद गनी
ज़रा देर बैठे थे तन्हाई में
तिरी याद आँखें दुखाने लगी
- आदिल मंसूरी
Hindi tanhaai shayari
बे-मक़्सद महफ़िल से बेहतर तन्हाई
बे-मतलब बातों से अच्छी ख़ामोशी
- ऐन इरफ़ान
मैं तन्हाई को अपना हम-सफ़र क्या मान बैठा
मुझे लगता है मेरे साथ दुनिया चल रही है
- महेंद्र कुमार सानी
tanhaai par shayari |
सामने उम्र पड़ी है शब-ए-तन्हाई की
वो मुझे छोड़ गया शाम से पहले पहले
- अहमद फ़राज़
बुझने दे सब दिए मुझे तन्हाई चाहिए
कुछ देर के लिए मुझे तन्हाई चाहिए
- अंजुम सलीमी
2line tanhai sher in hindi
रीत तन्हाई फ़ासला सहरा
कौन सी भूक दे गया सहरा
- रउफ़ ख़लिश
महफ़िल से फिर तन्हाई तक आने में
वक़्त लगेगा ख़ामोशी अपनाने में
- इरफ़ान ख़ान
तन्हाई का तुम्हारी था मुमकिन यही इलाज
घर के हर एक कोने को चीज़ों से भर दिया
- सौरभ शेखर
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