सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

साइनसाइटिस और प्रदूषण (Air Pollution May Directly | Cause of Sinusitis | Symptoms and Cure)

 

Air Pollution May Directly | Cause of Sinusitis | Symptoms and Cure
Sinusitis and Pollution in India Symptoms and Cure 

साइनसाइटिस और प्रदूषण (Sinusitis And Pollution): कहीं वायु प्रदूषण आपको साइनस का मरीज तो नहीं बना रहा , जानिए कैसे इस बीमारी का सामना किया जाए  



मौसम तेजी से अपना मिज़ाज बदल रहा है। एक तरफ कोरोना सारी दुनिया के लिए सिर दर्द बना हुआ है दुसरी तरफ सर्द मौसम और प्रदूषण की मार ने लोगों की सांस फूला दी है। सबसे ज्यादा परेशानी सुबह-सुबह घर से निकलने वाले लोगों और दोपहिया वाहन सवारों को हो रही है, जिन्हें रोज सफर तय करके अपने वर्क प्लेस पर जाना होता है।

हवा दुषित गैसों का चैंबर बनती जा रही है जिसकी वजह से लोगों को नाक, कान और गले की बीमारियां लग रही हैं। प्रदूषण लोगों को साइनज का शिकार बना रहा है, जिसकी वजह से एलर्जी, सर्दी-खांसी, सिर दर्द, सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जहां एक तरफ कोरोना सबसे बड़ा सिर दर्द साबित हो रहा है, उसके साथ ही प्रदूषण से होने वाली बीमारियां लोगों के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही हैं। बदलते मौसम में साइनस से बचाव करना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं कि बदलते मौसम में साइनस से बचाव कैसे करें।
साइनस से बचाव के लिए अपनाएं घरेलू नुस्खें:


 
यह भी पढ़ें   Ayurvedic Treatment for Hair In Hindi 

अदरक, लहसुन और प्याज का करें इस्तेमाल:

अदरक के अन्दर जिन्जिरोल नाम का एक एक्टिव कंपाउंड पाया जाता है। जिसका उपयोग पाचन और सांस से संबंधित समस्याओं का इलाज कराने में किया जाता है। इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट, विटामिन और मिनरल पाए जाते हैं। ये शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत करती हैं। अदरक की खुशबू नाक के बलगम को साफ करने में मदद करती है और साइनोसाइटिस से जुड़े दर्द में भी आराम मिलता है।

 


प्याज और लहसुन साइनस से पीड़ित लोगों के लिए जड़ी-बूटी का काम करता है। प्याज और लहसुन के सेवन से बलगम को खत्म करने में मदद मिलती है। प्याज में मौजूद सल्फर सर्दी, खांसी और साइनस के संक्रमण के लिए एंटी बैक्टिरियल का काम करता है।





साइनस से बचने के लिए शहद और हल्दी का दूध पीएं:

औषधीय गुणों से भरपूर हल्दी साइनस के मरीजों के लिए बेहद असरदार हैं। एक गिलास दूध में चुटकी भर हल्दी और एक छोटा चम्मच शहद मिलाकर करीब दो हफ्तों तक पीएं। ऐसा करने से आपको साइनस में जल्द ही आराम मिल जाएगा। 

 
यह भी पढ़ें    How To Remove Dark Circles


काली मिर्च का सूप पीएं:

काली मिर्च साइनस के उपचार में बेहद असरदार है। एक कप कोई भी सूप लें और उसमें एक छोटा चम्मच काली मिर्च का पाउडर डालें। इस सूप को आराम से पीएं। इस मौसम में प्रदूषण का असर ज्यादा हो रहा है इसलिए आप हफ्ते में तीन से चार बार इस सूप का सेवन करें। काली मिर्च के सेवन से नाक में साइनस से आने वाली सूजन कम हो जाएगी, साथ ही बलगम भी सूख जाएगा। 

 


यह भी पढ़ें   How To Get Vitamin-D From Sun


दालचीनी का बनाएं काढ़ा:

दालचीनी साइनस की रोकथाम में बेहद असरदार है। दालचीनी साइनस पैदा करने वाले सूक्ष्मजीवों को मारने में असरदार है। आप एक गिलास गर्म पानी लें और उसमें एक छोटा चम्मच दालचीनी मिक्स करके पकाएं और उसे चाय की तरह पीएं। आप इस काढ़े का सेवन दिन में एक बार करें।




नींबू और शहद साइनस में है असरदार:

नींबू और शहद का कॉम्बिनेशन साइनस में असरदार है। एक गिलास पानी में एक नींबू निचोड़ें और उसमें एक चम्मच शहद को मिलाएं। इसे करीब दो से तीन हफ्ते तक रोजाना सुबह पीएं। ये साइनस के दर्द को दूर करता है। साथ ही नाक की नली को साफ भी करता है।



साइनस में सबसे ज्यादा असरदार है भाप:

इस मौसम में भाप जादू की तरह काम करती है। भाप नाक के अवरुद्ध मार्ग को साफ करने में मदद करती है। भाप लेने से ना सिर्फ सर्दी जुकाम ठीक होता है बल्कि गले में जमा हुआ कफ भी बाहर निकल जाता है। 

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

एक दिन अचानक हिंदी कहानी, Hindi Kahani Ek Din Achanak

एक दिन अचानक दीदी के पत्र ने सारे राज खोल दिए थे. अब समझ में आया क्यों दीदी ने लिखा था कि जिंदगी में कभी किसी को अपनी कठपुतली मत बनाना और न ही कभी खुद किसी की कठपुतली बनना. Hindi Kahani Ek Din Achanak लता दीदी की आत्महत्या की खबर ने मुझे अंदर तक हिला दिया था क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. फिर मुझे एक दिन दीदी का वह पत्र मिला जिस ने सारे राज खोल दिए और मुझे परेशानी व असमंजस में डाल दिया कि क्या दीदी की आत्महत्या को मैं यों ही व्यर्थ जाने दूं? मैं बालकनी में पड़ी कुरसी पर चुपचाप बैठा था. जाने क्यों मन उदास था, जबकि लता दीदी को गुजरे अब 1 माह से अधिक हो गया है. दीदी की याद आती है तो जैसे यादों की बरात मन के लंबे रास्ते पर निकल पड़ती है. जिस दिन यह खबर मिली कि ‘लता ने आत्महत्या कर ली,’ सहसा विश्वास ही नहीं हुआ कि यह बात सच भी हो सकती है. क्योंकि दीदी कायर कदापि नहीं थीं. शादी के बाद, उन के पहले 3-4 साल अच्छे बीते. शरद जीजाजी और दीदी दोनों भोपाल में कार्यरत थे. जीजाजी बैंक में सहायक प्रबंधक हैं. दीदी शादी के पहले से ही सूचना एवं प्रसार कार्यालय में स्टैनोग्राफर थीं.

Hindi Family Story Big Brother Part 1 to 3

  Hindi kahani big brother बड़े भैया-भाग 1: स्मिता अपने भाई से कौन सी बात कहने से डर रही थी जब एक दिन अचानक स्मिता ससुराल को छोड़ कर बड़े भैया के घर आ गई, तब भैया की अनुभवी आंखें सबकुछ समझ गईं. अश्विनी कुमार भटनागर बड़े भैया ने घूर कर देखा तो स्मिता सिकुड़ गई. कितनी कठिनाई से इतने दिनों तक रटा हुआ संवाद बोल पाई थी. अब बोल कर भी लग रहा था कि कुछ नहीं बोली थी. बड़े भैया से आंख मिला कर कोई बोले, ऐसा साहस घर में किसी का न था. ‘‘क्या बोला तू ने? जरा फिर से कहना,’’ बड़े भैया ने गंभीरता से कहा. ‘‘कह तो दिया एक बार,’’ स्मिता का स्वर लड़खड़ा गया. ‘‘कोई बात नहीं,’’ बड़े भैया ने संतुलित स्वर में कहा, ‘‘एक बार फिर से कह. अकसर दूसरी बार कहने से अर्थ बदल जाता है.’’ स्मिता ने नीचे देखते हुए कहा, ‘‘मुझे अनिमेष से शादी करनी है.’’ ‘‘यह अनिमेष वही है न, जो कुछ दिनों पहले यहां आया था?’’ बड़े भैया ने पूछा. ‘‘जी.’’ ‘‘और वह बंगाली है?’’ बड़े भैया ने एकएक शब्द पर जोर देते हुए पूछा. ‘‘जी,’’ स्मिता ने धीमे स्वर में उत्तर दिया. ‘‘और हम लोग, जिस में तू भी शामिल है, शुद्ध शाकाहारी हैं. वह बंगाली तो अवश्य ही

Maa Ki Shaadi मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था?

मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? मां की शादी- भाग 1: समीर अपनी बेटी को क्या बनाना चाहता था? समीर की मृत्यु के बाद मीरा के जीवन का एकमात्र मकसद था समीरा को सुखद भविष्य देना. लेकिन मीरा नहीं जानती थी कि समीरा भी अपनी मां की खुशियों को नए पंख देना चाहती थी. संध्या समीर और मैं ने, परिवारों के विरोध के बावजूद प्रेमविवाह किया था. एकदूसरे को पा कर हम बेहद खुश थे. समीर बैंक मैनेजर थे. बेहद हंसमुख एवं मिलनसार स्वभाव के थे. मेरे हर काम में दिलचस्पी तो लेते ही थे, हर संभव मदद भी करते थे, यहां तक कि मेरे कालेज संबंधी कामों में भी पूरी मदद करते थे. कई बार तो उन के उपयोगी टिप्स से मेरे लेक्चर में नई जान आ जाती थी. शादी के 4 वर्षों बाद मैं ने प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया. उस के नामकरण के लिए मैं ने समीरा नाम सुझाया. समीर और मीरा की समीरा. समीर प्रफुल्लित होते हुए बोले, ‘‘यार, तुम ने तो बहुत बढि़या नामकरण कर दिया. जैसे यह हम दोनों का रूप है उसी तरह इस के नाम में हम दोनों का नाम भी समाहित है.’’ समीरा को प्यार से हम सोमू पुकारते, उस के जन्म के बाद मैं ने दोनों परिवारों मे